Saturday, September 21, 2024
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कभी मर्द तो कभी औरत…: मिलिए उस बैंकर से जो मूड के हिसाब से बदलते हैं ‘लिंग’, पुरुष होकर भी ‘टॉप 100 महिला’ में पा चुके हैं जगह

फिलिप अपने आपको एक प्राउड फादर और प्राउड हसबैंड भी कहते रहे और समय आने पर महिलाओं की ड्रेस, विग और मेक अप करके ऑफिस भी पहुँच भी जाते। ऐसे में कई नारीवादी उनसे चिढ़ते हैं। नारीवादियों का मत है कि वो महिला जैसे कपड़े पहन महिलाओं का अपमान करता है।

बिजनेस की दुनिया में अपनी स्ट्रैटेजी और मेहनत के बल शोहरत कमाने वाले कई लोगों के नाम आप जानते होंगे। लेकिन क्या आपको एक ऐसे बिजनेस पर्सन का नाम पता है जो अपनी नीतियों से ज्यादा अपनी वेष-भूषा के लिए चर्चा में रहता है। अगर नहीं, तो आपको फिलिप बन्स उर्फ पिप्स बन्स के बारे में जानना चाहिए।

फिलिप बन्स/पिप्स बन्स क्रडिट सूज के डायरेक्टर हैं और पहल खुद को न पुरुषों में मानते हैं और न महिला मे। वो खुद को एक नॉन बाइरी एक्जिक्यूटिव के तौर पर पेश करते हैं। सुबह उनका मूड तय करता है कि वो उस दिन पुरुष बनकर रहेंगे या फिर महिला। अगर पुरुष बनने की इच्छा होती है तो वो केवल कोट पैंट पहन लेते हैं और अगर महिला बनने की होती है तो साथ में टाइट ड्रेस, सिर पर विग और चेहरे पर मेक अप भी लगाते हैं।

अपने मूड के हिसाब से तैयार होकर ही वो कभी आदमी तो कभी महिला बनकर अपने दफ्तर आते जाते हैं। उनकी लिंकेनडिन प्रोफाइल पर भी ‘शी/हर/दे’ लिखा हुआ है। उनकी तस्वीरें भी यदि देखें तो किसी में उन्होंने महिलाओं वाली वेष-भूषा धारण की हुई है और कई में जेंटलमेन बनकर खड़े हैं।

हाल में उन्होंने बैंक ऑफ लंदन की ओर से ‘इंस्पीरेशनल रोल म़ॉडल ऑफ द ईयर’ के लिए नॉमिनेट किया गया था। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद देते हुए अपने लिंकेनडिन पर पोस्ट डाला। इसमें भी उनकी दोनों भेषों में फोटो देख सकते हैं। इसके अलावा 2022 में उन्हें ब्रिटिश डायवर्सिटी अवार्ड मिला था।

मालूम हो कि साल 2018 के करीब फिलिप उर्फ पिप्स का नाम फाइनेंशिल टाइम्स ने ‘टॉप 100 वीमन इन बिजनेस’ में शामिल किया था। जिसके बाद कई लोगों ने इस पर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की थी। कई नारीवादियों का कहना था कि आदमी बनकर तो कभी औरत बनने वाले पिप्स को ये अवार्ड देना महिलाओं का मजाक है।

फिलिप अपने आपको एक प्राउड फादर और प्राउड हसबैंड भी कहते रहे हैं और समय आने पर महिलाओं की ड्रेस, विग और मेक अप करके ऑफिस भी पहुँच भी जाते हैं। उन्हें जब बिजनेस के शीर्ष 100 लोगों में शामिल करने की बारी आई तो उन्होंने महिलाओं की सूची में आना वाजिब समझा न कि पुरुषों की लिस्ट में।

साल 2018 के अगर आर्टिकल देखें तो उनका इस तरह टॉप 100 वीमन्स की लिस्ट में आना कई लोगों को पसंद नहींं आया था। बताया जाता है कि बैंकर पहले ऐसे नहीं थे। उन्होंने 10-12 साल पहले ही लड़कियों की ड्रेस पहनकर खुद को ‘शी/हर/दे’ की कैटेगरी में रखना शुरू किया। कई ट्रांस महिलाएँ जो पूरी तरह हमेशा महिलाओं की तरह रहती हैं उन्हें भी फिलिप उर्फ पिप्स का इस तरह अपने हूलिए को बदलकर बताना अपमानजनक लगा।

कुछ यूजर्स ने तो ‘टॉप 100’ में आई महिलाओं की लिस्ट में से 99 की तारीफ की और फिर 101वें पद पाने वाली महिला की तारीफ की। लोगों का कहना था कि इनमें से एक नाम गलत है जो सिर्फ लड़कियों की तरह कपड़े पहनता है और इस लिस्ट में अवार्ड भी ले रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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