Saturday, April 27, 2024
Homeदेश-समाज'धर्मांतरण करने वालों को न मिले आरक्षण': छत्तीसगढ़ में जनजातीय समाज ने बुलाई महारैली,...

‘धर्मांतरण करने वालों को न मिले आरक्षण’: छत्तीसगढ़ में जनजातीय समाज ने बुलाई महारैली, कहा – अपनी संस्कृति छोड़ने वालों को बाहर किया जाए

जिन लोगों ने अपने धर्म और संस्कृति को छोड़कर दूसरे धर्म को अपना लिया है, उन्हें जनजातीय श्रेणी से बाहर किए जाने की माँग की जा रही है।

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का शिकार हो रहे जनजातीय समाज के लोगों को बचाने के लिए ‘जनजाति सुरक्षा मंच’ रविवार (16 अप्रैल, 2023) को रायपुर में बड़ा आंदोलन करने जा रहा है। इस आंदोलन के तहत ‘जनजाति सुरक्षा मंच’ धर्मांतरण करने वाले जनजातियों को आरक्षण न देने की माँग करेगा।

दरअसल, धर्मांतरण के लिए जनजातीय वर्ग ईसाई मिशनरियों और इस्लामिक मौलवियों के निशाने पर रहा है। खासतौर से छत्तीसगढ़ के कई जनजातीय बाहुल्य इलाके अब धर्मांतरण का शिकार हो चुके हैं। लेकिन धर्मांतरण इस्लाम या ईसाइयत अपनाने के बाद भी लोग खुद को जनजातीय बताते हुए आरक्षण समेत अन्य लाभ प्राप्त करते रहे हैं। इसको लेकर ही अब जनजातीय सुरक्षा मंच आंदोलन कर रहा है।

‘जनजातीय सुरक्षा मंच’ का दावा है कि रविवार (16 अप्रैल, 2023) को राजधानी रायपुर में होने वाली इस महारैली में हजारों जनजातीय शामिल होंगे। इस महारैली के माध्यम से जनजातीय वर्ग धर्मांतरित हो चुके जनजातियों को डी-लिस्ट करने की माँग करेगा। इसका अर्थ यह है कि जिन लोगों ने अपने धर्म और संस्कृति को छोड़कर दूसरे धर्म को अपना लिया है, उन्हें जनजातीय श्रेणी से बाहर किया जाए। यही नहीं, जनजातीय सुरक्षा मंच इसके लिए संविधान संशोधन की भी माँग कर रहा है।

इस आंदोलन को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा मंच से जुड़े गणेश राम भगत का कहना है कि छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में धर्मांतरण हुआ है। धर्मांतरण करने के बाद भी लोग अवैध रूप से जनजातियों के हिस्से की सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। इसमें आरक्षण जैसी सुविधा भी शामिल है। जनजातीय वर्ग चाहता है कि छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के करोड़ों जनजातियों के साथ हो रहे इस अन्याय को रोका जाए और धर्मांतरण करने वालों को डी-लिस्ट किया जाए।

जनजाति सुरक्षा मंच का तर्क है कि जनजातियों को आरक्षण उनके सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए दिया गया था लेकिन जब कोई धर्मांतरण कर लेता है तो वह जनजातियों की संस्कृति को छोड़ देता है और जनजातीय नहीं रह जाता। ऐसे में धर्मांतरित लोगों को आरक्षण देने का कोई मतलब नहीं है।

छत्तीसगढ़ की सत्ता बदल सकता है धर्मांतरण का मुद्दा

साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले धर्मांतरण को लेकर भाजपा भूपेश बघेल सरकार को घेरने में जुटी हुई है। बीजेपी के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि वह डी-लिस्टिंग के पक्ष में हैं। वहीं, भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष विकास मकराम ने आरोप लगाया कि धर्मांतरण रोकने के लिए राज्य सरकार नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कर रही है

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

6 महीने में आग लगने की 565 घटनाएँ, 690 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित: उत्तराखंड में इस साल भी गर्मियों में वही समस्या, काफी ज्वलनशील...

कालागढ़ टाइगर रिजर्व, राजाजी टाइगर रिजर्व और नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में आग लगने से जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता खड़ी हो गई है।

‘देश शरिया से नहीं चलेगा, सरकार बनते ही पूरे देश में लागू होगा समान नागरिक संहिता’: गृहमंत्री अमित शाह बोले- धारा 370 को कॉन्ग्रेस...

अमित शाह ने कहा कि देश तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनते ही पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू होगी, ये 'मोदी की गारंटी' है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe