सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग पर पंचायत चुनाव 2023 के दौरान संवेदनशील पोलिंग स्टेशनों की जानकारी न देने का आरोप लगाया है। BSF के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय बलों द्वारा संवेदनशील पोलिंग स्टेशनों की जानकारी बार-बार और पत्र तक लिख कर माँगी गई लेकिन उस पर कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने बताया कि BSF की तैनाती भी स्थानीय प्रशासन के आदेश के मुताबिक हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार (9 जुलाई 2023) को सीमा सुरक्षा बल के DIG सुरजीत सिंह गुलेरिया ने पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि BSF ने बार-बार उन बूथों की जानकारी माँगी जो संवेदनशील हैं लेकिन बावजूद इसके राज्य चुनाव आयोग की तरफ से इस बावत आधी-अधुरी लिस्ट आई। गुलेरिया ने बताया कि केंद्रीय बलों को सिर्फ संवेनशील बूथों की सँख्या बताई गई। उस लिस्ट में उन बूथों की जगह या नाम आदि का कोई जिक्र नहीं था।
बीएसएफ के डीआइजी एसएस गुलेरिया ने आगे बताया कि पश्चिम बंगाल में चुनाव ड्यूटी के लिए 25 राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य सशस्त्र पुलिस की 59,000 टुकड़ियां पहुंची थीं लेकिन इस बल का प्रयाग संवेदनशील मतदान केंद्रों पर ठीक से नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बूथों पर केंद्रीय व अन्य राज्यों के पुलिस बल की तैनाती स्थानीय प्रशासन के आदेश पर की गई है। DIG ने यह भी बताया कि राज्य चुनाव आयोग ने BSF को कुल संवेदनशील बूथों की सँख्या 4834 बताई थी लेकिन वास्तविक तादाद इस से कहीं अधिक है।
BSF के अनुसार पश्चिम बंगाल राज्य में 3317 ग्राम पंचायतों, 341 पंचायत समितियों और 20 जिला परिषदों के लिए चुनाव कराने के लिए कुल 61,636 मतदान केंद्र बने हैं। BSF ने शंकरपुर खारग्राम नाम की एक जगह का जिक्र अपने ट्वीट में किया है जहाँ क्रूड बम फेंक कर बूथ लूटने का प्रयास जवानों ने विफल कर दिया था। BSF के मुताबिक हमला एक भीड़ ने किया था।
During #PanchayatElection2023 unruly mob tried to loot the ballot boxes by hurling crude bombs at polling booths 106 &107 at Shankarpur, Khargram. BSF troops fired 02 rounds in air to disperse the mob and ensured safety of Polling staff & ballot boxes.#BeyondCallOfDuty#JaiHind pic.twitter.com/pwq6PujZQ1
— BSF EASTERN COMMAND (@BSF_SDG_EC) July 8, 2023
बताते चलें कि शनिवार को पश्चिम बंगाल के हुए पंचायत चुनाव में पूरे प्रदेश में हिंसा हुई थी। इस हिंसा में 13 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य घायल हुए थे। मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग और मतदानकर्मियों पर हमलों की भी शिकायतें आई थीं। चुनाव खत्म होने के बाद मतपेटियों को प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बने 339 स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रख दिया गया था। इन स्ट्रांग रूम की रखवाली केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) को मिली है।