Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीति'नज़रुल इस्लाम ने लिखी महाभारत': 'चाँद पर इंदिरा गाँधी' और 'अंतरिक्ष में राकेश रोशन'...

‘नज़रुल इस्लाम ने लिखी महाभारत’: ‘चाँद पर इंदिरा गाँधी’ और ‘अंतरिक्ष में राकेश रोशन’ के बाद CM ममता बनर्जी का नया शिगूफा, BJP बोली – जानबूझकर विकृत कर रहीं हिन्दू धर्म के तथ्य

उन्होंने ये भी कहा था कि इंदिरा गाँधी चाँद पर गई थी और उन्होंने राकेश रोशन से पूछा था कि भारत वहाँ से कैसा दिखता है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने अनोखे और अजीबोगरीब बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं। अभी चंद्रयान-3 को लेकर उनके दिए अटपटे बयान को चंद दिन ही गुजरे हैं कि अब फिर से उन्होंने एक अजीबोगरीब बयान दे डाला है।

इस बार तृणमूल कॉन्ग्रेस की स्टूडेंड विंग (TMCP) के स्थापना दिवस पर सोमवार (28 अगस्त, 2023) उन्होंने विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम को महाभारत का रचियता बता डाला है। उनके इस बयान को लेकर भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि इतिहास को विकृत करना सीएम बनर्जी की पुरानी आदत रही है।

‘हमारे महापुरुषों को पढ़िए’

बांग्ला साहित्य के कवि काजी नजरुल इस्लाम को बंगाल के विद्रोही कवि के तौर पर जाना जाता है। उनके औपनिवेशिक शासन के खिलाफ और सांप्रदायिक सौहार्द पर लिखे गीत और कविताएँ खासे मशहूर हैं। TMCP के स्थापना दिवस पर सीएम ममता बनर्जी ने इन्हीं नज़रुल इस्लाम को महाभारत का रचियता बता दिया।

इस दौरान सीएम बनर्जी ने कहा कि केवल पढ़ाई जिंदगी के सही मायने नहीं सिखा सकती है, इसके लिए बड़ा दिल होना चाहिए। उन्होंने का कि हमें इसके लिए अपने महापुरुषों को लिखे को पढ़ना और समझना चाहिए। उन्होंने लोगों को रविंद्रनाथ टैगोर, नजरुल और विवेकानंद को पढ़ने की सलाह दे डाली। इसी दौरान उन्होंने कह दिया कि काजी नजरुल इस्लाम ने महाभारत लिखी थी।

ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने अपने बयान में ऐतिहासिक चीजों के बारे में गलत जानकारी दी है। इससे पहले चंद्रयान-3 मिशन के कामयाब होने पर भी वो ऐसा ही अटपटा बयान दे चुकी हैं। इसके लिए उन्हें खासा ट्रोल भी किया गया।

कहा था – इंदिरा गाँधी चाँद पर गईं

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की कामयाबी के बाद भी सीएम बनर्जी ने ऐसा ही बयान दिया था। दरअसल, ममता बनर्जी ने राकेश शर्मा की जगह बॉलीवुड के डॉयरेक्टर राकेश रोशन को भारत का पहला अंतरिक्ष यात्री बता डाला था।

उन्होंने ये भी कहा था कि इंदिरा गाँधी चाँद पर गई थीं और उन्होंने राकेश रोशन से पूछा था कि भारत वहाँ से कैसा दिखता है। यहीं नहीं उन्होंने सोयुज टी-11 को चंद्रयान कहा था, जबकि ये एक अंतरिक्ष कार्यक्रम था। तब उन्हें नेटिजन्स ने ये कहकर ट्रोल किया था कि कहीं उन्होंने चंद्रयान-3 की लैंडिंग का लाइव प्रसारण देखने की जगह राकेश रोशन की फिल्म ‘कोई मिल गया’ तो नहीं देख ली।

क्या है सीएम ममता बनर्जी का इरादा?

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस तरह के अटपटे और गलत बयानों पर पता नहीं क्या साबित करना चाहती है। विपक्षी दलों के महागठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA)’ की मुंबई में गुरुवार 31 अगस्त से तीसरी बैठक शुरू हो रही। ये 1 सितंबर तक चलेगी। इसमें 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों में पीएम पद की उम्मीदवारी पर चर्चा होने वाली है। ऐसे में सीएम बनर्जी की कहीं ये सभी का ध्यान खींचने की कोशिश तो नहीं की?

सीएम बनर्जी पर बीजेपी का वार

माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर बीजेपी एमएलए और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि इतिहास को विकृत करना ममता बनर्जी की पुरानी आदत रही है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के ऐतिहासिक घटनाओं को तोड़-मरोड़ कर पेश करना सार्वजनिक जानकारी का विषय है।

उन्होंने कहा कि यह आम तौर पर लोगों को हँसने का मौका देता है, कोई भी नाराज नहीं दिखता क्योंकि हर कोई जानता है कि सीएम का सामान्य ज्ञान वास्तव में खराब है, लेकिन हाल ही में उनमें हिंदू धर्म से संबंधित तथ्यों को विकृत करने की प्रवृत्ति विकसित हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि 4 जुलाई, 2023 को उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू पर टिप्पणी की कि उन्होंने या उनकी सरकार ने तारकेश्वर, कालीघाट, दक्षिणेश्वर और अन्य हिंदू तीर्थ स्थलों जैसे पवित्र मंदिरों का निर्माण किया है। 28 अगस्त, 2023 को अपने स्थापना दिवस के अवसर पर टीएमसीपी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सबसे महान महाकाव्य महाभारत काजी नजरुल इस्लाम ने लिखा था।

उन्होंने लिखा, “मुझे लगता है कि वह बहुत अच्छी तरह से जानती है कि महान ऋषि महर्षि वेदव्यास महाभारत के रचयिता हैं, लेकिन उन्होंने जानबूझकर कहा कि महाभारत के रचयिता काजी नजरुल इस्लाम हैं। ऐसा लगता है कि वह हमारे महान धर्म के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करके संतुष्टि की विकृत भावना महसूस करती है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -