हमास के इस्लामी आतंकवादियों पर इजरायली सेना का कहर जारी है। इस दौरान लाशों को इकट्ठा करने वाले एक शख्स की आँखों देखी हालात हर किसी की रूह कंपा देने के लिए काफी है। इजरायली सेना के उस शख्स का कहना है कि उन्होंने ऐसी हिंसा पहले कभी नहीं देखी। इसे लफ्जों में बयां करना मुश्किल है।
हालाँकि, ये युद्ध के मोर्चे पर राहत और बचाव के लिए डटे हर दूसरे शख्स की कहानी है, फिर चाहे वो इजरायल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) से हो या स्वयंसेवी समूह से। आईडीएफ ने ऐसी लाशें बरामद की हैं, जो हमास आंतकियों के हमलों की वहशीपन की कहानी खुद-ब-खुद बता रही हैं।
आईडीएफ के मुताबिक, ये ऐसे क्रूर हमले हैं जिनमें नवजात शिशुओं को भी नहीं बख्शा गया। कुछ को जलाकर मारा गया तो कुछ को चेहरे पर गोली मारी गई। वहीं, कुछ लोगों को चाकू घोंप दिए गए। हमास के आतंकवादियों ने सड़कों पर निर्दोष इज़रायली नागरिकों को गोलियों से भून डाला। जो कोई दिखा उसे खत्म कर डाला।
संयुक्त राष्ट्र में इज़रायल के स्थायी प्रतिनिधि जिलाद एर्दान के मुताबिक, “इन आतंकवादियों ने घरों में तोड़फोड़ की और लोगों को ऐसे गोली मार दी, जैसे वो कीड़े मार रहे हों।” वहीं अप्राकृतिक मौत के शिकार लोगों की लाशें बरामद करने वाली संस्था जका से जुड़े योसी लांदौ ने ऐसे-ऐसे मंजर देखे, जिन्होंने उन्हें हिलाकर रख दिया।
हमास की बर्बरता की कहानी योसी लांदौ की जुबानी
स्वयंसेवक योसी लांदौ बताते हैं कि उन्होंने इज़रायल में लाशें इकट्ठा करने में दशकों बिताए हैं, लेकिन देश के सबसे घातक हमले में गाजा आतंकवादियों के हमले में मारे गए लोगों के अवशेषों को इकट्ठा करने में वो मानसिक और भावनात्मक तौर पर बुरी तरह टूट गए।
लांदौ शनिवार (14 अक्टूबर 2023) को सायरन की आवाज़ सुनकर जागे। इसे सुनकर रॉकेट फायर से बचने के लिए इजरायली शेल्टर में चले गए। ये एक ऐसा पल था, जिसके लांदौ आदी थे। उन्हें अब इससे फर्क नहीं पड़ता। लांदौ गाजा के उत्तर में एक तटीय शहर अशदोद रहने वाले हैं।
You can see their injuries,
— Israel Defense Forces (@IDF) October 14, 2023
hear their cries
and feel them trembling from fear as these children are held hostage in their own homes by Hamas terrorists and their parents lie there dead in the next room.
These are the terrorists that we are going to defeat. pic.twitter.com/myDsGnOzT1
दरअसल, उनके जेहन में सेडरोट का वो खौफनाक मंजर इस तरह छप चुका है कि अब भी उसे याद कर वो सिहर उठते हैं। वहाँ उन्हें एक इज़रायली गर्भवती औरत की लाश देखी थी, जिसका पेट हमास के आंतकियों ने फाड़ डाला था, लेकिन इस फटे पेट की गर्भनाल से बच्चा जुड़ा हुआ था।
आतंकियों ने उसे भी नहीं छोड़ा उस अजन्मे बच्चे को भी चाकू गोदकर लहुलुहान कर दिया था। उन्होंने इसे याद करते हुए कहा, “मुझे लगा कि मैं टूट रहा हूँ, न केवल मैं, बल्कि मेरा पूरी टीम टूट रही है।” योसी ने कहा कि हमलों के बाद उन्होंने दर्जनों लाशों को रेफ्रिजरेटर वाले ट्रकों पर लादा था।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लाशें ऐसी हालत थीं कि उसे देखकर लग रहा था कि उनका यौन शोषण किया गया है। लांदौ ने कहा कि उन्होंने लगभग 20 बच्चों सहित कई ऐसे नागरिकों को देखा, जिनके दोनों हाथों को गोली मारने और फिर जलाने से पहले पीछे करके बाँध दिए गए थे।
उन्होंने और उनकी टीम ने ये भयावहता उस वक्त देखी थी, जब वे इज़रायल पर हमास के आतंकवादी हमले से सबसे अधिक प्रभावित शहर की तरफ जा रहे थे। उन्होंने आगे कहा, “मैंने कारों को पलटा हुआ देखा, मैंने सड़क पर लोगों को मरे देखा। सड़क का एक हिस्सा जिसमें 15 मिनट लगने चाहिए थे, उसे पार करने में हमें 11 घंटे लग गए, क्योंकि वहाँ से सभी को उठाते और उन्हें एक बैग में रखते जा रहे थे।”
गौरतलब है कि हमास आतंकवादी समूह ने इजरायल के दक्षिण में गाजा पट्टी की सीमा से लगे शहर किबुत्ज बीरी, सेडरोट और अश्कलोन पर सबसे पहले शनिवार (7 अक्टूबर 2023) को हमला किया था। हमास के आतंकवादियों ने पिछले छह दिनों में अनुमानित 1,200 लोगों की हत्या कर दी है।