राजस्थान में बाबूलाल वैष्णव नाम के पुजारी को 6 से 8 लोगों ने पेट्रोल डालकर जला दिया। बाद में उनकी इलाज के दौरान जयपुर के अस्पताल में मृत्यु हो जाती है।
यहाँ कट्टरपंथी और वामी-कामी गिरोह सत्तू-नमक बाँध कर बैठा है कि जब तक दो भी जिंदा रहेगा आपसे में ही लड़ मरेंगे, एक ही बचा तो हाथ में तलवार और पैर के अँगूठे और दूसरी उँगली के बीच में कटार फँसा कर लड़ता रहेगा। उसका जन्म ही अराजकता फैलाने के लिए हुआ है, हिंसा उसकी नियति है, हिन्दूघृणा उसका न बदल सकने वाला पाठ्यक्रम है, आग लगाना उसकी मनोवृत्ति है, दंगा उसके लिए मजहबी आयोजन है…