पत्रकारिता छोड़कर ऑल्टन्यूज को कोचिंग संस्थान चलाने के धंधे में भी आने के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि सात दिनों के परिश्रम से जब इस तरह के परिणाम मिल सकते हैं तो ये लोग न्यूज एजेंसी की तर्ज पर 'समुदाय विशेष पीड़ित कोचिंग संस्थान' शुरू कर सकते हैं।
'पिंजरा तोड़' वामपंथी विचारधारा की विष-बेल बन दिल्ली यूनिवर्सिटी को बर्बाद कर रही है। दंगों में भी पुलिस ने इनकी भूमिका बताई है, क्योंकि दंगों की तैयारी के दौरान इनके सदस्य उन इलाकों में होते थे।
रवीश कुमार की आर्थिक पैकेज पर अज्ञानता; श्रमिकों की चिंता है, लेकिन योगी बस की स्थिति चेक न करे; Y2K पर विशुद्ध झूठ; लोगों को भड़काने की कोशिश जारी है।