हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
मैंने राहुल गाँधी के लिए ट्वीट किया, आधी रात घर पहुँच गई IB: मैंने इसे आपको बताने का फैसला किया है, क्योंकि मेरा चुप...
पहले मैंने सोचा था ये किसी को नहीं बताऊँगा। फिर रवीश कुमार की याद आई। वे अक्सर कहते हैं साहस की मंदी है। मैं इस मंदी को खत्म करना चाहता हूँ।
अजीत झा -
मीडिया हलचल
अब यूट्यूब पर देखने की भी आदत बदलिए, क्योंकि वैचारिक स्खलन की नई मीनार गढ़ते कहीं भी दिख सकते हैं रवीश कुमार
रवीश कुमार विलायती वेब सीरिज के उस सुरक्षाकर्मी की हालत में जा चुके हैं, जिसे इंतजार है कि वो आए और वे निस्तेज गति को प्राप्त हो जाएँ।
अजीत झा -
राजनीति
विजय दिवस का दिन, भारत की मिट्टी और भारत की सेना का अपमान: चीन का यह ‘एजेंट’ राष्ट्रद्रोही नहीं तो और क्या है
'अरुणाचल में चीन भारत के जवानों को पीट रहा है', यह कहना राष्ट्रद्रोह है। ऐसा कहने वाले व्यक्ति के साथ राजनीतिक तरीके से नहीं, कानूनी तरीके से निपटा जाना चाहिए।
अजीत झा -
राजनैतिक मुद्दे
सुशासन बाबू! हम बिहारियों को मार डालिए, अपने बड़े भाई की तरह रौंद डालिए; पर हमारे बिहार को माफ कर दीजिए
सिद्धांत, शुचिता, मर्यादा, आत्म नियंत्रण... से चले नीतीश कुमार ने पहले अंतरात्मा, लोकलाज, आदर्श को मारा। अब बिहार को क्यों मारने पर तुले हैं?
अजीत झा -
देश-समाज
गौतम गंभीर ने सही कहा है, बातों से नहीं होता न्याय, पर उस सिस्टम का क्या करें जिसमें एसिड अटैक के ‘दोषी’ ही नहीं...
एसिड अटैक के मामलों में दोषसिद्धि की दर बेहद कम है। इसके बिना तेजाब हमला करने वाले दरिंदों में वह खौफ पैदा नहीं होगा, जिसकी बात गौतम गंभीर कर रहे हैं।
अजीत झा -
राजनैतिक मुद्दे
AAP को जीत, दिल्ली को दुविधा मुबारक
AAP की केजरीवाल सरकार से भंग होता मोह। BJP शासित निगम के रहते घर के बाहर लगा कूड़े का ढेर। दुविधा में दिल्ली ने खुद का कूड़ा-कूड़ा कर लिया।
अजीत झा -
मीडिया हलचल
NDTV और रवीश कुमारः अब वो फिरते हैं तन्हा लिए दिल को, एक जमाने में मिजाज उनका सर-ए-अर्श-ए-बरीं था
एनडीटीवी मीडिया की अन्य दुकानों की तरह ही है। न पवित्र गाय, न सूअर। वे बस हुनरमंद रहे हैं विष्ठा को भस्म बता बेचने और खुद को बुद्धिजीवी बताने के।
अजीत झा -
राजनीति
सत्येंद्र जैन का ‘तबरेज भाई’ कौन, जेल में मालिश करवाने में 20 थे बिहार वाले ‘तबरेज आलम’: जिनसे सीख सकती है केजरीवाल एंड मंडली
दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन भले जेल में 'मसाज' लेते हों पर तबरेज भाई के गुर्गे जेल में 'मालिश' लेते थे। वैसे तबरेज भाई 'मुँहचोर' भी नहीं थे कि गुर्गों की मालिश को फिजियोथेरेपी बता दें।
अजीत झा -