Saturday, April 27, 2024
183 कुल लेख

Shiv Mishra

बस नाम में शीत, गरमी भरपूर: संसद के इस सत्र में पश्मीना शॉल के अलावा और क्या-क्या होगा, सब कुछ एक साथ

संसद सत्र हंगामेदार होगा, यह भारतीय राजनीति के विशेषज्ञों और मीडिया का सबसे बासी क्लीशे है। असल में क्या होना है यह जानिए।

राष्ट्रीय राजनीति में ममता बनर्जी क्या दे पाएँगी PM मोदी को टक्कर: चुके हुए कॉन्ग्रेसी-विपक्षी नेताओं के सहारे तलाश रहीं है नई भूमिका

राष्ट्रीय राजनीति में जिस भूमिका की तलाश में ममता बनर्जी हैं, उसे पहले से ही अस्तित्व के संकट से दो-चार हो रहे अन्य दलों के चुक गए नेताओं के सहारे पाना बड़ी चुनौती होगी।

बिटकॉइन में लगे पैसे का क्या होगा, क्रिप्टोकरेंसी पर मोदी सरकार के बिल में क्या है: जानिए सब कुछ

क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक का फैसला चाहे जो हो, उस पर कानून और नियम बनाने का प्रस्ताव उचित दिशा में सही कदम है और इसका स्वागत होना चाहिए।

ईशनिंदा कानून की माँग, यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध: भारत में हिंदू बना रहे सेकुलर, मुस्लिमों को चाहिए शरिया

मुस्लिम समाज औरों से धर्म निरपेक्षता की उम्मीद करता है पर खुद धर्मनिरपेक्ष होने के लिए तैयार नहीं है। बोर्ड के प्रस्ताव में केवल मुस्लिम समाज के ईशों की निंदा की बात की गई है।

उम्मीद, इमोशन, मीम: सबसे बड़े IPO का सबसे खराब प्रदर्शन, पहले ही दिन निवेशकों को लगा ₹35000 करोड़ का चूना

लिस्टिंग के दिन ही Paytm के शेयरों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और निवेशकों के करीब 35 हजार करोड़ रुपए डूब गए। इसके बाद सोशल मीडिया में मीम की बाढ़ आ गई।

बिरादर ‘थूकने’ से फैलता है कोरोना, वैक्सीन लेने से नहीं होते ‘नपुंसक’: सलमान खान के कहने का इंतजार न करो, टीका लगवा लो

वैक्सीन को लेकर मुस्लिम समाज में यही झिझक पोलियो के खिलाफ अभियान के शुरूआती दिनों में भी दिखी थी जिसके कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।

झूठ, फेक न्यूज़, प्रोपेगेंडा, चोरी पकड़े जाने पर शोर… त्रिपुरा ने फिर साबित किया लेफ्ट-लिबरल गिरोह के लिए एजेंडा ही सबकुछ

लिबरल गिरोह और उसके इकोसिस्टम के लोगों के लिए अब अपने एजेंडा को छिपाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती। अब ये इकोसिस्टम पूरी बेशर्मी के साथ अपना एजेंडा चलाता है।

वीर दास जैसों की भारत घृणा ‘अभिव्यक्ति की आजादी’, कंगना की अभिव्यक्ति ‘घृणा’: कुंठा की ये नंगई नहीं चलेगी लिबरलों

जो कंगना रनौत की बातों के विरोध में किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं, वही वीर दास के लिए अभिव्यक्ति की आजादी का हथियार चला रहे।

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