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यशार्क पांडेय
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समाप्त हो चुका है अनुच्छेद 370 का औचित्य, अब इसे जाना चाहिए: जानिए क्यों और कैसे
अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर जितना विवाद है उससे अधिक इसकी गलत व्याख्या की जाती रही है। इस अनुच्छेद की व्याख्या में अनर्गल तर्क देने वाले बुद्धिजीवी यहाँ तक कहते रहे हैं कि 370 ‘कश्मीर को असाधारण स्वायत्ता’ प्रदान करता है।
बड़ी ख़बर
पाकिस्तान का ‘डीप स्टेट’ चाहता है कि मोदी PM बनें – क्रिस्टीन फेयर के खोखले तर्क
क्या भारत ने नियंत्रण रेखा के पार एयर स्ट्राइक कर गलती की है? क्या भारत की एयर स्ट्राइक से पाकिस्तानी फ़ौज का दबदबा अपनी जनता पर बढ़ा है? इसका जवाब देना इतना कठिन भी नहीं है।
राजनैतिक मुद्दे
अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में होना चाहिए पाकिस्तान का बहिष्कार क्योंकि रंगभेद और ग्लोबल जेहाद का एक ही है ‘रंग’
रंगभेद और जेहादी आतंकवाद में कोई विशेष अंतर नहीं दिखाई पड़ता। आइसीस (ISIS) द्वारा औरतों को सेक्स स्लेव बनाना, पाकिस्तान में आतंकी संगठन जमात-उद-दावा की शरिया अदालतों द्वारा अमानवीय दंड देने वाले फैसले सुनाना जैसे कारनामें जेहाद को रंगभेद से अलग नहीं करते।
बड़ी ख़बर
पाकिस्तानी आतंक की सड़ाँध ईरान और अफ़ग़ानिस्तान तक है
सवाल यह है कि इतने सालों तक अमरीकी फ़ौज की मौजूदगी होते हुए भी अफ-पाक सीमा पर से आतंकवादियों का ख़ात्मा क्यों नहीं हो सका? उप विदेश मंत्री करज़ई इसके कारण बताते हुए लिखते हैं कि इन आतंकियों को ‘स्टेट’ (अर्थात पाकिस्तान) द्वारा संरक्षण प्राप्त है।
बड़ी ख़बर
पूरी दुनिया से कहा पाक को ‘आतंकी देश’ घोषित करो, खुद के प्रस्ताव में नाम भी नहीं!
सर्वसम्मति की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि हमारा शत्रु एक है- ‘आतंकवाद’। जो भी देश आतंक का भरण पोषण करता है वह हमारे लिए आतंकी देश होना चाहिए। यह विचार भारत के प्रत्येक संस्थान और व्यक्ति द्वारा बिना किसी रिलिजियस अथवा सामुदायिक भेदभाव के अंगीकार किया जाना चाहिए।
बड़ी ख़बर
कश्मीर में जिहाद को रोकने के लिए अपनाने होंगे ‘out of the box’ विकल्प
भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री लाना, उसे वाहन पर असेम्बल करना, कई दिन पहले से इलाके की रेकी करना और पूरा प्लान बनाने में अच्छा-खासा समय लगता है। यह स्थानीय सहायता के बिना संभव ही नहीं है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी
Valentine’s Day: फ्रैंक ड्रेक के फॉर्मूले से जानिए जीवनसाथी खोजने का गणित
वॉरविक इकोनॉमिक समिट में बैकस ने एक शोधपत्र पढ़ा था, जिसमें बैकस ने 1961 में डॉ फ्रैंक ड्रेक द्वारा दिए गए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल यह जानने के लिए किया था कि उनके आसपास रहने वाली कितनी लड़कियाँ गर्लफ्रेंड बन सकती हैं।
राजनैतिक मुद्दे
जम्मू-कश्मीर में लद्दाख को अलग डिवीज़न बनाने के क्या मायने हैं
राज्यपाल की मुहर के बाद अब लद्दाख डिविज़न का प्रशासनिक और रेवेन्यू मुख्यालय लेह में होगा जिसके बनने की तैयारी शुरू कर दी गई हैं। अब लेह में एक अलग डिविज़नल कमिश्नर और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस का पद और कार्यालय होंगे।