बिहार में गर्मी का प्रकोप ऐसा है कि अब इसके कारण प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। आपदा प्रबंधन विभाग ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि अब तक भीषण गर्मी व लू के कारण 184 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह आँकड़ा अब 200 के पार हो चुका है। हालत यह है कि सिर्फ़ पिछले 2 दिनों में 113 लोग काल के ग्रास बन गए हैं। स्थिति को और बदतर होने से बचाने के लिए गया में धारा 144 लागू कर दी गई है। डीएम अभिषेक सिंह ने नया निर्देश जारी करते हुए सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक लोगों को घर में ही रहने को कहा है।
इसके अलावा 11 बजे से 4 बजे तक दिन में सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता, धारा 144 लागू रहेगी। यहाँ तक कि सरकारी मनरेगा योजनाएँ व उनके तहत होने वाले कामकाज भी सुबह 10.30 के बाद ठप्प रहेंगे। खुले स्थानों पर किसी भी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने पर भी प्रशासन ने निषेध लगा दिया है। यह सब इसीलिए किया गया है क्योंकि ज़िले के अस्पतालों में कोहराम मचा हुआ है और गर्मी से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
Gaya: District Magistrate issues an order in view of scorching heat under section 144 (prohibiting unlawful assembly); bans governmental/non-governmental construction works, MGNREGA labour work, and any cultural programme or gathering in open spaces, between 11 am to 4 pm. #Bihar pic.twitter.com/gLnR1Y0XeN
— ANI (@ANI) June 17, 2019
बताया जा रहा है कि लू लगने से सबसे ज्यादा मौतें औरंगाबाद जिले में हुई हैं। धारा 144 लागू करने का एक कारण यह भी है कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने के कारण लोग आक्रोशित हो सकते हैं और असामाजिक तत्व इसका फ़ायदा उठा कर अस्पतालों में तोड़फोड़ कर सकते हैं, जिससे पहले से ही बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर और बुरा असर पड़ेगा। क़ानून व्यवस्था को देखते हुए डीएम ने समूचे जिले के लिए यह निर्देश जारी किया है।
जिलाधिकारी ने एहतियातन चैंबर ऑफ कॉमर्स, गया से भी निवेदन किया है कि गया शहरी क्षेत्र की दुकानों को दिन में सिर्फ 11:00 बजे तक खोला जाए एवं अपराह्न में 4:00 बजे के बाद खोला जाए। जिलाधिकारी ने आगे कहा कि दिन में 11:00 बजे से 4:00 बजे के बीच दुकानों को बंद रखा जाए और ग्राहकों को भी इसकी सूचना दी जाए, ताकि ग्राहक भीषण गर्मी एवं लू का शिकार न हो सकें।