सांसदों और पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्रियों समेत 12 तृणमूल कॉन्ग्रेस नेताओं पर FIR के बाद सीबीआई अब आवाज़ के नमूने इकट्ठे कर रही है। इसे सैमुएल के वीडियो से मिला कर उनके दावों की जाँच की जाएगी। 12 सितंबर को दास्तीदार की आवाज़ का नमूना भी लिया गया था।
बरखा ने आरोप लगाया था कि कपिल सिब्बल की पत्नी प्रोमिला सिब्बल तिरंगा टीवी में कार्यरत महिला कर्मचारियों को “कुतिया” या “बिच” कह कर बुलाती थीं। सिब्बल दम्पति के ख़िलाफ़ बरखा ने सिविल सूट दायर कर रखा है।
वह 16 साल की उम्र से महिलाओं के मानवाधिकार की लड़ाई लड़ रही हैं। सेना की बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाती हैं। उनकी आवाज खामोश करने के लिए पाकिस्तानी हुक्मरानों ने कई साजिशें रची। मुश्किलों से लड़ गुलालाई बनीं अल्पसंख्यकों के लिए उम्मीद की नई किरण।
महाराष्ट्र के पूर्व उप-मुख़्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने अंतःकरण की आवाज़ सुन कर इस्तीफा दिया है क्योंकि उनके चाचा शरद पवार का नाम इस घोटाले में घसीटा जा रहा है। 25,000 करोड़ रुपए के घोटाले में ईडी ने शरद और अजित के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।
लता मंगेशकर ने जब 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाना शुरू किया, तब नेहरू की आँखों में आँसू आ गए। नेहरू ने कहा कि जो इस गाने से प्रभावित और प्रेरित नहीं हो, उसे हिंदुस्तानी कहलाने का कोई हक़ नहीं है। आज लता मंगेशकर का जन्मदिन है। वह 90 वर्ष की हो गईं।
श्वेता की सहेली बरखा सोनी सेक्स रैकेट के रुपए को सुरक्षित रखने के लिए एनजीओ चलाती थी। बरखा नई दिल्ली में कॉन्ग्रेस मुख्यालय के बार-बार चक्कर लगाती थी। इसके सबूत उसके फेसबुक वॉल पर भरे हैं। कॉन्ग्रेस पार्टी के कई प्रमुख चेहरों के साथ उसकी तस्वीरें हैं।
सिंगर और ऐक्ट्रेस रबी पीरज़ादा ने वीडियो के माध्यम से कहा था कि उनके दोस्त (साँप और मगरमच्छ) सीमा पार कर के भारत के लोगों को मारने के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं, वो ये भी कहती दिखी थी कि भारत के लोग नरक में जाकर मरेंगे।
बताया जाता है कि शरद पवार बेटी सुप्रिया सुले को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं। सालों से पार्टी में निर्णायक भूमिका में रहे भतीजे अजित ने उन्हें बताए बिना विधायकी छोड़ दी है। एनसीपी नेताओं के अनुसार जिस तरीके से पार्टी चलाई जा रही है उससे अजित नाखुश हैं।
The Hindu ने भारतीय सेना के बारे में बड़े ही स्पष्ट और सीधे शब्दों में लिखा है, मगर प्रदर्शनकारियों के बारे में लिखते हुए इसी अखबार के शब्द खत्म हो गए! या फिर यूँ कहें कि ये भी प्रोपेगेंडा फैलाने वाले गिरोह का हिस्सा बनकर अराजत तत्वों का तुष्टिकरण करना चाहते हैं।
"क्या पाकिस्तान यह स्वीकार करेगा कि वो दुनिया की एकमात्र सरकार है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित सूची में सूचीबद्ध अल-क़ायदा और दाएश के आतंकियों को पेंशन प्रदान करता है? पाकिस्तान वो देश है, जहाँ अल्पसंख्यक समुदाय 1947 में 23% से घटकर अब 3% तक रह गया है।"