वेटिकन में बिजली जाने से पोप फ्रांसिस 25 मिनट तक लिफ्ट में फँसे रहे। स्थिति ऐसी हो गई कि उन्हें लिफ्ट से निकालने के लिए दमकलकर्मियों को बुलाना पड़ा। लिफ्ट से सकुशल निकाले जाने के बाद ईसाईयों के सर्वोच्च धर्मगुरु ने दमकलकर्मियों का आभार जताया।
कश्मीर के कॉन्ग्रेसी नेता सलमान निज़ामी ने केंद्र/राष्ट्रपति शासन और मुफ़्ती-अब्दुल्ला शासन के समय मारे गए लोगों की संख्या की तुलना की। उन्होंने लिखा, "उमर अब्दुल्ला के समय फैली अशांति में 200 लोग मारे गए, महबूबा मुफ़्ती के समय फैली अशांति में 260 लोग मारे गए, 2019 की अशांति में शून्य मारे गए।"
कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए अपनी ही पार्टी के नेताओं के बयानों के खिलाफ़ जाकर बयान दिया। खुर्शीद ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके काम में अच्छाई ढूँढना भूसे के ढेर में सुई को ढूँढने जैसा है।
मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिया कि खेतों व सड़कों पर कोई भी निराश्रित गाय घूमती न मिले, इसका ख़ास ध्यान रखा जाए। उन्होंने पुलिस को गो-तस्करी के ख़िलाफ़ कड़ाई से क़दम उठाने का निर्देश देते हुए अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई करने को कहा।
इस साल सिंध प्रांत में डेंगू की वजह से 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1200 लोगों को जाँच में डेंगू होने की पुष्टी हुई है। इसके अलावा सिंध प्रांत में घातक टिक-जनित वायरल कॉन्गो बुखार भी फैला हुआ है, जिसमें अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
पाकिस्तान ने निर्णय लिया है कि जाधव को वियना संधि के तहत काउंसलर एक्सेस दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान द्वारा भारत द्वारा काउंसलर एक्सेस की तमाम माँगों को खारिज कर दिया गया था।
तमसुतुला इमसॉन्ग, नागालैंड की एक युवती हैं। इनका समूह, Sakaar Sewa Samiti तब सुर्खियों में आया था, जब वाराणसी में गंगा घाटों को स्वच्छ रखने में उनके योगदान ने पीएम मोदी के प्रोत्साहन के साथ देशव्यापी पहचान हासिल की थी।
“कॉन्ग्रेस ने 370 को हटाने का विरोध किया। आज भी राहुल गाँधी जो बयान देते हैं उसकी पाकिस्तान में तारीफ होती है। उनके बयान को पाकिस्तान अपनी याचिका में शामिल करता है। कॉन्ग्रेसियों को शर्म आनी चाहिए कि उनके बयान का उपयोग भारत के खिलाफ हो रहा है।”
नीतियाँ लम्बे समय तक के लिए होती हैं, इसलिए सरकारों को सोच समझ कर बोलना चाहिए ताकि बिजनेस करने वालों के बीच यह भरोसा रहे कि यह सरकार जो बोलती है, वो करती है। अगर नीतियाँ तीन महीने में घोषणा के बाद बदलती रहेंगी, जो कि मोदी सरकार में कई बार हो चुका है, तो इंडस्ट्री उसे सही सिग्नल नहीं मानती।
JNU प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद से कई प्रोफेसर झटके में हैं। उनका कहना है कि प्रोफेसर एमेरिटस को पहले कभी भी CV जमा कर अपनी योग्यता साबित नहीं करनी पड़ी है। एक बार जो इस पद पर काबिज़ हो गया, वह अमूमन जीवन-भर बना रहता है। खुद प्रोफेसर थापर 1993 से यानी 26 वर्षों से इस पद पर कायम हैं।