Sunday, May 19, 2024

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बजट में हुई MEME आयोग के लिए विशेष फंड की घोषणा

अस्वस्थ चल रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्थान पर कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल कैबिनेट द्वारा अंतरिम बजट स्वीकार कर लिए जाने के बाद एकदम जोश में दिखे।

बजट 2019: ग़रीब, अति पिछड़े, घुमंतू, अर्ध-घुमंतू जातियों के लिए भी खुले विकास के द्वार

सबसे पहले रेनके आयोग और आईडेट आयोग ने इन समुदायों की पहचान का काम किया और इन समुदायों की सूची बनाई है।

बजट 2019: जानिए आपको क्या मिला!

सीधे तौर पर जानिए कि इस बजट के ज़रिए आमलोगों के लिए या फ़िर आपके लिए सरकार ने क्या बड़ी घोषणा की है।

सबरीमाला कोई पब्लिक प्लेस नहीं, हिन्दुओं का पवित्र स्थल: संघ प्रमुख के बयान के मायने

संघ प्रमुख का मानना है कि यह समस्या किसी एक मंदिर, पंथ या राज्य की नहीं है बल्कि अन्य मंदिरों पर भी इसके दूरगामी परिणाम होंगे। यह वामपंथी ताक़तों के ख़िलाफ़ पूरे देश की लड़ाई है।

बजट 2019: PM मोदी ने वीडियो में दी प्रतिक्रिया, कहा यह है #BudgetForNewIndia

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीयूष गोयल द्वारा प्रस्तुत बजट 2019 को नए भारत का बजट कहते हुए कहा कि यह बजट हर भारतीय नागरिक के लिए है।

बजट 2019: देश की सड़कों के लिए क्या रहा खास

देश में 27 किमी हाईवे का निर्माण प्रत्येक दिन किया जा रहा है। ब्रॉडगेज पर मानव रहित क्रॉसिंग खत्म करने का ऐलान भी किया गया।

₹5 से ₹6.5 लाख तक कमाने वालों पर कोई टैक्स नहीं; बजट 2019 में मिडिल क्लास को बड़ी राहतें

उन्होंने कहा कि ये अंतरिम बजट है, तो अभी वो सिर्फ़ प्रस्ताव ही रख सकते हैं। उन्होंने मिडिल क्लास और टैक्स देने वाले लोगों को बहुत बड़ी राहत देते हुए कई बातें कही।

बजट 2019: श्रमिकों के लिए ₹6 लाख का बीमा, ग्रेच्युटी अब ₹20 लाख – कम आमदनी वालों को गारंटीड पेंशन

PM श्रमयोगी मानधन योजना की घोषणा: 15,000 रुपए तक कमाने वाले 10 करोड़ श्रमिकों को मिलेगा योजना का लाभ

बजट 2019: ‘पहला हक़ मुस्लिम का’ से ‘पहला हक़ ग़रीबों का’, 10 मुख्य बिंदु गाँव-ग़रीबों पर

उनका यह बयान पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के बयान के परिपेक्ष्य में था जिन्होंने अपने कार्यकाल में देश की संपत्ति पर पहला हक़ मुस्लिमों का बताया था।

बजट 2019 में स्वास्थ्य क्षेत्र: 22वाँ AIIMS हरियाणा में; 5 मुख्य बिंदु

"आयुष्मान भारत विश्व की सबसे बड़ी हेल्थकेयर योजना। 14 एम्स पहली ही शुरू किए जा चुके हैं, 21 नए एम्स विकसित किए जा रहे हैं। ग़रीबों के 3000 करोड़ रूपए बचे।"

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