Friday, September 20, 2024

संपादक की पसंद

‘माया, ममता या नायडू हैं PM पद के प्रमुख दावेदार, मैं खुद इस रेस में नहीं’

"प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी भी एक मुख्यमंत्री ही थे। ये तीनों भी मुख्यमंत्री हैं या रह चुके हैं। मायावती या चंद्रबाबू नायडू या ममता बनर्जी देश के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे उपयुक्त कैंडिडेट हैं।"

फैक्ट-चेक: 60 सेकेंड से कम समय में प्रियंका गाँधी झूठी साबित, जनता को बना रही थीं मूर्ख

एक तरफ भाई राहुल गाँधी झूठ का कटोरा लिए राफ़ेल-राफ़ेल करते देश में घूम रहे हैं और अब प्रियंका का यह सड़क वाला झूठ… लगता है झूठ-झूठ खेलना कॉन्ग्रेस की आखिरी रणनीति का हिस्सा है - झूठ बोलो, जनता को मूर्ख बनाओ, कुर्सी पाओ!

188 केस है जिसके ऊपर, जो है जेल में बंद: PM मोदी के खिलाफ वाराणसी से लड़ेगा चुनाव!

"मैं जेल में हूँ। वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहता हूँ। इसके लिए मैंने नामांकन फॉर्म भी खरीद लिया है। मगर जेल में रहकर चुनाव प्रचार नहीं कर सकता। इसलिए चुनाव प्रचार करने के लिए मुझे तीन सप्ताह के लिए जमानत पर रिहा किया जाए।"

मीडिया गिरोह केजरीवाल के बाद अब ‘लाल सलाम’ के साथ खेलना चाहता है ‘पुण्डा-पुण्डी’

कन्हैया कुमार के LPG सिलेंडर दिखाकर मीडिया गिरोह की TRP में भी उछाल आने के कारण कामरेड की गरीबी पर निष्पक्ष पत्रकारों को खूब चरमसुख मिलता नजर आ रहा है। लेकिन अचानक ‘वन फाइन डे’ इस LPG सिलेंडर न जुटा पाने वाले कामरेड की तस्वीरों से बेगूसराय के लगभग हर हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्र के पहले पन्ने भर गए।

‘1 Rupee clinic’ की मदद से युवती ने स्टेशन पर बच्चे को जन्म दिया, पीयूष गोयल ने किया रीट्वीट

"1 रुपए क्लिनिक" की इस उपलब्धि को रेल मंत्री ने अपने ट्वीटर अकॉउंट पर शेयर किया और साथ ही लिखा कि ठाणे के चौकीदार हमेशा राष्ट्र की सेवा में रहते हैं।

मोदी इंटरव्यू के दौरान कपड़े फाड़कर ‘पछड़ा-पछड़ी’ करना चाहते हैं रवीश, उन्हें पागल होना है

रवीश कुमार चाहते हैं कि कोई पत्रकार लाइव इंटरव्यू के दौरान पीएम के जवाब के बाद टेबल पर एक करारा मुक्का मारे और अपनी कुर्सी को नीचे पटक डाले। रवीश की इच्छा है कि मोदी का इंटरव्यू लेनेवाला पत्रकार उनके जवाब के दौरान अपने ही मुँह पर माइक दे मारे।

क्या इंदिरा गाँधी इसी तरह मैदान छोड़कर भागतीं जिस तरह ‘इंदिरा 2.0’ भागी है?

इंदिरा गाँधी वर्जन-2 की छवि गढ़ने की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर चल ही रही थी कि अचानक एक दिन मुंगेरीलाल ने सपना देखते-देखते अपने एकमात्र दूध के घड़े पर भी लात दे मारी और उसे भी फोड़ दिया। इस तरह से मीडिया गिरोह से लेकर तमाम मोदी विरोधियों के सपने और अरमानों का शीघ्रपतन हो गया।

मोदी शो ने दी हवा, थोड़ा-सा धुआँ उठा, लिबरलों की जल गई!

हिन्दुओं की धरती है, सर्वसमावेशी विचार के लोग हैं, सहिष्णुता के प्रवर्तक और स्नेह में डूबे हुए लोग कि इस्लामी आक्रमणकारियों, इस्लामी बलात्कारियों, इस्लामी और विदेशी हत्यारों को भी बसने की ज़मीन दी। और कितने उदाहरण चाहिए? ऐसे लोग किसी को क्या डराएँगे? हम तो स्वयं ही हर पर्व पर एक खास तरह के आतंक से डर जीते रहे हैं। अब तो तुम हमें, जीने दो, जीने दो!

शासन का ‘नमो’काल: 2014 में प्रधान सेवक से 2019 तक चौकीदार बनने की यात्रा

विकास की योजनाओं का मूल्यांकन समय करेगा ही लेकिन नरेंद्र मोदी ने देश के जनमानस के मन पर एक छाप जरुर छोड़ी है। भविष्य में जब कभी नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे तब लोग इतना ज़रूर कहेंगे की शासन तंत्र के तंतुओं को अलग तरीके से बुनने वाला एक ऐसा नेता भी था।

मुलायम का प्यारा ‘राक्षस’ जिससे डरते थे जेल और जज भी, कहानी ‘188 केस वाले’ अतीक अहमद की

ख़ौफ़ ऐसा कि एक-एक कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के 10 जजों ने उसका केस सुनने से इनकार कर दिया। यूपी का कोई भी जेल उसे रखना नहीं चाहता। वह व्यापारियों को उठवा कर जेल में ही पिटाई करता है। 5 बार विधायक और 1 बार सांसद रहा है खूँखार अतीक अहमद।

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें