"वन नेशन-वन इलेक्शन' से सत्ताधारी पार्टी को लाभ होने की बात गलत है। ओडिशा, आंध्र प्रदेश और अरुणाचल में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव हुए। इन राज्यों के परिणाम को देखते हुए सत्ताधारी पार्टी को एकतरफा लाभ वाली बात तार्किक नहीं है।"
दो सौ से दो हजार तक साल लगते हैं उस परत को बनने में जिस भूरी और बेहद उपजाऊ मिट्टी के ऊपर जन्म लेती है 10 से 12 इंच मोती मखमली घास यानी बुग्याळ! और मात्र 200 करोड़ रुपए लगते हैं इन सभी तथ्यों को नकारकर अपने उपभोक्तावाद के आगे नतमस्तक होकर पूँजीपतियों के समक्ष समर्पण करने में।
हिंदी-ज्ञान अपने प्रदेश के बाहर निकल कर रोजगार की आकाँक्षा रखने वाले वर्ग की आवश्यकता है। हिंदी को 'एक प्रकार की' राष्ट्रीय भाषा का दर्जा मिल ही चुका है।
नयनतारा सहगल जैसे लोग केवल व्यक्ति नहीं हैं, प्रतीक हैं- उस मानव-प्रवृत्ति का, उस ध्यानाकर्षण की लिप्सा और लोलुपता का, जिसके चलते इंसान अपने बूढ़े हो जाने, और अपने विचारों का समय निकल जाने के चलते हाशिए पर पहुँच जाने, अप्रासंगिक हो जाने को स्वीकार नहीं कर पाता।
नर्स एक बीमार बच्चे के बेड के पास खड़ी होकर कुछ निर्देश दे रही है और हमारे पत्रकार माइक लेकर पिले पड़े हैं! ये इम्पैक्ट किसके लिए क्रिएट हो रहा है? क्या ये मनोरंजन है कुछ लोगों के लिए जिनके लिए आप पैकेज तैयार करते हैं? फिर आपने क्या योगदान दिया इस मुद्दे को लेकर बतौर पत्रकार?
ये पत्रकारिता के कुछ ऐसे संस्थान हैं, जो भोजन शुरू करने से पहले अन्न का प्रथम अंश जवाहरलाल नेहरू और दूसरा अंश गाँधी परिवार के लिए रख देते हैं। कम ही लोग ये बात जानते हैं कि BBC जैसे मीडिया गिरोह राहुल गाँधी द्वारा हर चुनाव नतीजों के बाद त्याग दिए गए जनेऊ गले में धारण कर के ही कार्यक्षेत्र को रवाना होते हैं।
हर रात बच्ची को नशे की दवा जबरन खिलाई जाती थे और उसके साथ बलात्कार किया जाता था। जब बच्ची सुबह उठती तो उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं होता था। बच्ची ने अपनी मौसी को कई बार इस बात से अवगत कराया था लेकिन उसकी मौसी उसे डाँट-डपट कर चुप करा देती थी।
दलित समुदाय से आने वाली भूगोल की प्रोफेसर सरस्वती केरकेटा ने आरोप लगाया कि छात्रों व कर्मचारियों के एक वर्ग ने उनकी जातीय पृष्ठभूमि को लेकर अपशब्द कहे थे और क्लास में जानबूझ कर बैठने के लिए कुर्सी नहीं दी थी।
संसद में ‘जय भीम जय मीम’ का नारा लगा कर ओवैसी ने कोई इतिहास नहीं रचा है। जिस जोगेंद्र नाथ मंडल ने इस तर्ज पर इतिहास रचा था, खुद उनका और उनके प्रयास का हश्र क्या हुआ यह जानना-समझना जरूरी है। जो दलित वोट-बैंक तब पाकिस्तान के हो गए थे, वो आज क्या और कैसे हैं, इस राजनीति को समझने की जरूरत है।
NDTV ने अपने शेयरों में हुए बदलाव व इंडियाबुल्स के साथ हुए समझौते के बाद समय पर सब कुछ खुलासा नहीं किया, इसीलिए उस पर 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया। इससे पहले एक मामले में NDTV के दोनों प्रमोटरों प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर कम्पनी में किसी भी प्रकार का पद लेने से 2 साल का प्रतिबन्ध लगा दिया था।