संपादक की पसंद
मक़बूल शेरवानी: कश्मीर के रखवाले मुस्लिमों की कहानी (भाग 2)
मक़बूल शेरवानी के इस कृत्य को आज भी याद किया जाता है और बारामुला में भारतीय सेना ने उसका स्मारक भी बनवाया है। प्रसिद्ध उपन्यासकार मुल्कराज आनंद मक़बूल शेरवानी से इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने उसके ऊपर एक उपन्यास लिखा जिसका शीर्षक था: Death of a Hero.
ग्राउंड रिपोर्ट #3: दिल्ली की बीमार यमुना कैसे और क्यों प्रयागराज में दिखने लगी साफ?
सरकारी बयान के बाद मैंने कुंभ को एक पत्रकार के नजरिए से देखना शुरू कर दिया। मैं देखना चाहता था कि क्या वाकई में कुंभ में पहुँचने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए अच्छी तैयारी की गई है या सबकुछ कागजी और हवा-हवाई है?
पत्रकारिता के समुदाय विशेष के लोगो! मोदी के वीडियो से जलता है बदन क्या?
अगर वहाँ एक भी व्यक्ति था, चाहे वो कश्मीर का हो, या कहीं बाहर का, उसे देखकर मोदी ने अभिवादन किया तो इन पत्रकारों की देह में आग क्यों लग रही है?
‘ऐसो लगतो है जईसे मास्टरस्ट्रोकन की झड़ी सी लग गई है’
अपने काम करने के तरीकों से बहुमत की इस सरकार का पूरा फायदा उठाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन 5 सालों में एक प्रबल राजनीतिक इच्छाशक्ति का उदाहरण पेश किया है।
निर्मम, बर्बर, अलोकतांत्रिक, भ्रष्ट ममता बनर्जी से बंगाल को मुक्त कराने का समय आ गया है: योगी
योगी ने कहा, “मोदी सरकार द्वारा दिया गया ग़रीबों के मकान का पैसा टीएमसी की सरकार और टीएमसी के गुंडे खा जाते हैं। यहाँ की सरकार भ्रष्ट है। आपने देखा होगा कि कैसे बंगाल के अंदर यहाँ की मुख्यमंत्री शारदा चिटफंड घोटाले के एक भ्रष्ट अधिकारी को बचाने का काम कर रही हैं।"
बजट 2019 की कहानी, राधा मोहन सिंह की जुबानी
बजट 2019 क्यों है 'किसानों का बजट'? समझें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह के शब्दों में। बजट 2019 (कृषि सेक्टर) का केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा विस्तृत विश्लेषण।
ममता को ‘सुप्रीम’ झटका: कमिश्नर राजीव कुमार पेश हों – SC का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को मानहानि याचिका पर नोटिस भी भेजा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।
शारदा चिट फंड: यह तो बस एक झाँकी है, TMC पर 3 बड़े घोटालों की फाँस बाकी है
सत्ता में बने रहने के लिए ममता बनर्जी राहुल या अन्य विपक्षी पार्टियों का साथ चाह रही हैं जबकि वे सत्ता में आने के लिए। ऐसे में चुनाव बाद समीकरण किसके पक्ष में होगा, कौन किसको आँखें दिखाएगा - कहना मुश्किल है।
लोकतंत्र Vs तृणमूलतंत्र: एक ख़तरनाक चलन की शुरुआत
जिस तरह से डिप्टी पुलिस कमिश्नर मिराज ख़ालिद के नेतृत्व में पुलिस ने CBI अधिकारियों को पकड़ कर गाड़ी के अंदर डाला और उन्हें थाने तक ले गई, उसे देख कर तानाशाही भी शरमा जाए।
पहले न्यूनतम आय फिर कर्ज़माफ़ी… सत्ता के लिए और कितने लॉलीपॉप देंगे जनता को राहुल बाबा!
राज्यों में चुनाव जीतने से पहले राहुल यह वादा करते थे कि अगर वो चुनाव जीतते हैं तो 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ़ कराएँगे। लेकिन चुनाव के तुरंत बाद राहुल जनता को समझाते नज़र आए कि यह इतना आसान काम नहीं हैं।