Friday, September 20, 2024

संपादक की पसंद

जब सूट-बूट वाली सरकार ने आम आदमी को वो दिया जो उन्हें 50 साल पहले मिलना था

लड़कियाँ स्कूल सिर्फ इस कारण नहीं जाना चाहती हैं क्योंकि वहाँ उनके पास शौचालय जाने जैसे सुविधाएँ ही नहीं मिल पाती हैं। उन्हें उन तमाम मनोवैज्ञानिक असुविधाओं से गुजरना होता है, जिनके बारे में हम कल्पना तक नहीं कर सकते हैं।

येचुरी का लेनिन प्रेम: माओवंशियों पर तर्क़ के हमले होते हैं तो वो ‘महान विचारों’ की पनाह लेता है

आपकी बेटी नक्सलियों के साथ जंगलों में एरिया कमांडर के सेक्स की भूख नहीं मिटा रही। आपका बेटा सीआरपीएफ़ के लिए माइन्स नहीं बिछा रहा। आप बुद्धिजीवी बनते हैं और मौन वैचारिक सहमति देते हैं क्योंकि प्यादों की लाइन ही राजा को बचाने के लिए पंक्तिबद्ध होती है।

BSF ने बंग्लादेश सीमा पर 31 रोहिंग्या रिफ़्यूजी को गिरफ़्तार कर त्रिपुरा पुलिस के हवाले किया

2019 के शुरुआती महीने में निर्वासन के डर से क़रीब 1300 रोहिंग्याओं ने बांग्लादेश में पलायन किया है, जिसकी वजह से नई दिल्ली को और केंद्रीय सरकार को काफ़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

संघ के दिनों में साथियों के लिए चाय और खाना बनाता था, बर्तन भी धोता था: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुरूआती जीवन के कई पन्ने अभी भी अनछुए है। हाल ही में लोकप्रिय फ़ेसबुक पेज 'ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे' (Humans of...

कॉन्ग्रेस का प्रियंकास्त्र: ‘इंदिरा क्लोन’ की राजनैतिक एंट्री के 6 कारण

कॉन्ग्रेस ने कार्यकताओं में नई जान फूँकने के लिए प्रियंकास्त्र का सहारा लिया है। आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या प्रमुख कारण हो सकते हैं। एक विश्लेषण।

10% जनरल कोटा: 3 लाख सीटें बढ़ेंगी IIT-IIM सहित केंद्र-पोषित विश्वविद्यालयों में

सामान्‍य वर्ग (आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों) के लिए 10% रिजर्वेशन के बाद केंद्र सरकार अब इसे धरातल पर उतारने की तैयारी में। दो चरणों (2019-20 और 2020-21) में तीन लाख तक सीटें बढ़ाने का निर्णय।

विश्व की सबसे बड़ी सेनिटेशन योजना ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से हमें क्या मिला

साठ के दशक के आरंभिक दिनों में जब विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल अपने पुरखों की भूमि भारत आए थे तब उन्हें कश्मीर से लेकर मद्रास...

कृषि क्षेत्र में नरेंद्र मोदी को घेरने वालों को रास नहीं आएँगे ये आँकड़े

कृषि क्षेत्र में नरेंद्र मोदी सरकार को विरासत में एक लचर, रीढ़विहीन और नीतिहीन व्यवस्था मिली थी- पिछले चार सालों में उसमें काफी कुछ सुधार किए गए हैं और किसानों को उनका लाभ भी मिला है। सुनिए आंकड़ों की जुबानी।

यायावरों को पंख देकर वरदान साबित हुई है UDAN योजना

UDAN योजना के कारण पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है, जो केंद्र सरकार का घूमने के शौकीनों के लिए बहुत बड़ा तोहफ़ा माना जा सकता है।

मैं तो बस एक झूठ लेकर चला था, ‘वायर’ जुड़ते गए, और ‘कारवाँ’ बनता गया…

कारवाँ एक ऐसा मैगजीन है जिसके बारे में आप तभी सुनते हैं जब रवीश कुमार फ़ेसबुक पर लेख लिखकर जताते हैं कि उस शाम के प्राइम टाइम में क्या कवर किया जाएगा।

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