कंगना ने साफ़-साफ़ कॉन्ग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक वो लोग सत्ता में थे तब तक देश में ग़रीबी, भूखमरी और प्रदूषण का माहौल तो था ही, साथ-साथ बलात्कार की घटनाएँ भी बढ़ गई थीं। कंगना ने लोगों से बड़ी संख्या में देश के लिए वोट करने की अपील की।
प्रमोद कृष्णन ने सांप्रदायिक बयान (कविता के रूप में) देते हुए साफ़-साफ़ कहा था कि जो मुहम्मद का नहीं हो सकता वो हमारा भी कभी नहीं होगा। वीडियो में आप उन्हें स्पष्ट सुन सकते हैं। अपने आप को पैगम्बर मुहम्मद के दामाद हज़रत अली का अनुयायी बताने वाले प्रमोद कृष्णन चुनाव के दौरान...
समुदाय विशेष वाले तब तक ‘बेचैन’ रहेंगे जब तक धर्म और संस्कृति, हिन्दू पंथ और सम्प्रदाय की हर अभिव्यक्ति बंद नहीं हो जाती। केवल सरकारी ही नहीं, निजी भी। यही हिन्दूफोबिया है। The Print वालों ने इस लेख से प्रोपेगेंडा को नई ऊंचाई दी है।
तेज बहादुर यादव के ख़िलाफ़ 2 मोबाइल फोन लेकर ऑपरेशनल ड्यूटी पर जाने और भोजन की गुणवत्ता को लेकर ग़लत अफवाह फैलाने का मामला साबित हुआ था, जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया था। कॉन्ग्रेस ने अजय राय को यहाँ से उम्मीदवार बनाया है।
कॉन्ग्रेस ने भीष्म शर्मा को नज़रअंदाज़ करते हुए शीला दीक्षित को उतार दिया। शीला और भीष्म में पुरानी प्रतिद्वंद्विता है और इसीलिए शीला ने प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार संभालते ही सबसे पहले भीष्म शर्मा पर गाज गिराई। उन्हें 6 वर्षों के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
रामकली के परिजन ने ऐम्बुलेंस से उनको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे थे, मगर प्रियंका के रोड शो की वजह से एंबुलेंस तकरीबन 1 घंटे तक जाम में फँसी रही और जब घंटे भर बाद जाम खुलने पर एंबुलेंस अस्पताल पहुँची, तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घषित कर दिया।
राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखने हुए श्री लंका सरकार ने यह कड़ा फैसला लिया है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि वहाँ के राष्ट्रपति ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अमर्त्य सेन को तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय का प्रथम कुलपति नियुक्त किया गया। उन्हें पाँच लाख रुपए प्रति महीने का वेतन दिया जाता था। बेहिसाब विदेशी दौरे, सीधी नियुक्तियाँ करने का अधिकार सहित उन्हें कई अन्य सुविधाओ से नवाजा गया था।
हिंसा और सेक्स तो कामरेडों का प्रमुख हथियार है, यूनिवर्सिटी में तो जबरदस्ती करते ही हैं, बाद में, विद्यार्थी से नक्सली बनने तक, जंगलों में 'नारी देह कम्यून की प्रॉपर्टी है' के नाम पर महिला काडरों को आईसिस की तर्ज़ पर सेक्स स्लेव बना कर रखते हैं।
"मेरी शर्ट पर लगे फूल निशान को देख कर कन्हैया हमसे ठेठ भाषा में बोला कि ये क्या है। हम कुछ नहीं बोले, लेकिन इतने में ही उसके गुंडे कार्यकर्ता लोग गाली-गलौच करते हुए गाड़ी से नीचे उतर आए और मेरे साथ मारपीट करने लगे। मेरी जान बचाने के लिए आए मेरे 2-3 दोस्तों को भी लाठी-डंडे से मारा।”