Friday, June 28, 2024

बड़ी ख़बर

नागरिकता संसोधन बिल को ख़त्म करें: नॉर्थ ईस्ट नेताओं का गृहमंत्री से आग्रह

जबकि भाजपा नागरिकता बिल को पारित करके असम व दूसरे राज्यों में रहने वाले बाहरी लोगों को देश से बाहर निकालना चाहती ताकि नॉर्थ ईस्ट के मूल नागरिकों को किसी तरह से कोई समस्या न हो।

अप्रैल 2014 से 1.37 करोड़ ग्रामीण आवासों का निर्माण, लगभग 7 करोड़ लोगों को मिला अपना घर

राज्यों के सहयोग से ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अप्रैल 2014 से 1.37 करोड़ आवासों का निर्माण कार्य पूरा किया गया।

किसानों की बात करते हुए सत्ता पाने वाली कॉन्ग्रेस हर राज्य में कर रही विचित्र काण्ड

दो महीने से कर्ज़माफ़ी का इंतजार कर रहे कुछ किसानों के पैरों तले जमीन तब खिसक गई, जब कर्ज़माफ़ी की सूची में उन्होंने देखा कि सिर्फ़ 25 और 300 रुपए माफ़ होना दर्शाया गया है।

अब तक 8,50,000 लाभान्वित ग़रीबों के साथ आयुष्मान भारत योजना नए कीर्तिमान की ओर

दिल्ली, केरल, ओडिशा, पंजाब और तेलंगाना राज्य सरकारों ने इस योजना को लागू करने से इनकार कर दिया था।

#5YearChallenge के ज़रिए ट्विटर पर दिखा 5 सालों में कैसे बदला भारत

ट्विटर पर भाजपा की ओर से 5 साल में मोदी सरकार के दौरान देश में हुए बदलावों पर तथ्यों को साझा किया गया, जिनमें बताया जा रहा है कि UPA सरकार के दौरान यानि, 5 साल पहले क्या हालात थे और अब क्या हैं।

JNU ‘टुकड़े-टुकड़े’ कार्यक्रम पहले से था तय, नारा लगाने वाले कश्मीरी उमर के दोस्त

तीसरे आरोपित उमर गुल ने कहा था कि फेसबुक के ज़रिए उसे इस कार्यक्रम की जानकारी मिली थी। लेकिन अक़ीब व मुज़ीब की तरह ही उमर गुल भी पहले से ही लगातार फ़ोन पर संपर्क में थे।

OBC आरक्षण का दायरा बढ़ने की उम्मीद, हो सकती है बजट सत्र में घोषणा

माना जा रहा है कि आने वाले बजट सत्र में मोदी सरकार इस सन्दर्भ में OBC जातियों में, कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर, उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को नज़र में रखते हुए उनकी समुचित हिस्सेदारी और प्रतिनिधित्व तय करेगी।

बिहार के सेनारी कांड में 35 गरीब सवर्णों को मारे जाने के लिए RJD ही जिम्मेदार है तेजस्वी जी!

18 मार्च 1999 को जहानाबाद के सेनारी गाँव में सवर्ण समुदाय के 34 लोगों को बेरहमी से मार दिया गया था, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से जख्मी अवस्था में पाए गए थे।

निवेश आकर्षित करने के लिए नौवीं ‘वाइब्रेंट गुजरात समिट’ का उद्घाटन आज

वर्ष 2003 में अपनी शुरुआत से ही लेकर वाइब्रेंट गुजरात समिट ने एक उत्‍प्रेरक की भूमिका निभाई है जिसकी बदौलत कई अन्‍य राज्‍य भी अपने यहाँ व्‍यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से इस तरह के शिखर सम्‍मेलनों के आयोजन के लिए प्रेरित हुए।

परमादरणीय रवीश कुमार! अपना ‘कारवाँ’ रोक दीजिए, आपको हिंदी पत्रकारिता का वास्ता

अपने पिछले तमाम एजेंडों में मोदी सरकार और उससे सम्बंधित पदाधिकारियों को नीचा दिखाने और अपमानित करने के तमाम नाकाम प्रयासों के बाद रवीश कुमार एक बार फिर से एक काल्पनिक वाकया लेकर जनता के सामने आए हैं।

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें