Tuesday, July 15, 2025
Homeबड़ी ख़बरबिहार के सेनारी कांड में 35 गरीब सवर्णों को मारे जाने के लिए RJD...

बिहार के सेनारी कांड में 35 गरीब सवर्णों को मारे जाने के लिए RJD ही जिम्मेदार है तेजस्वी जी!

इसके बाद लालू जी पटना में बैठकर झुनझुना बजाते रहे और राज्य में, क्या दलित और क्या सवर्ण, हर तरह के लोग हिंसा में मारे जाते रहे।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिए जाने वाले आरक्षण के मामले में कहा, “हम गरीब सवर्णों के विरोधी नहीं हैं।”

दरअसल तेजस्वी ने ट्विटर चौपाल के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसी कार्यक्रम में सवर्णों से जुड़े एक सवाल के बाद राजद नेता ने यह जवाब दिया। लेकिन यह सोचने वाली बात है कि क्या सच में तेजस्वी और उनकी पार्टी गरीब सवर्णों की हितैषी है! इस सवाल के जवाब के लिए आपको आज से 20 साल पहले साल मार्च 1999 की दौर में जाना होगा।

18 मार्च 1999 को जहानाबाद के सेनारी गाँव में सवर्ण समुदाय के 34 लोगों को बेरहमी से मार दिया गया था, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से जख्मी अवस्था में पाए गए थे। इस घटना के बाद पटना हाई कोर्ट में रजिस्ट्रार की नौकरी करने वाले पद्मनारायण सिंह जब घर लौटे और अपने परिवार के 8 लोगों की लाशों को देखा, तो मौके पर पद्मनारायण सिंह को दिल का दौरा पड़ा, और वो तुरंत मर गए।

इस घटना के बाद राज्य भर के सवर्णों के बीच भय का माहौल पैदा हो गया था। इस समय तेजस्वी की पार्टी राजद पार्टी की ही बिहार में सरकार थी। लालू और राबड़ी के राज में खुलेआम जाति आधारित हिंसा हो रही थी। सेनारी कांड की तरह ही राज्य में लालू के शासन में दर्जनों जाति आधारित हिंसा की घटनाएँ हुई।

राजद की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। इसी दौर में जातीय हिंसा का जवाब देने के लिए सवर्णों की तरफ़ से रणवीर सेना नाम का एक संगठन बना। इसके बाद लालू जी पटना में बैठकर झुनझुना बजाते रहे और राज्य में, क्या दलित और क्या सवर्ण, हर तरह के लोग हिंसा में मारे जाते रहे।

रघुवंश ने आरक्षण पर पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया

जानकारी के लिए बता दें कि अभी कल ही राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कोटा बिल पर पार्टी के फ़ैसले के खिलाफ़ बयान दिया है। रघुवंश प्रसाद ने कहा: “लालू यादव ने मुझसे कहा था कि वो गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के ख़िलाफ़ नहीं हैं। हमारी पार्टी ने तो हमेशा गरीबों के लिए काम किया है। हम तो यह चाहते थे कि ओबीसी, दलित व अति पिछड़ा वर्ग को आबादी के हिसाब से उनका आरक्षण बढ़ाया जाए। संसद में कोटा बिल का समर्थन न करना हमारी भूल थी। हमसे चूक तो हुई है।”

रघुवंश प्रसाद के इस बयान में हिंदी की कहावत – ‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत’ – की टीस मालूम होती है। लेकिन, रघुवंश सिंह ने भरोसा नहीं छोड़ा है। उन्होंने कोटा बिल पर पार्टी के स्टैंड के खिलाफ़ बयान देकर राजपूत जाति के लोगों को अपनी तरफ झुका कर रखने का प्रयास किया है।

संसद में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए लाए गए बिल के विरोध का झुनझुना बजाकर राजद प्रवक्ता मनोज झा ने विरोध किया। अपने भाषण में मनोज झा ने संविधान संशोधन बिल के महत्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पहले ‘पायलट की गलती’ वाली खबर चलाई, फिर फ्यूल कंट्रोल स्विच पर किया गुमराह: क्या एअर इंडिया हादसे में विदेशी मीडिया ने पहले ही...

लगता है कि सारा दोष पायलटों पर मढ़ के बोइंग की साख को बचाने के लिए किया जा रहा है। पायलटों को बलि का बकरा बनाना बोइंग की पुरानी आदत रही है।

भारत-नेपाल सीमा पर इस्लामी कट्टरपंथियों का डेरा, मस्जिद-मजार जिहाद के लिए दक्षिण भारत से आ रहा मोटा पैसा: डेमोग्राफी भी बदली, ₹150 करोड़ फंडिंग...

भारत-नेपाल सीमा पर डेमोग्राफी बदलने का बड़ा खेल उजागर हुआ है। यहाँ आयकर विभाग को 150 करोड़ की फंडिंग के सबूत मिले हैं।
- विज्ञापन -