Thursday, November 21, 2024

धर्म और संस्कृति

माता सीता, द्रौपदी, राजा प्रियवद… छठी मैया की उपासना की पौराणिक कथाओं के बारे में जानिए: जीवन में संयम, शुद्धता और आत्म-नियंत्रण की भावना...

छठ पूजा एक ऐसा पर्व है जो जीवन में संयम, शुद्धता, और आत्म-नियंत्रण की भावना को जागृत करता है। यह हमें प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का संदेश देता है।

नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ सूर्य उपासना का 4 दिन का अनुष्ठान: विस्तार से जानिए क्यों होता है छठ, क्या हैं इसके तात्पर्य

5 नवंबर, 2024 से नहाय-खाय के साथ सूर्योपासना के महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है। 7 नवंबर तारीख को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 8 नवंबर को उगते सूर्य को।

राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली दीवाली मना रही अयोध्या, जानिए क्यों इसे कह रहे ‘महापर्व’: दीपदान की तैयारियों से लेकर सुरक्षा तक...

अयोध्या के एक महंत ने कहा कि उनकी उम्र 50 साल से अधिक हो रही है, पर इतनी भव्य दीपावली उन्होंने पहले कभी नहीं देखी।

28 लाख दीपों से जगमग होंगे 55 घाट, 50 क्विंटल फूलों से सजेगा राम मंदिर… अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली दीवाली: 30 हजार...

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली दीवाली पर 28 लाख दीए जलाए जाएँगे। अयोध्या में यह दीए 55 घाटों पर बिछाए जा रहे हैं।

‘कटे हुए पेड़ से ज्यादा सस्ता है कटा हुआ सिर’: 3 बेटियों के साथ बलिदान हुईं अमृता देवी, कुल 363 लोग कुल्हाड़ी से काटे...

अमृता देवी समेत 363 बिश्नोइयों का बलिदान देख महाराजा अभय सिंह ने आदेश जारी किया कि बिश्नोइयों के ग्रामों के आसपास न पेड़ काटे जाएँगे और न जानवर मारे जाएँगे।

अल्पसंख्यक हैं मिजोरम में हिंदू, फिर भी हरि मंदिर को बचाने में जुटे: असम राइफल्स के जाने के बाद राज्य सरकार के कब्जे में...

पूर्वोत्तर भारत के राज्य मिजोरम में हिन्दू असम राइफल्स की कैंटोनमेंट में स्थित अपना एक मंदिर सरकारी नियंत्रण में जाने से बचाने को लड़ रहे हैं।

जगन्नाथ पुरी मंदिर में गैर हिंदू ने कैसे किया प्रवेश? अमेरिकी राजदूत के ‘पतितपावन’ दर्शन की तस्वीरों से उठे सवाल, जानिए सच्चाई

भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी जगन्नाथ मंदिर गए थे। इसके बाद सवाल उठने लगे कि अगर मंदिर में गैर हिंदुओं को प्रवेश नहीं है तो एरिक कैसे भीतर जा पाए...।

महाराष्ट्र से भी पहले बिहार के कोसी अंचल में मनाया जाता था भव्य गणेश उत्सव: एक तरफ तिलक ने जगाई सांस्कृतिक चेतना, दूसरी तरफ...

गंगानाथ झा को दरभंगा राजपरिवार की नौकरी से निकाल दिया गया था, क्योंकि उन्होंने महाराजा की बात न मान शंकरपुर में गणेश पूजा करने का वादा निभाया।

हुमायूँ वाली ‘सेक्युलर मूर्खता’ की सुधा मूर्ति भी हुईं शिकार, आप जानिए रक्षाबंधन का असली इतिहास: इंद्र-शची और राजा बलि से जुड़ा है इसका...

शुक्राचार्य ने बलि से 1 वर्ष के लिए आक्रमण न करने को कहा और श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को समझाया कि श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर उपवास करना चाहिए।

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