फिरोजशाह द्वारा हिन्दुओं पर जुर्म और बर्बरता करने का एक यह भी कारण था कि उसे एक राजपूत माँ से पैदा होने के कारण अपने समय के उलेमाओं के सामने अपनी कट्टर मुस्लिम छवि को बनाए रखना था। यही वजह है कि इतिहास में उसे एक धर्मांध शासक के रूप में जाना गया।
अकबर 'महान' के कथित सेक्युलर चरित्र का गुणगान करते हुए वामपंथी इतिहासकारों ने उसके नेगेटिव पक्ष को दबाया। अकबर कितना बड़ा व्याभिचारी था इसके प्रमाण गुरु गोविंद सिंह रचित सिख ग्रन्थ 'चरित्रोपाख्यान' में मौजूद हैं। जूतों से पिटाई के बाद अकबर ने पराई स्त्रियों के घर में घुसना बंद किया था।
सावरकर की प्रतिमा पर यह देश बेवजह अपना समय और संसाधन व्यर्थ करता है। सर सैयद अहमद खान के योगदान और उनके ज़हरीले, हिन्दू-विरोधी और हिंसक भाषणों को याद करने भर से ही तय हो जाता है कि इस देश को किन लोगों पर गर्व होना चाहिए।
अंग्रेज सिपाही प्लेग नियंत्रण के नाम पर औरतों-मर्दों को नंगा करके जाँचते थे। चापेकर बंधुओं ने इसका आदेश देने वाले अफसर वॉल्टर चार्ल्स रैंड का वध करने की ठानी। प्लान के मुताबिक जैसे ही वो आया, दामोदर ने चिल्लाकर अपने भाइयों से कहा "गुंडया आला रे" और...
श्रीदेव सुमन के व्यक्तित्व में कई महापुरुषों की झलक थी। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। रियासत के खिलाफ श्रीदेव सुमन के विरोध में यदि भगत सिंह का जूनून नजर आता था, तो दूसरी ओर वे महात्मा गाँधी के विचारों से भी प्रभावित थे। सुमन एक श्रेष्ठ लेखक और साहित्यकार भी थे।
कल (22 जुलाई 2019) जब जगन्नाथ पुरी के एक पुजारी की तस्वीरें इन्टरनेट पर नजर आने लगीं तो कुछ तथाकथित हिन्दुओं की मासूम, अहिंसक, गाँधीवादी, सेक्युलर भावना बड़ी बुरी तरह आहत हो गईं।
48 दिनों तक चलने वाली दर्शन की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की है। ढाई हज़ार से भी अधिक पुलिसकर्मियों की देखरेख में महोत्सव चल रहा है। राज्यपाल बनवारी लाल ने पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया। इसके पीछे की कहानी जानिए।