बिहार में ज़हरीली शराब से गरीब मर रहे हैं। उनमें जागरूकता का अभाव है। उनके परिवारों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार क्यों? आम जनता पर क्यों थोपा जा रहा दोष?
वायनाड में जनजातीय समाज के रमन नाम्बि का सिर काट कर उनके छोटे से बच्चे के सामने प्रदर्शित किया गया। उसी वायनाड में प्रियंका गाँधी कहती हैं कि अहिंसा से आज़ादी मिली। क्या ये ऐसे क्रांतिकारियों का अपमान नहीं?