Saturday, April 27, 2024

विचार

यूपी के राजनीतिक मिथक तोड़ते-तोड़ते खुद नया मिथक बन गए हैं योगी आदित्यनाथ…

दूसरी बार शपथ लेने जा रहे संन्यासी ने अफवाहों, अंधविश्वासों, आकलनों को झुठलाते हुए उत्तर प्रदेश के कई राजनीतिक और अराजनीतिक मिथक तोड़ दिए हैं।

जब आदमी मुकेश सहनी जैसी गलतियाँ करता है तो उसका ‘उपेंद्र कुशवाहा’ हो जाता है: VIP सुप्रीमो ने ऐसे अपने ही पाँव मार ली...

मुकेश सहनी अब अपनी पार्टी में वो अकेले विधान पार्षद बचे हैं, कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसके पीछे भी एक कहानी है, जो करीब एक साल पहले जाती है।

इस्लामी कट्टरपंथ पर पर्दा डालने का रिवाज पुराना, इसलिए ‘द कश्मीर फाइल्स’ से जले-भुने हैं लिबरल: जिंदा रहने के लिए ‘शठे-शाठ्यं समाचरेत’ की नीति...

‘हम भारत के लोग’ हर गलत को गलत और सही को सही कहना प्रारंभ करें, तब ही हमारा भविष्य निरापद और सुरक्षित हो सकता है। यही ‘द कश्मीर फाइल्स’ के सृजन और प्रदर्शन का प्रयोजन भी है और संदेश भी।

काश! पीयूष बबेले की शेरो-शायरी की तरह ही हल्की होती कश्मीरी हिंदुओं की व्यथा

बबेले जो काम कभी पत्रकारिता का चोला ओढ़ कर करते थे, वह अब खुलकर करने लगे हैं। कश्मीरी हिंदुओं को लेकर ट्विटर पर उन्होंने जो दस्त की है, वह इसका ही एक नमूना है।

‘रलिव गलिव चलिव’… जब भारतीय महिलाओं को गुलाम बना कर कश्मीर को Pak बनाना चाहते थे आतंकी, अब्दुल्ला-कॉन्ग्रेस की थी सरकार

या वो दौर था जब घाटी के मस्जिदों से हिन्दुओं के ख़िलाफ़ मौत का फ़रमान जारी होता था। 16-17 साल के कश्मीरी मुस्लिम बड़े शौक़ से हथियार उठा रहे थे।

कर्ज में डूबे पंजाब में कैसे होंगे अगले 5 साल? हिल गई SAD और कॉन्ग्रेस की बड़ी-बड़ी कुर्सियाँ, BJP के पास आधार तैयार करने...

SAD के साथ कॉन्ग्रेस के कई बड़े चेहरे चर्चा से बाहर हो गए। ऐसे में भाजपा के पास एक अच्छा मौक़ा है पंजाब में अपना आधार तैयार करने का। 5 साल मिले हैं।

न अब वे ‘दादी जैसी नाक’ देखने आते हैं, न लड़कियाँ बस लड़ने को कूद सकतीं: 2022 के चुनावों का एक रिजल्ट यह भी

'लड़की हूँ-लड़ सकती हूँ', के लिए बैकअप चाहिए होता है। बिना बैकअप लड़कियाँ बस लड़ने के लिए कूद नहीं सकतीं। बस वही बैकअप जहाँ मिलता दिख रहा है, वो उनको चुन रही हैं।

क्या केजरीवाल की ‘राजनीति’ में डूब जाएगा सीमावर्ती पंजाब या शेष है कोई उम्मीद?

क्या पंजाब में आम आदमी पार्टी के आने के बाद खालिस्तानी अपने एजेंडे को राज्य में बढ़ावा दे पाएँगे, क्या वह केजरीवाल को नियंत्रित कर पाएँगे?

यूपी में 37 साल बाद सत्ता में दोबारा वापसी कर CM योगी ने रचा इतिहास: ‘जो नोएडा आया, उसने सत्ता गँवाया’ मिथक को भी...

उत्तर प्रदेश में करीब 37 साल बाद योगी आदित्‍यनाथ मुख्‍यमंत्री के रूप में वापसी कर रहे हैं। यूपी में 37 साल में कोई लगातार दोबारा CM नहीं बना।

रैली/रोड शो- 209, सीट- 2: प्रियंका गॉंधी ने UP में कॉन्ग्रेस का ऐसे किया काम तमाम

यूपी में कॉन्ग्रेस का सूपड़ा साफ होगा है। जहाँ कॉन्ग्रेस 2 सीटों पर सिमट गई है। यूपी की जनता ने प्रियंका गाँधी के नेतृत्व और तमाम चुनावी वादों को नकारते हुए कॉन्ग्रेस को और भी पीछे ढकेल दिया है।

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