Monday, November 25, 2024

राजनैतिक मुद्दे

तीस्ता सीतलवाड़, प्रतीक सिन्हा का बाप, राना अय्यूब… दंगों के बाद ‘धंधा’ कर लाशों पर बनाया करियर: गोधरा में ज़िंदा जलाए गए थे 59...

वैज्ञानिक से वकील और तथाकथित कार्यकर्ता से राजनेता बने मुकुल सिन्हा और उनकी पत्नी ने अपना पूरा राजनीतिक करियर गुजरात दंगों में मारे गए लोगों की लाशों पर बनाया है।

गो तस्कर के परिजनों को ₹20 लाख-सरकारी नौकरी, गौ रक्षकों को फँसाने और टॉर्चर करने के आरोप: क्या जुनैद-नासिर केस में ‘तुष्टिकरण’ देख रही...

राजस्थान पुलिस पर टॉर्चर के आरोप लग रहे हैं, गोरक्षकों को फँसाने के। वहाँ की कॉन्ग्रेस सरकार गौ-हत्यारों के परिवारों को रुपए-नौकरी दे रही।

माहवारी शुरू होते निकाह, व्यभिचारी मर्दों को छूट, बेटियों के अधिकार में भेदभाव… मजहबी आधार पर पर्सनल लॉ देश के लिए खतरा

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए समान नागरिक संहिता जरूरी है।

बैग पैक कीजिए और निकल जाइए, बजट में मोदी सरकार ने कर दी है व्यवस्था… आप देखेंगे अपना देश तो ऐसे बढ़ेगा रोजगार और...

आप अपना बैग पैक करें और निकल जाएँ - इसके लिए इस बजट में मोदी सरकार ने पूरी व्यवस्था की है। 'देखो अपना देश' के तहत आपके पर्यटन का खर्च बचेगा।

2024 से पहले ‘डरा हुआ मुसलमान’ नैरेटिव गढ़ने की कोशिश भर ही नहीं, BBC की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री के हैं खतरे बड़े

BBC की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग में इस्लामी छात्र संगठनों की संलिप्तता के मायने राजनीति से इतर भी हैं। इससे हमें चिंतित होना चाहिए।

अधम जाति मैं बिद्या पाएँ… 3 मुकदमे वाले करोड़पति मंत्री चंद्रशेखर यादव ने कर दिया अर्थ का अनर्थ! ये तुलसीदास के बोल हैं ही...

जिस चौपाई का जिक्र चंद्रशेखर यादव ने किया, उसे काकभुशुण्डि कह रहे होते हैं, एक ऋषि जो काग (कौवा) के रूप में रहा करते थे। चंद्रशेखर यादव ने इसे गलत अर्थ में पेश किया।

हिंदुओं को दो हथियारों का लाइसेंस और सस्ती जमीन: J&K में सुरक्षा समिति बनाना वक्त की माँग, आतंकियों के रहनुमाओं को कुचलना होगा

सरकार को इस्लामी आतंकियों की रहनुमाई करने वाले नेताओं और सामाजिक संगठनों के खिलाफ भी सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

दिल्ली में आए 50 हजार किसान, अपनी बात कह लौट गए खेत-खलिहान: न कोई टेंट गड़ा-न किसी पर ट्रैक्टर चढ़ा, फिर ‘बक्कल उतार दूँगा’...

'किसान आंदोलन' से रेप-हत्या की खबरें आती थीं, 'किसान गर्जना रैली' में अलग-अलग संस्कृतियों का प्रदर्शन दिखा। आक्रोश तो था, लेकिन दुर्भावना नहीं। टिकैत जैसों को ये फर्क देखना चाहिए। यहाँ टुकड़े-टुकड़े की बातें करने वाले खालिस्तान नहीं थे, 'भारत माता' थीं।

न मकसद, न प्रभाव: ‘लाल सिंह चड्ढा’ जैसी ही लुटी पिटी है ‘भारत जोड़ो यात्रा’… हम निठल्ले होकर अंताक्षरी खेलते हैं, राहुल गाँधी चल...

राहुल गाँधी इतने खाली हैं कि वो इस यात्रा के नाम पर बस चले जा रहे हैं। उनकी दाढ़ी लाल सिंह चड्ढा के आमिर खान की तरह बढ़ती जा रही है।

सुशासन बाबू! हम बिहारियों को मार डालिए, अपने बड़े भाई की तरह रौंद डालिए; पर हमारे बिहार को माफ कर दीजिए

सिद्धांत, शुचिता, मर्यादा, आत्म नियंत्रण... से चले नीतीश कुमार ने पहले अंतरात्मा, लोकलाज, आदर्श को मारा। अब बिहार को क्यों मारने पर तुले हैं?

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