NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी लल्लनटॉप की रिपोर्ट को भ्रामक बताया और उस पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया। कानूनगो ने बताया कि आयोग ने जो डाटा दिया है वह मार्च 2020 से 29 मई 2021 के बीच का है।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें 2018 की है, जब 2019 में होने वाले कुंभ की तैयारियों के लिए घाट की साफ सफाई हो रही थी। 85 वर्षीय पुजारी राममूरत मिश्रा बताते हैं कि वो बचपन से लोगों को दफनाते हुए देखते आ रहे हैं।
अमेरिकी विशेषज्ञ ने COVID-19 संकट के बावजूद सबसे बड़ी उभरती शक्ति के रूप में भारत की प्रशंसा की और भारत की शक्ति संरचना को स्थिर और मोदी सरकार को सुरक्षित बताया।
इस लेख में कृषि कानूनों और 'सार्वजनिक कंपनियों को प्राइवेट बनाने' के लिए भी संघ को नाराज़ बता दिया गया है। साथ ही भागवत द्वारा उर्दू शब्द इस्तेमाल करने की ओर ध्यान खींचा गया है।