“हम अपने बुजुर्गों की शान में की गई गुस्ताखी को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। ये यहाँ पर रखा क्यों गया है? 10 लाख- 15 लाख, जितने भी रुपए का है ये, हम तत्काल देंगें, यहीं पर।"
सोशल मीडिया में किसान आंदोलनों के बीच बड़े स्तर पर शेयर किया जा रहा है। इससे पहले सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान भी इसी तरह बच्चों में जहर भरने के मामले सामने आए थे।
ट्रंप को ब्लॉक करने से पहले फेसबुक, ट्विटर ने परिणामों की शायद कल्पना नहीं की थी। उन्होंने केवल अतिरिक्त हिंसा की संभावना के मद्देनजर प्रतिबंध लगाया था लेकिन...