"सवर्ण हिंदुओं के बार-बार वारिस पठान की आलोचना करने में शर्म आनी चाहिए, जबकि वे जिस पार्टी को सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से सत्ता सौंपी थी। वह खुले तौर पर नरसंहार की धमकी देते थे। बाहर सड़कों पर आने और आरएसएस को उखाड़ फेंकने के बजाय, ट्विटर और फेसबुक पर बकोली करवा लो बस इनसे।"
एक यूजर ने तो पूरे गैंग की ही पोल खोल दी और लिखा, "JNU वालों में ये ख़ास खूबी है कि ये जो चीज नहीं होती उसे भी देख लेते हैं, जैसे नकाब के पीछे ABVP 'गुंडे', बिना ड्राफ्ट के NRC...।"
इस मीम विडियो में ऐनिमेटेड किरदारों के साथ भारत और अमेरिका की दोस्ती को दिखाया गया है। इसके साथ ही 'बाहुबली' फिल्म की एक फुटेज को एडिट किया गया है, जिसमें ट्रंप को बाहुबली के तौर दिखाया गया है।
ईद पर मटन-बिरयानी के गुलछर्रे उड़ाने वाली रुचि क्रिसमस पर 'भक्तों' को 'गाय के पेशाब की जगह शराब पीने' की सलाह देती हैं। जैसे ही महाशिवरात्रि आती है, रुचि के अंदर का सामाजिक कार्यकर्ता जाग उठता है और वो फ़र्ज़ी ज्ञान देने लगती हैं। सारे सलाह हिन्दुओं के लिए ही हैं क्या?
“एक जिहादी हमेशा ही जिहादी रहता है चाहे वो मुखौटा कलाकार का पहने या किसी और का। नसीरुद्दीन शाह को ही देख लो। सरकार को इन पर लगाम लगाना ही पड़ेगा, नहीं तो वायरस की तरह फैल जाएँगे पूरे देश में।”
"यहाँ की जमीन हमारी है, हवा हमारी है, पानी हमारा है, तो कैसे कहा जा सकता है कि मुसलमान यहाँ का नहीं है। मैं अच्छे से जानती हूँ कि भारत को आजादी कैसे मिली? RSS तो बिका हुआ था। आज आजादी का फायदा मोदी-शाह उठा रहे हैं।"
"तुम लोगों को बेवकूफ बनाना कितना आसान है। जिन्हें ये भी नहीं पता कि INVENTION और POPULARISING में क्या फर्क होता है। क्या तुम्हारी माँ ने अपने पीरियड के दौरान ट्रू इंडोलॉजी की कुत्तियों को खाना खिलाया था?"
एक नजर में कोई भी इस फोटो के झूठ को कैप्शन देखकर सच मान लेगा। लेकिन उसी समय की वास्तविक तस्वीर को देखा जाए तो, पता चलेगा कि गिरोह का प्रोपगेंडा 10 मिनट से ज़्यादा नहीं चल पाता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार को दिल्ली के राजपथ पर हुनर हाट पहुँचे। इसकी जानकारी अपने ट्विटर एकाउंट पर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि वो हुनर हाट में न सिर्फ कई कलाकारों से मिले बल्कि वहाँ उन्होंने लिट्टी-चोखा खाया और कुल्हड़ में चाय भी पी।
AAP विधायक आतिशी मार्लेना ने ट्वीट के जरिए बताया कि वो कुछ और देखना चाहती थीं, लेकिन एक MLA होने के नाते उन्हें जनता (भतीजी) की बात सुननी पड़ी और आखिर में उन दोनों ने हैरी पॉटर फिल्म देखने का ही फैसला किया। लेकिन कहानी इसके बाद शुरू होती है, जब...