Sunday, December 22, 2024

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दलित लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन, डॉ अंबेडकर ने माना था इसे मुस्लिम आबादी बढ़ाने का ‘टूल’: नितिन गुप्ता (रिवाल्डो)

दलितों पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव पाकिस्तान या अफगानिस्तान की कहानी नहीं है। यह भारत में हो रहा है, 2021 में हो रहा है।

हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करके निकाह… शरिया मानसिकता पढ़े-लिखे लोगों में भी: नितिन गुप्ता (रिवाल्डो)

नितिन गुप्ता का सवाल है कि जब हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन करके निकाह कर लिया जाता है, तो फिर वह अंतरधार्मिक विवाह कैसे हुआ?

पीएम मोदी की शासन शैली का ‘गुजरात मॉडल’: कोरोना संकट और 2022 के चुनाव पर CM विजय रुपाणी से खास बातचीत

64 वर्षीय भाजपा नेता विजय रुपाणी का मुख्यमंत्री के तौर पर इस साल अगस्त 2021 में 5 साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। ऐसे में राज्य में कोरोना के खिलाफ लड़ाई सहित विभिन्न मुद्दों पर ऑपइंडिया की विशेष बातचीत।

टीनएज में सेक्स, पोर्न, शराब, वन नाइट स्टैंड, प्रेग्नेंसी… अनुराग कश्यप ने बेटी को कहा- जैसी तुम्हारी मर्जी

ब्वॉयफ्रेंड के साथ सोने के सवाल पर अनुराग ने कहा, "यह तुम्हारा अपना डिसीजन है कि तुम किसके साथ रहती हो। मैं केवल इतना चाहता हूँ कि तुम सेफ रहो।"

कोरोना पर रिपोर्टिंग ही बनी ‘त्रासदी’, संक्रमण से जीतने के जज्बे को मार रही ‘भय’ की ये पत्रकारिता

यह भय का ही असर है जो अस्पताल में बेड पर कब्जा करने के लिए मजबूर कर रहा है। आवश्यकता न होने के बावजूद ऑक्सीजन सिलेंडर और इंजेक्शन रखने के लिए उकसा रहा है।

हिंदू-मुसलमान पर शाह ने ओवैसी को घेरा, अधीर के तंज पर किया पलटवार: कहा- हमें 17 महीने हुए, आपने 70 साल क्या किया

"आप हमें पूछ रहे हो? आपने तो मोबाइल ही बंद कर दिए थे और 20 साल तक बंद कर दिए थे। वाजपेयी जी ने आकर खोला था। कहाँ गए थे उस वक्‍त सारे अधिकारी?"

आखिर आम आदमी को इस बजट से क्या मिल गया? Just usual promises or realistic vision?

ऑपइंडिया ने बजट को सरल भाषा में समझने के लिए के लिए SRCC (दिल्ली विश्वविद्यालय) के Dept of Economics में सहायक प्रोफेसर अभिनव प्रकाश से बात की।

S02E09: क्या बकैत को पता था लाल किला और दंगों का?

बकैत के पोस्ट और प्राइम टाइम से पता चलता है कि उसे मालूम था कि किसान क्या करने वाले हैं!

Video: ‘किसान’ नेता स्वतंत्र क्यों घूम रहे हैं? एक भी अरेस्ट क्यों नहीं?

सिंघु बॉर्डर पर किसान क्यों हैं अभी भी? एक भी अरेस्ट क्यों नहीं? मीटिंग तो एक रूटीन प्रक्रिया है, लेकिन असामान्य परिस्थिति में रूटीन से बाहर क्यों नहीं है सरकार? टिकैत, योगेन्द्र यादव समेत वो चालीस किसान नेता क्यों नहीं हैं कस्टडी में? सरकार जवाबदेही तक क्यों नहीं तय कर पाई है?

मीलॉर्ड! आज खुश तो बहुत होंगे आप: ऑपइंडिया एडिटर के चंद सवाल

शायद अब सुप्रीम कोर्ट को लगेगा कि औरों के भी संवैधानिक अधिकार हैं, लिब्रांडू मीडिया गिरोह इसे सफल आंदोलन करार देगा, जबकि पुलिस पर तलवारों से हमले हुए हैं!

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