चीन के साथ हालिया तनावों के बीच अधिकांश मीडिया संस्थानों ने भूटान के साथ संबंधों में खटास को लेकर खबरें प्रकाशित की थी। दावा किया था कि भूटान ने असम का पानी रोक दिया है।
खबरों में बताया गया कि भूटान ने असम के कुछ क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी देना बंद कर दिया है। इसके कारण वहाँ के लोग परेशान हैं और सड़क जाम कर प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
इस खबर के फैलने के बाद तरह-तरह के सवाल उठने लगे थे। लोगों ने भूटान की मंशा पर प्रश्न चिह्न लगा दिया। लेकिन भूटान ने इस खबर को बेबुनियाद बताया है।
बयान जारी कर भूटान ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया जिनका दावा था कि भूटान ने असम के लोगों को सिंचाई पानी भेजने पर रोक लगा दी है।
भूटान ने कहा, जो मीडिया रिपोर्ट्स इस तरह का दावा कर रही हैं कि हमने असम को पानी भेजने पर रोक लगाई, वे निराधार हैं और जानबूझकर भूटान और असम के मैत्रीपूर्ण लोगों के बीच गलतफहमी पैदा करने का प्रयास है।
Bhutan issues clarification, states that media reports alleging that they (Bhutan) have stopped the supply of irrigation water to areas in Assam “are totally baseless” & “deliberate attempt by vested interests to cause misunderstanding between friendly people of Bhutan & Assam.” pic.twitter.com/PQ4F2hcH40
— ANI (@ANI) June 26, 2020
इसके अलावा, असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण ने भी मामला साफ किया है। उन्होंने बताया कि ये बिल्कुल गलत सूचना है। भूटान द्वारा पानी रोके जाने की मीडिया रिपोर्ट बिल्कुल गलत है। पानी रोका नहीं गया था बल्कि नदी को साफ किया जा रहा था ताकि भारत के सिंचाई क्षेत्रों तक प्रवाह बनी रहे। भूटान ने नदी में जमी गंदगी (ब्लॉकेज) को साफ कर भारत की मदद की है।
Recent media reports about Bhutan blocking water supply to India has been incorrectly reported. The actual reason being the natural blockage of informal irrigation channels into Indian fields! Bhutan has been actually helping to clear the blockage. pic.twitter.com/H61c5T1EeJ
— Kumar Sanjay Krishna (@KrSanjayKrishna) June 25, 2020
भूटान के वित्त मंत्री ने भी फेसबुक पोस्ट पर लिखा, “भूटान से भारतीय राज्य असम तक पानी रोका नहीं गया है। पानी का प्रवाह स्थानीय लोगों के साथ जारी है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सिंचाई के साधन उपलब्ध हैं। भारत के हमारे किसान मित्रों को दैफाम-उदलगुरी, समरंग-भंगातर, मोटोंगा-बोकाजुले और समद्रपोंगखार से पानी की निरंतर आपूर्ति की जा रही है।”
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को मीडिया में खबरें आईं थीं कि नेपाल चीन के बाद भूटान ने भी भारत की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भूटान ने असम के बक्सा जिले के किसानों का पानी रोक दिया है।
रिपोर्ट्स में कहा गया कि बक्सा जिले के 26 से ज्यादा गाँवों के करीब 6000 किसान सिंचाई के लिए डोंग परियोजना पर निर्भर हैं। वर्ष 1953 के बाद से किसान धान की सिंचाई भूटान की नदियों के पानी से करते रहे हैं। लेकिन अब पानी रुकने से उन्हें परेशानी आ रही है और वे विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसी बीच थिंपू में भूटान सरकार के अखबार के संपादक तेंजिंग लांगसांग ने भी मामले पर विवादित बयान दे दिया। उन्होंने हुए कहा कि भूटान ने भारत की ओर जाने वाले सिंचाई के सारे पानी को रोक लिया है।
उन्होंने कई ट्वीट करते हुए कहा कि हर साल भूटान असम के किसानों को पानी का रुख मोड़ने देता था, ताकि वह सिंचाई के लिए कुछ पानी जुटा सकें। लेकिन अब सीमाएँ सील कर दी गई हैं। बता दें, इन्हीं सब रिपोर्ट्स ने असम में किसानों की चिंता बढ़ा दी और उन्हें प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा। मगर अब स्थिति साफ हो गई है।