कई महीनों तक COVID-19 के ‘केरल मॉडल’ का महिमामंडन करते रहने के बावजूद उसे सफल साबित करने में नाकामयाब रहे फैक्ट चेक के नाम पर मजहबी विचारधारा का प्रचार करने वाली स्वघोषित फैक्ट चेकर वेबसाइट ‘ऑल्टन्यूज़’ को नया सरदर्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई स्पीच ने दिया है। ऑल्टन्यूज़ ने बेहद घटिया हिंदी में दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनिंदा आँकड़ों के जरिए COVID-19 महामारी के मामले में भारत की स्थिति को बेहतर बताने का प्रयास किया है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 20 अक्टूबर को ही त्योहारों से पहले कोरोना वायरस के बारे में चेतावनी जारी करते हुए अपने भाषण में कहा था कि भारत में कोरोना वायरस के कारण मृत्यु दर प्रति 10 लाख लोगों पर 83 है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन और ब्राज़ील में ये आँकड़ा 600 से ऊपर है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अब तक 10 करोड़ के करीब परिक्षण किए हैं और भारत अन्य देशों के मुकाबले कोरोना वायरस महामारी से बचने में कहीं बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
ऑल्टन्यूज़ का दर्द है कि भाषण के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही आँकड़ों को रखा और अपने इस कथित फैक्ट चेक में कहा है कि उन्होंने इन आँकड़ों की तुलना संयुक्त राज्य अमेरिका या फिर यूनाइटेड किंगडम और ब्राजील के साथ क्यों की गई?
यह बात और है कि खुद ऑल्टन्यूज़ अपने इसी गंदी हिंदी में लिखे शब्दों के संग्रह, जिसे वो ‘फैक्ट चेक’ का नाम देते हैं, में इन्हीं देशों से भारत की तुलना करते हुए भ्रम को स्थापित करने का बचकाना और विफल प्रयास करते हैं। वास्तव में, ऑल्टन्यूज़ के इस फैक्ट चेक का पहला दोष तो यही है।
‘फैक्ट चेक’ करने के नाम पर ऑल्टन्यूज़ ने यह तुलना अमेरिका और ब्रिटेन के साथ सिर्फ इस कारण की क्योंकि भारत विश्व में कोरोना परीक्षण करने वाले देशों में दूसरे स्थान पर है। लेकिन यह दिखाने के लिए, कि भारत में कम परीक्षण हुए हैं, ऑल्टन्यूज़ ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ भारत की तुलना करना जरुरी समझा।
ऑल्टन्यूज़ ने मोदी सरकार के आँकड़ों को सेलेक्टिव बताया है। जबकि भारत में कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु के मामले में प्रति मिलियन में होने वाली मौत के मामले में भारत विश्व या अमेरिका, या फिर ब्रिटेन के औसत से कहीं बेहतर दशा में है।
इसलिए, ऑल्टन्यूज़ ने इसकी तुलना एशिया से की, जहाँ कि इस वायरस के जनक राष्ट्र चीन ने वायरस से जुड़ी लगभग हर जानकारी पर भ्रम फैलाया है और झूठ बोलते हुए अपने आँकड़ों को दुरुस्त बताने का काम करता आया है।
इसके अलावा, COVID-19 में भारत की स्थिति दिखाते हुए, प्रोपेगेंडा फैक्ट चेकर वेबसाइट ऑल्टन्यूज़ ने केस फेटलिटी रेट (CFR) यानी, मृत्यु दर की तुलना नहीं की, क्योंकि भारत में मृत्यु दर भी विश्व के औसत, एशिया के औसत, ब्रिटेन और अमेरिका के औसत से कम है। यही तथ्य पीएम मोदी ने भी अपने उस भाषण में रखे, जिसका फैक्ट चेक करने ऑल्टन्यूज़ निकला था। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि भारत की रिकवरी दर अधिक और मृत्यु दर कम है।
लेकिन अगर ऑल्टन्यूज़ इन आँकड़ों को रखता तो यह उनके अजेंडा के विपरीत होता। जबकि ऑल्टन्यूज़ को तो यह साबित करना है कि भारत कोरोना वायरस महामारी से निपटने में असफल रहा है।
While showing India's condition in covid, Alt News didn't show comparison of Case Fatality Rate (CFR) because india's CFR is less than world avg, Asia avg, US, UK.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) October 24, 2020
Bcz it would have gone against Alt News' propaganda.
This is called using Data Selectivelyhttps://t.co/VJGMl5Lo6A https://t.co/d6nvxQDw2L pic.twitter.com/nWr2dLwyyD
ऑल्टन्यूज़ के इस फर्जीवाड़े को अंकुर सिंह ने सामने रखा है –
How Congress IT Cell workers do Fact Checking
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) October 24, 2020
1. Deaths per million in India is much better than world avg, or US & UK. So Alt News compared Asia avg where China lied
2. Tests per thousand is much better than Asia avg, so compared it with US & UK.
Who's using Data Selectively? https://t.co/d6nvxQDw2L pic.twitter.com/VeqwiEGxQu
Alt News started Article by saying 'why pick only US, UK and Brazil? Why not other countries?
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) October 24, 2020
India has done 2nd highest testing in the world, But to portray India has done less testing, Alt News itself compared with US and UK.
Why not other countries in the region? pic.twitter.com/kNkdjMC0Gs
इस कथित फैक्ट चेक में ऑल्टन्यूज़ की गणित के खेल को अगर समान्य शब्दों में समझना चाहें तो ऑल्टन्यूज़ ने भारत की प्रति मिलियन मृत्यु दर की तुलना एशिया से और प्रति मिलियन जाँच दर की तुलना अमेरिका और ब्रिटेन के साथ की है। ऐसा करने के पीछे ऑल्टन्यूज़ के क्या कारण थे, उन्होंने इसके लिए किस ‘डाटा इंटेलिजेंस यूनिट’ की सहायता ली और क्यों ली, यह कॉन्ग्रेस पोषित फैक्ट चेकर्स का मसीहा ही बेहतर जानता होगा।
ऑल्टन्यूज़ ने इन सभी फर्जीवाड़ों और आसमानी गणित के सहारे ऑल्टन्यूज़ ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी ने चुनिंदा आँकड़ों के माध्यम से ये दिखाने की कोशिश की है कि अन्य विकसित देशों के मुकाबले भारत कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।