Saturday, November 16, 2024
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द हिंदू ने चीनी प्रोपेगेंडा छापने के एक महीने बाद ही पैंगोंग त्सो में PLA घुसपैठ को लेकर छापी फेक न्यूज़: PIB ने किया खंडन

द हिंदू द्वारा किए गए दावों को सेना के अधिकारियों ने खारिज कर दिया। इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने कहा कि यह फर्जी दावा और फर्जी खबर है। उन्होंने पुष्टि की कि.....

प्रो-चाइना समाचार पत्र द हिंदू ने एक बार फिर फर्जी खबर को छापते हुए उसका प्रोपेगेंडा फैलाया है। फर्जी खबर में द हिंदू ने दावा किया कि पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर चीनी सेना ने फिंगर 2 और फिंगर 3 क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है।

अखबार ने शुक्रवार को भाजपा के पूर्व सांसद थुपस्टोन चवांग का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया था कि चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र के पैंगोंग त्सो के तट पर नए जगहों पर घुसपैठ कर ली है।

रिपोर्ट के अनुसार, चवांग ने कहा था कि उन्हें लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ आगे के इलाकों में रहने वाले स्थानीय लोगों से यह जानकारी मिली। उन्होंने यह भी दावा किया था कि जीरो डिग्री तापमान जैसी भयानक परिस्थितियों में भारतीय सैनिक टेंट में रह रहे थे।

रिपोर्ट में राजनेता के हवाले से लिखा गया, “सीमा की स्थिति गंभीर है। चीनी सैनिकों ने न केवल हमारे क्षेत्रों में घुसपैठ किया है, बल्कि उन्होंने पंगोंग त्सो के फिंगर 2 और 3 क्षेत्रों के प्रमुख जगहों पर कब्जा भी कर लिया है, यहाँ तक ​​कि हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र भी उन्होंने पूरी तरह से खाली नहीं किया है। यह जानकारी स्थानीय लोगों से मिली है।”

वहीं द हिंदू द्वारा चेवांग के हवाले से किए गए दावों को सेना के अधिकारियों ने खारिज कर दिया। इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने कहा कि यह फर्जी दावा और फर्जी खबर है। उन्होंने पुष्टि की कि क्षेत्र में कोई नागरिक नहीं हैं, इसलिए रिपोर्ट में नागरिक का नाम लेते हुए किया गया दावा सही नहीं हैं।

पीआईबी फैक्ट चेक के एक ट्वीट में भी रिपोर्ट में किए गए दावे का खंडन किया गया है। पीआईबी के आधिकारिक फैक्टचेकिंग आर्म ने बताया कि यह एक फर्जी खबर है और भारतीय सेना ने इस बयान का खंडन किया है।

ट्विटर पर सैटेलाइट इमेजरी एक्सपर्ट हैंडल @detresfa ने भी पुष्टि की कि भारत अभी भी झील के उत्तरी किनारे पर उच्च क्षेत्रों में अपनी स्थिति बनाए हुए है। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस हैंडल ने सेटेलाइट के जरिए क्षेत्र की नई फ़ोटो भी पोस्ट की, जो दर्शाता है कि भारतीय सैनिकों ने अपनी कोई पोजीशन नहीं बदली है और क्षेत्र में कोई चीनी घुसपैठ नहीं की गई है।

रक्षा विशेषज्ञ नितिन ए. गोखले ने भी पिछले सप्ताह एक रिपोर्ट के माध्यम से पुष्टि की थी, कि पिछले कई हफ्तों से पैंगॉन्ग त्सो के तट पर स्थिति अपरिवर्तित है। रिपोर्ट में कहा गया, “लगभग छह महीने के सैन्य हमले के बाद, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) भारतीय सेना को उकसाने या पीछे हटने के लिए किसी भी प्रकार से मजबूर नहीं कर पा रही है।”

गौरतलब है कि भारतीय सैनिकों ने 29-30 अगस्त को रिगलाइन फिंगर 4 के सबसे ऊपरी हिस्से पर कब्जा कर लिया था। बता दें, इस क्षेत्र में निचली जमीन पर चीनी शिविरों से दिखाई न देने वाले मार्ग का उपयोग करते हुए हमारी सेना को एक रणनीतिक लाभ मिलता है। तभी से भारतीय सैनिक उन उच्च क्षेत्रों पर कब्जा बनाए हुए है और चीन उन्हें पर्वतीय युद्ध में विस्थापित करने में असमर्थ रहा है।

उल्लेखनीय है कि 1 अक्टूबर को द हिंदू ने अपने पहले पेज पर चीन के सभी विज्ञापन को प्रदर्शित किया था। वहीं पेज 3 पर बाकी का पेड कंटेंट छापा गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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