मीडिया में ऐसी ख़बरें चल रही हैं कि एंटी-करप्शन ब्यूरो ने अजित पवार के ख़िलाफ़ चल रहे सारे मामलों में जाँच बंद कर के उन्हें क्लीन चिट दे दिया है। साथ ही सोशल मीडिया में इस ख़बर को आधार बना कर यह पूछा गया कि क्या भाजपा के साथ आते ही अजित पवार ‘क्लीन’ हो गए हैं और उन्हें देवेंद्र फडणवीस की सरकार का समर्थन करने के बदले यह इनाम दिया गया है? आजतक और न्यू इंडियन एक्सप्रेस जैसे मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों का अलावा नेशनल हेराल्ड जैसे प्रोपेगंडा पोर्टल्स तक, सबने झूठ फैलाया। पत्रकार राजदीप सरदेसाई और कॉन्ग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी नहीं चूके।
आजतक ने पूछा कि क्या भाजपा के साथ आते अजित पवार ‘क्लीन’ हो गए हैं? साथ ही लिखा कि उनसे जुड़े सिंचाई घोटाले के 9 मामलों को बंद कर दिया गया है।
राजदीप सरदेसाई ने ‘गोलमाल है भाई, सब गोलमाल है’ गाने का प्रयोग करते हुए तंज कसा कि केस को बंद करने की टाइमिंग संदेहास्पद है।
Breaking: 9 files against @AjitPawarSpeaks in irrigation scam closed by Maharashtra anti corruption bureau.. ACB insists other cases still being looked at but timing of latest status report closing nine cases very suspicious. Gol maal hai bhai sab gol maal hai!
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 25, 2019
इसी तरह कॉन्ग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा कि भ्रष्टाचार के मामलों को बंद किए जाने के एवज में समर्थन माँगा जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर धब्बा करार किया।
Closing down ‘Corruption Cases’ is now being used as a bargaining tool to carry on an illegitimate BJP-Ajit Pawar Govt in Maharashtra.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 25, 2019
This is a blot on democracy.
‘Contract Killing’ of democracy is now synonymous with ‘Contract Killing’ of honesty & accountability.
Statement- pic.twitter.com/sqU2s5LbUI
इधर कॉन्ग्रेस मुखपत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ ने लिखा कि अजित पवार को इरीगेशन स्कैम मामले में क्लीन चिट दे दी गई है।
लेकिन, सच्चाई कुछ और ही निकली। दरअसल, जिन 9 सिंचाई घोटालों की फाइलें बंद की गई थीं, उनमें से एक भी अजित पवार से सम्बंधित नहीं थीं। उन घोटालों का अजित पवार से दूर-दूर तक नाता नहीं था लेकिन मीडिया ने इसे ग़लत तरीके से फैलाया। हालाँकि, जिन केसों को बंद किया गया, वो भी सशर्त रूप से। अगर कुछ और आता है तो उन्हें फिर से खोला जा सकता है।
Maharashtra Anti Corruption Bureau (ACB) DG, Parambir Singh to ANI: None of the cases that were closed today are related to Maharashtra Deputy Chief Minister, Ajit Pawar. pic.twitter.com/bX4KMy83Ej
— ANI (@ANI) November 25, 2019
महाराष्ट्र एंटी-करप्शन ब्यूरो के डायरेक्टर परमबीर सिंह ने मीडिया के सामने आकर इस दुष्प्रचार का ख़ुद खंडन किया। उन्होंने बताया कि एजेंसी सिंचाई घोटाले से जुड़े 3000 टेंडरों की जाँच कर रही है। उन्होंने 9 मामले बंद होने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये रूटीन इन्क्वाइरी थी। साथ ही उन्होंने साफ़ कर दिया कि इनमें से कोई भी मामला महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार से जुड़ा नहीं है।