Saturday, November 16, 2024
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ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुआ वीर अब्दुल हमीद के बेटे का इंतकाल, फेक न्यूज़ लेकर AAP नेता संजय सिंह ने CM योगी को घेरा

अस्पताल ने बयान जारी कर बताया कि 23 अप्रैल 2021 को आखिर क्या हुआ था। अस्पताल ने कहा कि 21-22 अप्रैल 2021 की रात 61 वर्षीय अली हसन को अस्पताल लाया गया। वहाँ उनका उपचार हुआ। इस दौरान उन्हें 14 लीटर ऑक्सीजन गैस भी उपलब्ध करवाई गई लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। 23 अप्रैल 2021 को उनका उपचार के दौरान निधन हुआ।

1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में एक छोटी जीप में बैठकर पाकिस्तान के टैंक तबाह करने वाले परमचक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बेटे अली हसन का कानपुर में कोरोना के कारण निधन हो गया। मीडिया ने बताया कि उनका ऑक्सीजन न मिलने के कारण निधन हुआ। वहीं AAP नेता संजय सिंह ने इस खबर पर सीएम योगी आदित्यनाथ को घेरने की कोशिश की।

दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट में हसन के स्वजनों के हवाले से कहा गया कि एलएलआर हॉस्पिटल को मालूम था कि हसन वीर अब्दुल हमीद के बेटे हैं, लेकिन बावजूद इसके ऑक्सीजन सिलिंडर का इंतजाम नहीं हुआ।

रिपोर्ट में हसन के बेटे सलीम ने बताया है कि 21 अप्रैल को उनके पिता को खाँसी आनी शुरू हुई और उनका ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा। 

इसके बाद हालत देखते हुए उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहाँ ऑक्सीजन का प्रबंध हुआ लेकिन 4 घंटे बाद ये कहकर ऑक्सीजन देने से मना कर दिया गया कि उनकी तबीयत ठीक है। सबने वीर अब्दुल हमीद का नाम ले लेकर गुजारिश की, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें जानने से इंकार कर दिया। नतीजन 23 अप्रैल को उनका निधन हो गया।

अब इसी खबर को शेयर करके आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने योगी सरकार पर निशाना साधा। अली हसन को श्रद्धांजलि देते हुए संजय सिंह ने कहा, “जिस वीर अब्दुल हमीद भारत माता की रक्षा के लिए पाकिस्तान के टैंक उड़ा दिए। तिरंगे की शान के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। इनका बेटा ऑक्सीजन की कमी से मर गया। योगी जी, PM की चापलूसी में प्रोटोकोल का रोना रोने के बजाय यूपी के लिए आक्सीजन माँगो। विनम्र श्रद्धांजलि।”

अब इस खबर के प्रकाशित होने के बाद और मामले का राजनीतिकरण होता देख, अस्पताल ने इस पर संज्ञान लिया। अस्पताल ने बयान जारी कर बताया कि 23 अप्रैल 2021 को आखिर क्या हुआ था। अस्पताल ने कहा कि 21-22 अप्रैल 2021 की रात 61 वर्षीय अली हसन को अस्पताल लाया गया। वहाँ उनका उपचार हुआ। इस दौरान उन्हें 14 लीटर ऑक्सीजन गैस भी उपलब्ध करवाई गई लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। 23 अप्रैल 2021 को उनका उपचार के दौरान निधन हुआ।

अस्पताल द्वारा जारी बयान

अस्पताल ने अपने बयान में ये भी कहा वहाँ इस समय 650 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 500 को ऑक्सीजन की जरूरत है और सबको ऑक्सीजन भी मुहैया करवाई जा रही है। लेकिन कोविड 19 मरीजों का प्राथमिकता से उपचार हो रहा है। अस्पताल का हर कर्मी दिन रात अपनी ड्यूटी पर लगा है ऐसे में दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर असत्य, भ्रामक और निराधार है। 

इस पत्र को ट्विटर पर विकास पांडे ने शेयर किया है। विकास ने संजय सिंह द्वारा शेयर की गई खबर वाले ट्वीट को शेयर करते हुए कहा, “झूठी खबर! अली हसन को ऑक्सीजन दी गई थी। दुर्भाग्य है कि इतने बहादुर शख्स के बेटे को ये सब झेलना पड़ा। लेकिन उनकी मौत किसी कीमत पर ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई। कृपया तथ्य पढ़ें और ट्वीट सही करें।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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