Sunday, November 17, 2024
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NDTV का दावा- कॉन्ग्रेस के ‘एक परिवार, एक टिकट’ नियम से गाँधी परिवार को छूट, फेक न्यूज़ बताते हुए टूट पड़े कॉन्ग्रेसी, जानिए क्या है सच

NDTV के ट्वीट करते ही कॉन्ग्रेस और उसके वफादारों ने एनडीटीवी के खिलाफ ट्विटर फ्रंट खोलते हुए उस पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया।

कॉन्ग्रेस खुद में जान फूँकने के लिए बैठकें कर रही है। इस बीच NDTV ने शुक्रवार (13 मई 2022) को ट्वीट कर दावा किया है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी खुद को री-लॉन्च करने की कोशिश में ‘एक परिवार, एक टिकट’ के स्टैंडर्ड पर सहमत हो गई है। हालाँकि, इस नियम से गाँधी परिवार को बाहर रखा गया है।

एनडीटीवी की 13 मई को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है ‘कॉन्ग्रेस क्लियर्स की रिफॉर्म विद लूपहोल फॉर गाँधीज़: 10 पॉइंट्स’ शीर्षक वाली खबर में इस बात का जिक्र किया गया है कि शुक्रवार से राजस्थान के उदयपुर में शुरू हो रहे तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ में कॉन्ग्रेस ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि पार्टी अब ‘एक परिवार, एक टिकट’ नियम को लागू करेगी, जिससे गाँधी परिवार को छूट मिलेगी।

फोटो साभार: एनडीटीवी

एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है कि ये वो नियम है, जिसके लागू होने से एक परिवार के एक से अधिक लोगों के चुनाव लड़ने पर बैन लग जाएगा। लेकिन, इसको लेकर कॉन्ग्रेस ये संकेत दे चुकी है कि इस नियम से गाँधी परिवार- सोनिया गाँधी और उनके बच्चे राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा बचे रहेंगे।

रिपोर्ट में कॉन्ग्रेस नेता अजय माकन के कोट का हवाला देते हुए कहा गया है कि क्या गाँधी को इससे छूट दी गई है। इसमें कहा गया, “इस नियम पर सभी एकमत हैं। अगर परिवार का कोई सदस्य अभी चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे अगले पाँच साल तक एक्टिव रहना चाहिए। वे बीते पाँच साल से सक्रिय हैं। प्रियंका गाँधी ने 2018 में पार्टी के लिए औपचारिक रूप से काम करना शुरू किया था।”

फोटो साभार: एनडीटीवी

मीडिया आउटलेट आखिरकार इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि जो नियम तीनों गाँधियों को चुनाव लड़ने की इजाजत देता है, इससे एक लूप होल का पता चलता है। इससे आलोचकों को भी एक मौका मिलेगा कि जब पार्टी में बड़े सुधार की जरूरत है, उस वक्त में भी कॉन्ग्रेस एक प्रकार का कॉस्मेटिक बदलाव कर रही है।

बस फिर क्या था, NDTV के ट्वीट करते ही कॉन्ग्रेस और उसके वफादारों ने एनडीटीवी के खिलाफ ट्विटर फ्रंट खोलते हुए उस पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया। कॉन्ग्रेस की यूथ विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सफाई पेश की कि पार्टी में ये नियम सभी के लिए एप्लीकेबल हैं, न कि केवल गाँधी फैमिली के लिए। कॉन्ग्रेस नेता ने ट्वीट किया, “फेक न्यूज अलर्ट। एक ही परिवार का दूसरा सदस्य पार्टी टिकट के लिए तभी योग्य माना जाएगा, जब उसने उसने पार्टी और संगठन के लिए लगातार पाँच साल तक काम किया हो। यह नियम पार्टी में सभी पर लागू होता है।”

इसी क्रम में खुद को कॉन्ग्रेसी फैन बताने वाले ट्विटर हैंडल @bole_bharatने NDTV को ‘प्रोपेगैंडा फैक्ट्री’ करार दे दिया। उसने ट्वीट किया, “एनडीटीवी – द प्रोपेगैंडा फैक्ट्री। कॉन्ग्रेस नेता @ajaymaken ने ‘एक परिवार एक टिकट’ नियम के बारे में गाँधी परिवार के बारे में कुछ भी नहीं बताया। नियम सभी पर लागू होता है।”

कॉन्ग्रेस के कई अन्य वफादारों ने भी इसी को फॉलो किया और फेक न्यूज फैलाने के लिए ट्विटर पर आ गए।

उल्लेखनीय है कि कॉन्ग्रेस नेता अजय माकन ने मीडिया को संबोधित किया, लेकिन इस दौरान उन्होंने एक भी बार गाँधी परिवार का नाम नहीं लिया और यह नियम पार्टी में सभी पर लागू होता है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीडियो में करीब 11.30 मिनट पर AICC के महासचिव अजय माकन को ये कहते देखा गया कि चिंतन शिविर ‘एक परिवार एक टिकट’ के मानदंड को लागू करना चाहता है। एक परिवार का दूसरा सदस्य पार्टी के टिकट के लिए तभी योग्य माना जाएगा जब उसने पार्टी के लिए पाँच साल तक काम किया हो।

हालाँकि, ये सत्य है कि माकन ने एक बार भी गाँधी परिवार का नाम नहीं लिया, लेकिन यह नियम तकनीकी रूप से तीनों गाँधी वंशजों को इस रेस में शामिल करता है। इसके अलावा ये नियम पार्टी के सभी लोगों पर भी लागू होता है। ऐसे में ये स्पष्ट है कि एनडीटीवी की जानकारी जरुरी तथ्यों पर फोकस करती है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को उदयपुर में कॉन्ग्रेस का तीन दिन का चिंतन शिविर शुरू हुआ। पार्टी ने घोषणा की कि संगठन में ‘बड़े बदलाव’ आ रहे हैं, जिसमें सभी स्तरों पर 50 से कम उम्र के व्यक्तियों के लिए 50% प्रतिनिधित्व शामिल है, जिसकी शुरुआत कॉन्ग्रेस कार्य समिति से हुई है। माकन के मुताबिक, इस बदलाव का उद्देश्य पार्टी के काम करने की तरीकों में बदलाव करना है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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