आम चुनाव में इंदिरा गाँधी की नाक बीच में ला कर भी बढ़त हासिल न कर पाने में विफल रहने वाली कॉन्ग्रेस अब वापस अपने झूठे और मनगढंत आरोपों के आधार पर बढ़त बनाने का प्रयास कर रही है। ऐसा करने के लिए कॉन्ग्रेस का साथ देने के लिए उनके व्यक्तिगत मुखपत्र, मीडिया गिरोह और दूर से ही बुद्दिजीवी नजर आने वाले ऐसे तमाम लोग मौजूद हैं, जो अपने अन्नदाताओं के बस एक इशारे पर उनके किसी भी षड्यंत्र को मनचाही दिशा देने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं।
कॉन्ग्रेस हर दूसरे दिन बेशर्मी और पूरे आत्मविश्वास के साथ मीडिया के सामने और सोशल मीडिया पर मोदी सरकार पर ऐसी काल्पनिक आरोप लगाती देखी जा सकती है। फर्जी दावे को तथ्य में तब्दील कर देना और फिर उसे रोज मीडिया में आकर बेशर्मी से बार-बार रटकर लोगों के मनमस्तिष्क में उसे सही साबित करने में अब कॉन्ग्रेस और पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी ने PhD कर ली है।
अफवाह: मोदी सरकार ने गुपचुप तरीके से देश का 200 टन सोना स्विट्जरलैंड भेजा
हाल ही में कॉन्ग्रेस ने ट्विटर पर पूरी बेशर्मी के साथ एक ऐसी रिपोर्ट ट्वीट की है, जिसमें 2014 में RBI का 200 टन सोना स्विट्जरलैंड भेजने की बात कही गई है। कॉन्ग्रेस ने अपने ही मुखपत्र नेशनल हेराल्ड की एक ‘खोजी रिपोर्ट’ को टैग करते हुए लिखा, “क्या मोदी सरकार ने गुपचुप तरीके से RBI का 200 टन सोना 2014 में स्विट्जरलैंड भेजा।” इसके साथ ही कॉन्ग्रेस ने आदतन मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए यह सवाल भी पूछा है कि सरकार को इसके बदले में क्या मिला है? सामान्य शब्दों में, कॉन्ग्रेस के आरोप वाली रिपोर्ट में खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने दावा किया है कि देश का जो 200 टन सोना गायब है, उसे भारत सरकार ने 2009 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से खरीदा था। नेशनल हेराल्ड ने यह रिपोर्ट एक ‘खोजी पत्रकार’ नवनीत चतुर्वेदी के ब्लॉग के आधार पर बनाई है।
Did the Modi govt secretly transport 200 tonnes of RBI’s gold to Switzerland in 2014?
— Congress (@INCIndia) May 2, 2019
“What did the government get in return for exchanging the gold? Why is the information about the transaction not available in public domain?”https://t.co/tvlefhPNke
‘व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी’ पर जमकर की जा रही है शेयर
कॉन्ग्रेस का यह आरोप सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि मोदी सरकार और इसके मंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल करने वाले लोग भी इस फर्जी खबर को तत्परता से सोशल मीडिया पर शेयर कर के कॉन्ग्रेस राजपरिवार के प्रति अपनी भक्ति साबित करने में जुटे हुए हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण UPSC के सदस्य रह चुके पुरुषोत्तम अग्रवाल हैं। यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि JNU जैसे संस्थानों से पढ़े-लिखे लोग और UPSC जैसी संस्था से जुड़े लोग भी इस प्रकार की अफवाहों को सच समझकर ‘व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी’ का हिस्सा बन जाते हैं और बिना पड़ताल के ही शेयर कर लेते हैं।
‘नेशनल यूथ पार्टी’ से दक्षिण दिल्ली सीट से प्रत्याशी हैं खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी
‘नेशनल यूथ पार्टी’ से दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार नवनीत चतुर्वेदी ने बुधवार (मई 01, 2019) को एक ब्लॉग लिखा था। नेशनल हेराल्ड ने इसी ब्लॉग के मनगढंत आरोपों को आधार बनाकर लिखा है, “क्या मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालते ही देश का 200 टन सोना चोरी छिपे स्विट्ज़रलैंड भेजा!” इसके साथ ही एक बड़े लेख में उन्होंने आदतन सरकार पर कई आरोप भी लगाए हैं, जिनकी प्रमाणिकता इसी आरोप की तरह ही शून्य है। कॉन्ग्रेस के बीच एक स्वतंत्र खोजी पत्रकार और लेखक के नाम से प्रसिद्द नवनीत का कहना है कि RTI के ज़रिए मिली सूचना के आधार पर ही उन्होंने ये सब लिखा है।
वास्तविकता: RBI ने किया खंडन
नवनीत ने अपने ब्लॉग में RTI की जो कॉपी शेयर की है, उसके अनुसार रिज़र्व बैंक ने यह सूचना दी थी कि भारत का 268.01 टन सोना ‘बैंक ऑफ़ इंग्लैंड’ और ‘बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स’ की सेफ़ कस्टडी में है। नवनीत के अनुसार, “साल 2014 से पहले की बैलेंस शीट में ये साफ़ लिखा हुआ है कि विदेश में रखे हुए भारतीय गोल्ड रिज़र्व की वैल्यू शून्य है जबकि 2014-15 की बैलेंस शीट में ऐसा नहीं है।”
लेकिन, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के अनुसार ये दावा बिल्कुल गलत है। RBI के वरिष्ठ अधिकारी योगेश दयाल के अनुसार, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के लिए यह एक सामान्य बात है कि वे अपने गोल्ड रिज़र्व को सुरक्षित रखने के लिए उसे ‘बैंक ऑफ़ इंग्लैंड’ जैसे अन्य देशों के सेंट्रल बैंकों में रखे रहने दें।
वास्तविकता यह है कि जो सोना विदेशी बैंकों में रखा हुआ है, वो गिरवी ही रखा गया हो, ऐसा नहीं है। दुनिया भर में यह एक सामान्य प्रक्रिया है कि जब कोई देश दूसरे देशों से सोना खरीदता है, तो वो उन्हीं देशों के सेंट्रल बैंक की सुरक्षित कस्टडी में उसे रखवा देता है, चाहें वो UK हो या फिर USA। ऐसे मामलों में जो सोना विदेश में रखा हुआ होता है, वो असल में कहलाएगा उसी देश का, जिसने कि उसे ख़रीदा है।
RBI ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोपों को ‘बकवास’ बताया है
कॉन्ग्रेस के आरोप के आधार पर कुछ अखबारों और सोशल मीडिया में केंद्रीय बैंक द्वारा 2014 में करीब 200 टन सोना विदेश भेजने की अफवाह के बाद RBI ने शुक्रवार (मई 04, 2019) को कहा कि 2014 या उसके बाद देश से बाहर कोई सोना नहीं भेजा गया है। बयान के अनुसार, दुनिया भर में केंद्रीय बैंक अपना सोना सुरक्षित रखने के लिए उसे बैंक आफ इंग्लैंड समेत अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों में रखते रहे हैं और यह एक सामान्य गतिविधि है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय बैंक ने 2014 या उसके बाद देश से रत्ती भर भी सोना अन्य देशों में नहीं भेजा है। इस बारे में मीडिया में जो रिपोर्ट आयी है, वह तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत है।
रिकॉर्ड 609 टन के स्तर पर है वर्तमान में देश का स्वर्ण भंडार
ओवरसीज चाइना बैंकिंग कॉर्प के अर्थशास्त्री होवेई ली के मुताबिक RBI 2019 में 15 लाख औंस सोना खरीद सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार 2018 में RBI ने कुल 42 टन सोने की खरीद की है। जनवरी और फरवरी में सोने की और खरीद करने के बाद देश का स्वर्ण भंडार वर्तमान में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गया है। इस समय RBI के पास लगभग 609 टन सोने का भंडार है। रूस ने वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा 274 टन सोने की खरीद की है।
क्या राहुल गाँधी माँगेंगे माफ़ी?
अपने मीडिया गिरोहों के माध्यम से समाज में अफवाह और उन्माद पैदा करने के लिए राहुल गाँधी क्या माफ़ी माँगेंगे यह बड़ा सवाल है। हाल ही में चौकीदार चोर है जैसे बयानों को चुनावी गर्मी में निकले शब्द बताने वाले कॉन्ग्रेस पार्टी अध्यक्ष ने झूठ को ही कॉन्ग्रेस का चेहरा बना लिया है। राहुल गाँधी कल ही अपने एक इंटरव्यू में यह भी कहते सुने गए कि उन्होंने नरेंद्र मोदी की इमेज की धज्जियाँ उड़ाने की सौगंध ले रखी है। शायद यही वजह है कि राफेल डील से लेकर देश की अर्थव्यवस्था के बारे में राहुल गाँधी झूठों का अम्बार लगाते नजर आते हैं।