Saturday, April 19, 2025
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हार्ट अटैक से हुई मौत, शरीर पर चोट के निशान तक नहीं: फिर भी चलाया ‘होली पर मुस्लिम को पीट-पीटकर मार डाला’ का प्रोपेगेंडा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आई सच्चाई

Aaj Tak ने परिजनों के बयान छापे कि "जबरन रंग डाला और पीटकर मार डाला।" TV9 Hindi ने इसे मंदिर के पास 'पीट-पीटकर हत्या' का मामला बताया। नतीजा ये हुआ कि कासिमनगर में तनाव फैल गया। मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए।

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में होली के दिन (15 मार्च 2025) शरीफ नाम के 55 साल के मुस्लिम अधेड़ की मौत ने पूरे इलाके में हंगामा मचा दिया था। शुरुआत में उनके घर वालों ने दावा किया कि कुछ स्थानीय युवकों ने जबरन रंग डाला और मारपीट करके उनकी जान ले ली। इस खबर को कई बड़े मीडिया हाउस जैसे Zee News, Aaj Tak और TV9 Hindi ने बिना पूरी सच्चाई जाने अपने-अपने अंदाज में छाप दिया।

Zee News ने लिखा कि “होली का रंग डालने पर बवाल” हुआ और शरीफ की मौत हो गई।

साभार: Zee News

Aaj Tak ने परिजनों के हवाले से दावा किया कि “जबरन रंग डाला और पीटकर मार डाला, जबड़ा बाहर निकला था।”

आज तक की खबर का स्क्रीनशॉट

TV9 Hindi ने तो इसे ‘खूनी होली‘ तक करार दे दिया।

टीवी9 की खबर का स्क्रीनशॉट

इन खबरों से शहर में तनाव फैल गया, लोग सड़कों पर जमा हो गए और पुलिस को फोर्स तैनात करनी पड़ी। लेकिन अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सारी कहानी साफ कर दी है।

घटना वाले दिन क्या हुआ था?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार सुबह शरीफ अपने घर से कासिमनगर मोहल्ले में निकले थे। दो महीने पहले सऊदी से लौटे शरीफ रोजा रखे हुए थे और कुछ सामान लेने जा रहे थे। रास्ते में कासिफ अली सराय के पास होली खेल रहे कुछ युवकों ने उन पर रंग डालने की कोशिश की। शरीफ ने मना किया, जिसके बाद थोड़ी बहस हुई। परिजनों का कहना है कि इसके बाद मारपीट हुई और शरीफ गिर पड़े। उनकी बेटी मुस्कान और भतीजे शमीम ने कहा कि युवकों ने उन्हें इतना पीटा कि उनकी जान चली गई।

चश्मदीद शमीम ने दावा किया कि “उनका जबड़ा बाहर निकल गया था।” वहीं, रंग डालने वाले घर की महिलाओं राजकुमारी और मंजू ने कहा कि बच्चों ने रंग डाला, लेकिन कोई हत्या नहीं हुई। शरीफ गाली देने लगे और ई-रिक्शा से आगे चले गए, जहाँ उनकी मौत हुई।

कैसे फैली हत्या की अफवाह?

Zee News ने खबर चलाई कि शरीफ की मौत रंग डालने के विवाद में हुई। Aaj Tak ने परिजनों के बयान छापे कि “जबरन रंग डाला और पीटकर मार डाला।” TV9 Hindi ने इसे मंदिर के पास ‘पीट-पीटकर हत्या’ का मामला बताया।

नतीजा ये हुआ कि कासिमनगर में तनाव फैल गया। मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए। हालात बिगड़ते देख अपर पुलिस अधीक्षक अखिलेश सिंह, क्षेत्राधिकारी सोनम सिंह और कोतवाली प्रभारी प्रमोद मिश्रा फोर्स लेकर पहुँचे। शहर काजी मौलाना निसार अहमद मिस्बाही ने भी लोगों से शांति की अपील की।

पुलिस ने शरीफ के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और परिजनों की तहरीर पर जाँच शुरू की। इलाके में गश्त बढ़ाई गई और फोर्स तैनात की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सच सामने आया। एएसपी अखिलेश सिंह ने बताया कि शरीफ की मौत हार्ट अटैक (कार्डियक अरेस्ट) से हुई थी। उनके शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं मिला। थाना प्रभारी प्रमोद मिश्रा ने कहा कि शरीफ भागने की कोशिश में गिरे थे, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ी। शनिवार (15 मार्च 2025) की शाम उन्हें दफना दिया गया और अब इलाका शांत है।

मीडिया ने परिजनों के दावों को सच मानकर खबरें चलाईं, लेकिन पोस्टमार्टम ने इन दावों को गलत साबित कर दिया। पुलिस ने भी साफ कहा है कि न मारपीट हुई, न चोट मिली। शरीफ की मौत हार्ट अटैक से हुई, जो शायद भागने के दौरान तनाव से हुआ।

इस घटना ने फिर साबित किया कि बिना पुख्ता सबूत के सनसनीखेज खबरें चलाना कितना खतरनाक हो सकता है। पुलिस अब भी बाकी तथ्यों की जाँच कर रही है, लेकिन सच यही है कि ये हत्या नहीं, बल्कि स्वास्थ्य वजह से हुई मौत थी। बहरहाल, Aaj Tak का ‘जबड़ा बाहर निकला’ और TV9 Hindi का ‘पीट-पीटकर हत्या’ वाला दावा बेबुनियाद निकला है। हालाँकि बाद में आज तक और टीवी9 हिंदी, दोनों ने ही खबर को अपडेट करके नई खबरें प्रकाशित की है, लेकिन पहले की खबरों से जो नुकसान पहुँचना था, वो तो पहुँच ही गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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