केंद्र सरकार के नाम पर फर्जी न्यूज फैला कर धोखाधड़ी करने का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसी क्रम में हाल में कई लोगों को एक मैसेज भेजा गया। इस संदेश में कहा गया कि वह प्रधानमंत्री पेंशन योजना 2020 के तहत 70000 रुपए लेने के लिए योग्य हैं। बस उन्हें एक लिंक पर क्लिक करके अपनी डिटेल्स वेरीफाई करनी है।
हम सब जानते हैं कि इस तरह ऑनलाइन स्कैम आज कल कितने चल रहे है जहाँ एक क्लिक और डिटेल्स के आधार पर साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है। ऐसे में जब पीआईबी को इस संदेश की सूचना हुई तो उन्होंने इसका फैक्ट चेक करके पुष्टि की। स्पष्ट किया गया कि ये संदेश पूरी तरह फर्जी है और ऐसी कोई स्कीम सरकार नहीं चला रही।
Claim: A text message is being circulated with a claim to confirm eligibility for Rs. 70,000 under ‘PM Pension Yojana 2020’.#PIBFactCheck: This message is #Fake. Central Government is not running any such scheme. pic.twitter.com/zoomb1cNDO
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 13, 2020
पीआईबी फैक्ट चेक के अनुसार, “एक टेक्स्ट मैसेज में जो दावा किया जा रहा है कि पीएम पेंशन योजना 2020 के तहत योग्यता कन्फर्म हो गई है। वो पूरी तरह फेक है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसी कोई स्कीम नहीं चलाई जा रही।”
The government has dismissed a text message which is being circulated with a claim to confirm eligibility for 70 thousand rupees under ‘Prime Minister Pension Yojana 2020.’ @PIB_India @airnewsalerts pic.twitter.com/ntcQI8wLZU
— DD News (@DDNewslive) December 14, 2020
दूरदर्शन ने भी इस बात को कहा कि सरकार ने ऐसे संदेश को खारिज किया है, जिसमें 70000 रुपए प्रधानमंत्री पेशन योजना 2020 के तहत देने का वादा हो रहा है।
दावा : एक #खबर में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को दबाने के लिए जैमर लगाए हैं। #PIBFactCheck : यह दावा #फ़र्ज़ी है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है। pic.twitter.com/lpadTBJHLu
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 12, 2020
गौरतलब है कि इससे पहले सरकार को लेकर झूठ फैलाया जा रहा था कि उन्होंने किसान आंदोलन को दबाने के लिए जैमर लगा दिए हैं जबकि हकीकत में केंद्र सरकार की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया था। वो दावा पूर्ण रूप से फर्जी था। इसकी पुष्टि भी पीआईबी ने फैक्ट चेक में की थी।
ऐसे ही सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार को नकारात्मक दिखाने के लिए वीडियो में कहा गया था कि दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए, सेना को बुलाया गया है। हालाँकि एजेंसी ने इस झूठ की भी पोल खोली और बताया कि दावा गलत है। यह सैनिकों की नियमित आवाजाही का एक वीडियो था और किसान प्रदर्शन के साथ इसका कोई भी सम्बन्ध दुर्भावनापूर्ण और गलत है।