83 वर्षीय कॉन्ग्रेस नेता अजीज कुरैशी ने मंगलवार (22 अगस्त, 2023) को न सिर्फ ‘जय गंगा मैया’ बोले जाने और प्रतिमाओं को स्थापित किए जाने को ‘डूब मरने वाली बात’ करार दिया, बल्कि उन्होंने ये तक कह दिया कि अगर 1-2 करोड़ मुस्लिम कौम के लिए मर भी जाएँ तो कोई दिक्कत नहीं। यूपीए के दूसरे कार्यकाल के दौर में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मिजोरम के राज्यपाल रह चुके अजीज कुरैशी मध्य प्रदेश के सतना से सांसद भी रहे हैं और राज्य में मंत्री पद भी संभाल चुके हैं।
भले ही वो नेता कॉन्ग्रेस के हैं और उन्हें इतने बड़े-बड़े पद कॉन्ग्रेस पार्टी ने दिए, लेकिन पार्टी के वफादारों ने इसके लिए भी भाजपा को ही दोष देना शुरू कर दिया है। इतिहास की कई पुस्तकें लिख चुके कॉन्ग्रेस के वफादार अशोक पांडेय ने अजीज कुरैशी के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “कॉन्ग्रेस नेता या फिर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा नियुक्त मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी के अध्यक्ष?” अशोक पांडेय के बारे में बता दें कि उन्हें कॉन्ग्रेस पार्टी के कई बड़े-बड़े हैंडलों द्वारा फॉलो किया जाता है। अशोक पांडेय का ट्वीट देखिए:
कांग्रेस नेता या फिर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा नियुक्त मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी के अध्यक्ष? https://t.co/uuF00xKwBn
— Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک (@Ashok_Kashmir) August 22, 2023
अब आपको बताते हैं कि सच्चाई क्या है। असल में गाँधी, सावरकर और कश्मीर पर पुस्तकें लिख चुके अशोक पांडेय की शोध क्षमता का भी पता चलता है इससे, क्योंकि जिस व्यक्ति को आजकल की खबरों के बारे में सच्चाई नहीं पता, वो व्यक्ति इतिहास की पुस्तकें भला कैसे लिखता होगा? सच्चाई ये है कि अजीज कुरैशी को मध्य प्रदेश की उर्दू एकेडमी का अध्यक्ष तब बनाया गया था, जब राज्य में कॉन्ग्रेस की सरकार थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री हुआ करते थे।
याद दिला दें कि दिसंबर 2018 से लेकर मार्च 2020 तक कमलनाथ राज्य के मुख्यमंत्री थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद उनकी सरकार गिर गई थी। अजीज कुरैशी को राज्य की उर्दू एकेडमी का अध्यक्ष बनाने का ऐलान 23 जनवरी, 2020 को किया गया था और अगले दिन उन्होंने प्रभार ग्रहण कर लिया था। उस समय चर्चा ये चली थी कि राज्यसभा के लिए उनका काम काट कर उन्हें ये पद ग्रहण करने के लिए मनाया गया था।
ये खबर भी सामने आई थी कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खुद अजीज कुरैशी के घर उन्हें मनाने के लिए पहुँचे हुए थे और तब जाकर वो माने थे। अब झूठ फैलाया जा रहा है कि अजीज कुरैशी को भाजपा ने पद दिया। वहीं जैसे ही शिवराज सिंह चौहान ने बतौर मुख्यमंत्री वापसी की और भाजपा की सरकार आई, ‘मध्य प्रदेश उर्दू एकेडमी’ के अध्यक्ष अजीज कुरैशी और सचिव हिसाम फारूकी को हटाए जाने का ऐलान कर दिया गया। तब वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का काम देख रहे निसार अहमद को भी हटा दिया गया था।
इसी तरह, हज और मसाजिद कमिटी में भी कॉन्ग्रेस ने अपने-अपने लोगों को बिठा दिया था। अजीज कुरैशी के कार्यकाल के दौरान ही उर्दू एकेडमी के दफ्तर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तस्वीरें हटा दी गई थीं। इसके विरोध में भाजपा नेताओं ने अकादमी का घेराव भी किया था। आज अशोक पांडेय कह रहे हैं कि भाजपा ने अजीज कुरैशी को अकादमी का अध्यक्ष बनाया था। जबकि तब भाजपा ने आरोप लगाया था कि मजहबी आधार पर संस्थानों में विकृत मानसिकता का परिचय दिया जा रहा है।
हालाँकि, विवाद बढ़ने के बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तस्वीरें दोबारा से लगा दी गई थीं। अब यही अजीज कुरैशी भड़काऊ बयान दे रहे हैं। वो कह रहे हैं कि 22 करोड़ मुस्लिमों ने चूड़ियाँ नहीं पहन रखी हैं, इनमें से 1-2 करोड़ अगर मर भी जाते हैं तो कोई बात नहीं। उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस के कुछ लोग आज बात करते हैं हिंदुत्व की, यात्रा की, जय गंगा मैया, जय नर्मदा मैया। शर्म की बात है। मुझे कोई डर नहीं है, निकाल दो पार्टी से।” उन्होंने ये भी कहा कि पानी हद से ऊपर गुजरेगा तो तलवार निकलेगी और तलवार से मुकाबला होगा।