तृणमूल कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने शनिवार (25 फरवरी, 2023) को नारायण हृदयालय के डॉ. देवी शेट्टी का एक लेटर शेयर किया। इस लेटर में देवी शेट्टी ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सर्विस टैक्स को ‘दुःखद टैक्स’ कहा था। इस लेटर को शेयर करते हुए जवाहर सरकार ने पोस्ट में लिखा था, “डॉ. देवी शेट्टी से पूरी तरह सहमत हूँ। स्वास्थ्य सेवाओं पर मोदी-निर्मला का सर्विस टैक्स मध्यम वर्ग और गरीबों को तबाह कर देगा। इस टैक्स को वापस ले लो।”
समाचार पत्रों में विज्ञापन के तौर पर प्रकाशित हुए पत्र में डॉ. देवी शेट्टी ने बजट में स्वास्थ्य सेवाओं पर 5 प्रतिशत के प्रस्तावित सर्विस टैक्स का विरोध किया है। इस टैक्स को ‘दुखद टैक्स’ बताते हुए 12 मार्च को सुबह 11 बजे प्रत्येक राज्य के राज्यपाल आवास पर टैक्स वापस लेने की याचिका के साथ लोगों को इकट्ठा होने के लिए कहा था।
इस पोस्ट में जवाहर सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा। लेकिन डॉ. शेट्टी के लेटर को शेयर करने से पहले उन्होंने इसकी सच्चाई जानने की कोशिश नहीं की। ऑपइंडिया ने जब उनके द्वारा शेयर की गई फोटो की जाँच की तो हमें मार्च 2011 तक की कई रिपोर्टें मिलीं जिनमें यह तस्वीर थी। इसमें से एक रिपोर्ट में कहा गया था कि प्राइवेट हॉस्पिटलों द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर टैक्स की आलोचना करते हुए डॉ. शेट्टी ने एक लेटर जारी किया था।
यही नहीं, इसकी जाँच करते हुए ऑपइंडिया ने पाया कि साल 2011 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 25 से अधिक बेड और एयर कंडीशन जैसी सुविधाओं वाले हॉस्पिटल पर 5 प्रतिशत सर्विस टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के तुरंत बाद, स्वास्थ्य सेवाओं (हॉस्पिटल इत्यादि) से जुड़े लोगों ने इसकी व्यापक रूप से आलोचना की थी। 2011 की रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉ. शेट्टी ने तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात की और उनसे प्रस्तावित टैक्स वापस लेने का आग्रह किया था।
देश भर में इस टैक्स की आलोचना होने के बाद यूपीए सरकार को झुकना पड़ा और उन्हें प्रस्तावित टैक्स वापस लेना पड़ा था। इसके बाद एक बयान में डॉ. शेट्टी ने कहा था, “मुझे खुशी है कि वित्त मंत्री ने सर्विस टैक्स को वापस लेने का फैसला किया है। मैं दो हफ्ते पहले वित्त मंत्री से मिला था और उस समय उनका विचार था कि यह टैक्स आम आदमी को नुकसान पहुँचाएगा। इसलिए वह इस टैक्स को लेकर कुछ करना चाहते हैं।”
उल्लेखनीय है कि बाद में सर्विस टैक्स को जीएसटी में ही शामिल कर लिया गया। यानी अब किसी भी चीज पर अलग से सर्विस टैक्स नहीं लगता है।
इस पूरे मामले को सीधे शब्दों में कहें तो साल 2011 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सर्विस टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया था। हालाँकि, देश भर में हुई आलोचना बाद सरकार ने इसे वापस ले लिया था। तृणमूल कॉन्ग्रेस नेता जवाहर सरकार ने जो पोस्ट शेयर किया है, वह डॉ. शेट्टी द्वारा साल 2011 में लिखे एक एक लेटर की कटिंग है। इस तरह से जवाहर सरकार ने अपने पोस्ट के माध्यम से मोदी सरकार को लेकर झूठ फैलाने की कोशिश की।
पहले भी झूठ फैलाते रहे हैं जवाहर सरकार
यह पहली बार नहीं है जब जवाहर सरकार ने फर्जी खबरें शेयर की हैं। सितंबर 2022 में, पीएम मोदी की दो तस्वीरें वायरल हुईं। इन तस्वीरों को लेकर दावा किया जा रहा था कि पीएम मोदी लेंस कवर के साथ फोटो खींच लर रहे थे। वहीं, एक अन्य फोटो में प्रधानमंत्री मोदी लेंस फिल्टर के साथ फोटो खींचते हुए दिखाई दे रहे थे। हालाँकि, लोगों ने लेंस फिल्टर को लेंस कवर बताते हुए ट्वीट किए थे। वहीं, कुछ लोगों ने तो लेंस फिल्टर के आगे लेंस कवर को सेट करते हुए फेक फोटो शेयर की थी।
इन सबमें दिलस्चप बात यह रही कि फोटो एडिट करने वाले व्यक्ति को इस बात का होश नहीं था कि कैनन का लेंस कैप निकॉन लेंस में फिट नहीं होगा। वापस मुद्दे पर लौटें तो, जवाहर सरकार ने भी ऐसी ही एक फोटो शेयर की थी। हालाँकि बाद में जब नेटिजेन्स ने उनके इस दावे की पोल खोली तो उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था।
जवाहर सरकार ने जून 2021 में पीएम मोदी की एक और एडिटेड फोटो शेयर की थी। इस फोटो में उन्होंने लिखा था ”काश साथी सांसदों और अन्य राजनीतिक लोगों को भी प्रधानमंत्री से इस तरह का शिष्टाचार और मिलनसारिता मिले। एक परिपक्व लोकतंत्र में, हम दो-तरफा संबंध, एहसान और लेनदेन को समझेगें। किसी दिन, इतिहास हमें बताएगा।” इस तस्वीर में पीएम मोदी को रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी को विनम्रता से नमस्कार करते हुए दिखाया गया है। हालाँकि यह तस्वीर फर्जी और फोटोशॉप्ड थी।
यही नहीं, जवाहर सरकार ने दिसंबर 2021 में भी एक फर्जी वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में कहा गया था कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध वाले नारों के साथ स्वागत किया गया था। हालाँकि इसके बाद नेटिजन्स ने ओरिजनल वीडियो दिखाते हुए उन्हें आइना दिखाया था। ओरिजनल वीडियो में लोग प्रधानमंत्री मोदी और योगी आदित्यनाथ के समर्थन में नारेबाजी करते हुए दिखाई दे रहे थे।
दिसंबर 2021 में जवाहर सरकार ने एक बार फिर पीएम मोदी द्वारा उपयोग की जाने वाली मर्सिडीज-मेबैक 650 की कीमत को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने यह दावा करने की कोशिश की थी कि अत्याधुनिक कार का इस्तेमाल राज्य के मुखिया की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि पीएम मोदी के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए किया जाता है। हालाँकि सच्चाई यह है कि यह कार भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए है न कि उस व्यक्ति के लिए जो इस पद पर काबिज होता है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पद से हट जाएँगे, तब यह कार अगले प्रधानमंत्री के काफिले में शामिल होगी। यानी, यह पीएम मोदी को विरासत के तौर पर मिलने वाली नहीं है।