इन दिनों सोशल मीडिया पर अस्पताल में भर्ती बाबा रामदेव की एक तस्वीर को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि अधिक मात्रा में गोमूत्र का सेवन करने के बाद योग गुरु को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। हालाँकि ऐसा कुछ भी नहीं है। यह बाबा रामदेव की पुरानी तस्वीर है, जिसे गोमूत्र का मजाक उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ये जिहादी आतंकवादियों और इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं का मजाक उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पसंदीदा हथियार है।
जो तस्वीर वायरल की जा रही है, उसमें बाबा रामदेव एक अस्पताल में डॉक्टरों से घिरे हुए दिख रहे हैं। वो काफी कमजोर दिख रहे हैं। एक ट्विटर यूजर (@rehman_5) ने फोटो शेयर करते हुए दावा किया कि बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस से बचने के लिए गोमूत्र की प्रतिरोधक क्षमता को दिखाने के लिए अधिक मात्रा में गोमूत्र पी लिया।
इसी तरह के दावे कई अन्य यूजर्स द्वारा भी किए गए, जिनमें ‘अरेबा नूर वज़ीर’ और ‘ब्लीड ग्रीन’ नाम के यूजर्स भी शामिल हैं। ये ट्विटर पर खुदको पाकिस्तानी बताते हैं।
सच क्या है?
फोटोग्राफ का इस्तेमाल कर इंटरनेट पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चलता है कि यह तस्वीर 2011 की है, जब बाबा रामदेव की तबीयत भूख हड़ताल के बाद बिगड़ गई थी। यह तस्वीर इंडिया टुडे द्वारा जून 2011 में प्रकाशित की गई थी, जिसमें कहा गया है कि बाबा रामदेव को हरिद्वार स्थित उनके आश्रम में हालत बिगड़ने के बाद शुक्रवार को हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया गया था। वह भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दों के खिलाफ विरोध करने के लिए 9 दिनों के उपवास पर थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
यह तस्वीर 12 जून, 2011 को ली गई थी, जब बाबा रामदेव ने अस्पताल में दो दिन रहने के बाद अनशन तोड़ा था। उन्होंने आध्यात्मिक नेताओं की अपील पर उपवास तोड़ा था।
5 मार्च को बाबा रामदेव के आधिकारिक प्रवक्ता तिजारावाला एसके ने भ्रामक दावों को खारिज करते हुए कहा, “यह मूर्खतापूर्ण और शर्मनाक है। वह (रामदेव) पूरी तरह से स्वस्थ हैं। पिछले 2 दिनों में कई समाचार चैनलों द्वारा उनका साक्षात्कार लिया गया है। आज वह बेंगलुरु जा रहे हैं।”
इसलिए यह दावा कि बाबा रामदेव को हाल ही में अत्यधिक मात्रा में गोमूत्र का सेवन करने के बाद हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया, झूठा है।
आध्यात्मिक नेता अक्सर फेक न्यूज के निशाने पर रहे हैं। इससे पहले, हाल ही में एक एक्टिविस्ट डॉक्टर ने किसी शख्स की गोपनीय मेडिकल रिपोर्ट को पोस्ट करते झूठा दावा किया था कि बाबा रामदेव का सहयोगी गाँजा पीता है। डॉ आनंद राय, जिन्हें मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले के मुखबिर के रूप में जाना जाता है, ने ये झूठा दावा करते हुए अपने वैरिफाइड आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट की कॉपी पोस्ट की थी।
डॉ राय कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के करीबी हैं, जो 2018 में कॉन्ग्रेस के टिकट पर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। उन्होंने ट्विटर पर जो मेडिकल रिपोर्ट पोस्ट की, उसमें मरीज का नाम आचार्य बालगोविंद जी बताया गया है और रिपोर्ट बताती है कि व्यक्ति का मूत्र परीक्षण THC (Tetrahydrocannabinol) पॉजीटिव है, जो गांजा का एक सक्रिय अंश है।