विवादास्पद कॉन्ग्रेस नेता सलमान निजामी ने शनिवार (सितंबर 5, 2020) को उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई एक घटना को सांप्रदायिक स्पिन देते हुए फर्जी सूचना फैलाने की कोशिश की। बता दें कि सलमान निजामी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाने का पुराना इतिहास रहा है।
कॉन्ग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए दावा किया कि 32 वर्षीय बशीद खान को उत्तर प्रदेश के बरेली में एक पेड़ से बाँधकर घंटों तक पीटा गया। सलमान निजामी ने आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा सरकार ने संप्रदाय विशेष के लोगों पर अत्याचार करने और उन्हें मारने की खुली छूट दे रखी है।
Basheed Khan, 32 was tied to a tree & beaten for hours by mob in bareilly, UP dies of his injuries. Is this is the New India that the govt claims? Mobs given free rein by the BJP Govt to torture & kill Muslims at will? No accountability or rule of law? pic.twitter.com/wkeIUj459V
— Salman Nizami (@SalmanNizami_) September 5, 2020
अपने ट्वीट के जरिए सलमान निजामी ने बड़ी ही धूर्तता से इस तरफ इशारा किया कि बशीद खान को भीड़ ने उसके धर्म की वजह से उसे मार दिया।
सलमान निजामी के ट्वीट के बाद कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे सांप्रदायिक एंगल देते हुए इसी गलत सूचना को फैलाया कि भीड़ द्वारा यह जानने के बाद कि वह शख्स संप्रदाय विशेष से है, उसे मार दिया गया।
सैयद रफ़ी नाम के एक सोशल मीडिया यूज़र ने सलमान निज़ामी के सुर में सुर मिलाते हुए इस मामले से जुड़े तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया कि बशीद ख़ान को ‘हिंदू भीड़’ ने मार डाला। घटना को सांप्रदायिक रूप देते हुए, रफी ने घोषणा की कि इस मामले में कोई भी दोषी नहीं होगा। इसके साथ ही उसने कटाक्ष करते हुए यह भी लिखा कि क्या अब इस देश के हिंदू को किसी संप्रदाय विशेष वाले को मारने की भी आजादी नहीं?
Mark My words, There won’t be any convictions in this case. SSP Statement also indicates the same.
— Syed Rafi – నేను తెలుగు ‘వాడి’ని. (@syedrafi) September 5, 2020
Basid Khan is the Victim who was killed by Hindu Mob.
Kya ab iss desh ke Hindu ko, kisi muslim ko maarne ki bhi aazadi nahi ?#HinduKhatreMeinHain https://t.co/ovwqDUgFNX
फैजान नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा कि गाय और चोरी के संदेह के नाम पर संप्रदाय विशेष के लोगों और दलितों को मारा जा रहा है।
This Video is from Aonla Bareilly Up
— faizan (@faizan0008) September 4, 2020
A Man Name Bashid Khan has been Lynched By Mob on Suspicious of theft
Mob Violence Cases Raising in India Day by Day Bcz No Strict taken by Gov
Sometime in the Name of Cow, Suspicious of theft or for Being Muslim or Dalit@IndiasMuslims pic.twitter.com/wyER0ERc76
एक अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि मॉब लिंचिंग भारत में न्यू नॉर्मल हो गया है।
#MobLynchings becoming the new normal in India.
— Tamim Akhtar (@and_tamim) September 5, 2020
In Aonla town of UP’s Bareilly.
This is a lynching of humanity, democracy, liberty, law and order if people don’t understand this then wait for your turn and wait for worst to come..
Horrible !! Arrest the culprits#MobViolence pic.twitter.com/Q3q7MpOjQX
फैक्ट चेक
कॉन्ग्रेस नेता सलमान निजामी का दावा है कि बशीद खान को इसलिए मार दिया गया क्योंकि वह संप्रदाय विशेष से था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार (सितंबर 3, 2020) को रात उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के एक गाँव में चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा पेड़ से बाँधने और भीड़ द्वारा पिटाई करने के बाद 32 वर्षीय व्यक्ति बशीद खान की मौत हो गई।
बाद में, यह पाया गया कि मृतक व्यक्ति, जिसकी पहचान बशीद खान के रूप में हुई, वह चोर नहीं, बल्कि शराबी था। एक सुरक्षा गार्ड को बशीद खान पर चोर होने का संदेह हुआ था, जिसके बाद उसे गुरुवार रात पकड़ लिया गया था। मौके पर भीड़ जमा हो गई और चोर होने के संदेह पर उसकी पिटाई कर दी। हालाँकि, बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया।
जानकारी के मुताबिक पुलिस ने कथित चोर को जाने दिया, क्योंकि किसी ने औपचारिक रूप से उसके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। इसके बाद बशीद खान के परिवार ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। मगर खान ने स्थानीय अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बशीद खान की मृत्यु आंतरिक रक्तस्राव के कारण हुई।
सलमान निज़ामी और अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के दावों के विपरीत, इस घटना का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है, क्योंकि ग्रामीणों ने खान के खिलाफ केवल चोर होने का संदेह करने के लिए कार्रवाई की थी, न कि इसलिए कि वह संप्रदाय विशेष से था। ग्रामीणों ने कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए कथित चोर को स्थानीय पुलिस को भी सौंप दिया था।