Wednesday, November 20, 2024
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चोरी के संदेह में शख्स की पेड़ से बाँधकर पिटाई, कॉन्ग्रेस नेता सलमान निजामी ने दिया सांप्रदायिक स्पिन: जानें क्या है सच

कॉन्ग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए दावा किया कि 32 वर्षीय बशीद खान को उत्तर प्रदेश के बरेली में एक पेड़ से बाँधकर घंटों तक पीटा गया। सलमान निजामी ने आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा सरकार ने संप्रदाय विशेष के लोगों पर अत्याचार करने और उन्हें मारने की खुली छूट दे रखी है।

विवादास्पद कॉन्ग्रेस नेता सलमान निजामी ने शनिवार (सितंबर 5, 2020) को उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई एक घटना को सांप्रदायिक स्पिन देते हुए फर्जी सूचना फैलाने की कोशिश की। बता दें कि सलमान निजामी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाने का पुराना इतिहास रहा है।

कॉन्ग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए दावा किया कि 32 वर्षीय बशीद खान को उत्तर प्रदेश के बरेली में एक पेड़ से बाँधकर घंटों तक पीटा गया। सलमान निजामी ने आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा सरकार ने संप्रदाय विशेष के लोगों पर अत्याचार करने और उन्हें मारने की खुली छूट दे रखी है।

अपने ट्वीट के जरिए सलमान निजामी ने बड़ी ही धूर्तता से इस तरफ इशारा किया कि बशीद खान को भीड़ ने उसके धर्म की वजह से उसे मार दिया।

सलमान निजामी के ट्वीट के बाद कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे सांप्रदायिक एंगल देते हुए इसी गलत सूचना को फैलाया कि भीड़ द्वारा यह जानने के बाद कि वह शख्स संप्रदाय विशेष से है, उसे मार दिया गया।

सैयद रफ़ी नाम के एक सोशल मीडिया यूज़र ने सलमान निज़ामी के सुर में सुर मिलाते हुए इस मामले से जुड़े तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया कि बशीद ख़ान को ‘हिंदू भीड़’ ने मार डाला। घटना को सांप्रदायिक रूप देते हुए, रफी ने घोषणा की कि इस मामले में कोई भी दोषी नहीं होगा। इसके साथ ही उसने कटाक्ष करते हुए यह भी लिखा कि क्या अब इस देश के हिंदू को किसी संप्रदाय विशेष वाले को मारने की भी आजादी नहीं?

फैजान नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा कि गाय और चोरी के संदेह के नाम पर संप्रदाय विशेष के लोगों और दलितों को मारा जा रहा है।

एक अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि मॉब लिंचिंग भारत में न्यू नॉर्मल हो गया है।

फैक्ट चेक

कॉन्ग्रेस नेता सलमान निजामी का दावा है कि बशीद खान को इसलिए मार दिया गया क्योंकि वह संप्रदाय विशेष से था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार (सितंबर 3, 2020) को रात उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के एक गाँव में चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा पेड़ से बाँधने और भीड़ द्वारा पिटाई करने के बाद 32 वर्षीय व्यक्ति बशीद खान की मौत हो गई।

बाद में, यह पाया गया कि मृतक व्यक्ति, जिसकी पहचान बशीद खान के रूप में हुई, वह चोर नहीं, बल्कि शराबी था। एक सुरक्षा गार्ड को बशीद खान पर चोर होने का संदेह हुआ था, जिसके बाद उसे गुरुवार रात पकड़ लिया गया था। मौके पर भीड़ जमा हो गई और चोर होने के संदेह पर उसकी पिटाई कर दी। हालाँकि, बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया।

जानकारी के मुताबिक पुलिस ने कथित चोर को जाने दिया, क्योंकि किसी ने औपचारिक रूप से उसके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। इसके बाद बशीद खान के परिवार ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। मगर खान ने स्थानीय अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बशीद खान की मृत्यु आंतरिक रक्तस्राव के कारण हुई।

सलमान निज़ामी और अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के दावों के विपरीत, इस घटना का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है, क्योंकि ग्रामीणों ने खान के खिलाफ केवल चोर होने का संदेह करने के लिए कार्रवाई की थी, न कि इसलिए कि वह संप्रदाय विशेष से था। ग्रामीणों ने कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए कथित चोर को स्थानीय पुलिस को भी सौंप दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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