Thursday, June 12, 2025
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेक26/11 की नाकामी छिपाने के लिए कॉन्ग्रेस चाटुकारों की फौज के साथ किसानों को...

26/11 की नाकामी छिपाने के लिए कॉन्ग्रेस चाटुकारों की फौज के साथ किसानों को भड़काने में जुटी, शेयर की पुरानी तस्वीरें

दिलचस्प बात यह है कि जिन तस्वीरों के आधार पर उक्त कॉन्ग्रेस नेताओं व समर्थकों द्वारा भाजपा सरकार के प्रति किसानों को उकसाया जा रहा है, वो तस्वीर साल 2018 की हैं, वो भी अक्टूबर महीने की। ऐसे में तहसीन पूनावाला जैसे कॉन्ग्रेसियों के यह ट्वीट कितने तथ्यात्मक है, इसकी पोल अपने आप ही खुलती है।

पूरा देश आज जब 26 नवंबर के मौके पर 26/11 हमले में मारे गए तुकाराम ओम्बले जैसे बहादुर जवानों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है, उस समय कॉन्ग्रेस अब भी अपना प्रोपगेंडा फैलाने में व्यस्त है। कॉन्ग्रेस की कोशिश है कि बस किसी तरह लोगों का ध्यान इस दिन किसी दूसरे मुद्दे की ओर भटक जाए और कोई उनकी नाकामयाबी व कायरता पर बात न करे।

इसी क्रम में पार्टी के नेताओं ने आज अपने सोशल मीडिया अकॉउंट पर किसानों को उकसाने के लिए पुरानी तस्वीरें एक साथ शेयर करनी शुरू की। यूथ कॉन्ग्रेस की ओर से तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा गया, “भारत कभी ऐसी सरकार को माफ नहीं करेगी जिसने राष्ट्र का पेट भरने वालों के साथ आतंकियों सा बर्ताव किया।”

कॉन्ग्रेसियों का झूठ

वरुण चौधरी ने लिखा, “हम हैं भारत के मजदूर किसान, हमसे रोटी पाता है पूरा हिंदुस्तान, आज हम ही पर लाठियाँ, गोलियाँ और पानी का बौछार डाला जा रहा है, हम ही बुनियाद का पत्थर हैं लेकिन हमें ही पानी और पत्थर से मारा जा रहा है।”

तहसीन पूनावाला लिखते हैं, “हड्डी कड़कड़ाने वाली इस ठंड और कोरोना की दूसरी लहर में देखिए कैसे ये सरकार हमारे पेट भरने वालों के साथ बर्ताव कर रही है। अगर मेरे बाबा साहेब जिंदा होते तो संविधान दिवस पर ये सरकार उन्हें जेल में डाल देती।”

अब दिलचस्प बात यह है कि जिन तस्वीरों के आधार पर उक्त कॉन्ग्रेस नेताओं व समर्थकों द्वारा भाजपा सरकार के प्रति किसानों को उकसाया जा रहा है, वो तस्वीर साल 2018 की हैं, वो भी अक्टूबर महीने की। ऐसे में तहसीन पूनावाला जैसे कॉन्ग्रेसियों के यह ट्वीट कितने तथ्यात्मक है, इसकी पोल अपने आप ही खुलती है।

2018 की किसान रैली की तस्वीर
टाइम्स की पुरानी खबर

इन लोगों का कहना है कोरोना काल में भाजपा सरकार ने किसानों पर यह अत्याचार किया है जबकि ये सबको मालूम है कि कोरोना महामारी का असर भारत में साल 2020 में देखने को मिला था और इसका पहला केस चीन में भी साल 2019 में आया था।

@BefittingFacts के ट्विटर अकॉउंट पर इस फर्जी प्रोपगेंडा की पोल खोली गई है। उन्होंने लिखा, “जब पूरा भारत आज 26/11 मुंबई हमले के बहादुरों को याद कर रहा है, कॉन्ग्रेस और उसके कुलीन लोग भारत के किसानों को भड़काने और आतंकवादी हमले को रोकने में अपनी विफलता से ध्यान हटाने के लिए पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिमों ने किया शिव मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण, हिन्दुओं ने किया विरोध तो भीड़ हुई हमलावर: पत्थर बरसाए-गाड़ियाँ जलाईं, पश्चिम बंगाल की...

श्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में भीड़ ने एक हिन्दू मंदिर पर हमला किया। उन्होंने हिन्दुओं और पुलिस पर जम कर पत्थर बरसाए।

कौशांबी में चुनावी रंजिश के चलते बुना गया ‘रेप’ का मामला, आरोपित के पिता ने दी जान तब बेगुनाह निकला सिद्धार्थ: जानें – कैसे...

SIT ने पाया कि पूरा मामला ग्राम प्रधान भूप नारायण पाल और रामबाबू के बीच चुनावी रंजिश का नतीजा था। प्रधान ने सिद्धार्थ को फँसाने की साजिश रची।
- विज्ञापन -