Thursday, July 17, 2025
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेक'ब्राह्मणों-जाटों ने मारा, गोमूत्र पिलाया': 12 मुस्लिम परिवारों को हिन्दू बनाने की घटना को...

‘ब्राह्मणों-जाटों ने मारा, गोमूत्र पिलाया’: 12 मुस्लिम परिवारों को हिन्दू बनाने की घटना को पुलिस ने बताया फर्जी

इस घटना की जाँच और पुलिस से बातचीत के बाद हमने पाया है कि इस वेबसाइट द्वारा किए गए दावे वास्तविकता से एकदम अलग हैं। इस घटना को कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा साम्प्रदायिक रंग देने के लिए सोच-समझकर भ्रामक तथ्य जोड़ तैयार किए जा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर एक ऐसी खबर को फैलाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया कि हिन्दू युवकों ने 12 मुस्लिमों का जबरन धर्मान्तरण कर उन्हें हिन्दू बनाया है। यह भ्रामक और बेबुनियाद खबर सबसे पहले ‘इंडिया टूमारो’ (India Tomorrow) नामक वेबसाइट पर प्रकाशित की गई। बाद में इसने सोशल मीडिया पर अपने लिए जगह बना ली।

क्या है प्रपंच

इंडिया टूमारो की इस खबर में लिखा गया है, “हरियाणा के सोनीपत जिले की सीमा से लगे दिल्ली के बवाना इलाके के हरेवली गाँव में 12 मुस्लिम परिवारों को जबरन धर्म परिवर्तन करवाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि 5 मई को बवाना इलाके के हरेवली गाँव के 12 मुस्लिम परिवारों के लगभग 60 लोगों को गाँव के कुछ जाट दबंगों द्वारा हिंदू धर्म अपनाने के लिए बाध्य किया गया।”

@Amreen8Malik ने ट्विटर पर दिलशाद का एक बयान भी ट्वीट किया है –

लेकिन, इस घटना की जाँच और पुलिस से बातचीत के बाद हमने पाया है कि इस वेबसाइट द्वारा किए गए दावे वास्तविकता से एकदम अलग हैं। इस घटना को कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा साम्प्रदायिक रंग देने के लिए सोच-समझकर भ्रामक तथ्य जोड़ तैयार किए जा रहे हैं।

ऑपइंडिया ने दरियापुर पुलिस चौकी, बवाना से संपर्क कर जो जानकारी जुटाई, उनसे पता चला कि इस प्रोपेगेंडा को मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के रूप में साबित करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि यह कुछ और ही था।

क्या है असली मामला

ऑपइंडिया से बातचीत में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बवाना इलाके के हरेवली गाँव का ही एक मुस्लिम युवक दिलशाद, तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होकर भोपाल से लौटा था।

इसी बीच देशभर में तबलीगी जमात के उपद्रव के कारण खबरें सामने आने लगीं, जिनमें पता चला कि तबलीगी जमात देशभर में कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा था। गाँव के लोगों में इन सभी बातों से भय का माहौल था।

जब दिलशाद ने अपने तबलीगी जमात से लौटने की बात बताई तो क्वारंटाइन जैसी बातों को लेकर गाँव के ही कुछ युवकों के साथ उसकी बहस हो गई और बाद में यह बहस झड़प में बदल गई। लोगों को शक था कि युवक साजिशन कोरोना वायरस फैलाने के लिए गाँव में घुसा है।

युवकों ने कहा कि दिलशाद कोरोना संक्रमण का जरिया बन सकता है। पुलिस ने बताया कि इस घटना को लेकर गाँव के कुछ युवकों पर FIR भी दर्ज की गई और सम्बंधित जाँच अभी भी जारी है।

लेकिन यहाँ से दिलशाद और उसके कुछ साथियों ने इस घटना को चर्चा में लाने का जरिया बनाने का प्रयास किया और अपने बयानों को पूरी तरह से नया रंग दे दिया, जिन्हें कि सोशल मीडिया पर खूब शेयर भी किया जा रहा है।

हकीकत यह है कि यदि आप इन रिपोर्ट्स को पढ़ेंगे, या दिलशाद के बयान का वीडियो देखेंगे तो आप स्वयं इस नतीजे पर पहुँच जाएँगे कि इसे हिन्दुओं के खिलाफ उनकी छवि ख़राब करने के लिए एक सुनियोजित तरीके से दुष्प्रचार कर फैलाया जा रहा है।

रिपोर्ट्स और वीडियो में दिलशाद ने आरोपितों को अनगिनत बार हिन्दू कहा है। तब भी हिन्दू कहा है, जब कि सवाल उनके मजहब को लेकर नहीं बल्कि कुछ और ही था। यानी, यदि सवाल यह है कि वो तबलीगी जमात से कब लौटा था, तो इसके जवाब में भी दिलशाद यही कहते देखे जा सकते हैं कि ‘वो सब हिन्दू थे, वो जाट थे, वो ब्राह्मण थे’।

इंडिया टूमारो की रिपोर्ट में ही इसके प्रोपेगेंडा और मनगढ़ंत कहानी का तरीका इन पंक्तियों से स्पष्ट होता है, जिन्हें आप इस वेबसाइट से लिए गए स्क्रीनशॉट में पढ़ सकते हैं –

यही नहीं, रिपोर्ट को सांप्रदायिक रंग देने के लिए लिखा गया है, “दबंगों ने जबरन मंदिर ले जाकर गौ मूत्र पिलाया और कहा कि आज से कोई भी मस्जिद नहीं जाएगा और मुर्दों को कब्रिस्तान में नहीं दफनाएगा। सभी को हिन्दुओं की तरह मुर्दे को शमशान ले जाकर जलाना है।”

किसी स्थानीय व्यक्ति के हवाले से इस कथित रिपोर्ट में लिखा गया है कि वो सभी मुसलमान ही हैं, मगर उनके नाम हिन्दू नामों जैसे हैं जिस कारण उन्हें हिन्दू बनाया जा रहा है।

पुलिस का कहना है कि दिलशाद के साथ झगड़ा करने वाले युवकों पर FIR के बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया जा चुका है, लेकिन दिलशाद और उसके कुछ साथी इसे जबरन साम्प्रदायिक साबित करना चाह रहे हैं।

हमने जाँच की, स्पेशल ब्रांच और आईबी ने भी जाँच में पाया कि यह सब काल्पनिक और बेबुनियाद पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि उनके ही किसी स्थानीय साथी, जो कि पेशे से वकील हैं ने इससे सम्बंधित बयान यूट्यूब पर डाल दिया।

पुलिस ने बातचीत में बताया कि दिलशाद के साथ उसका एक मित्र भी भोपाल गया था, जो कि वहीं रुक गया था। लेकिन सिर्फ इस घटना को मजहबी रंग देने के लिए नए बयान देकर कहा जा रहा है कि दिलशाद ने अपने साथ हुई धर्म परिवर्तन की घटना के बाद उसे दिल्ली ना आने को कह दिया।

पुलिस ने बताया कि वास्तविकता यह है कि वो दिल्ली न आने के बजाए वहीं रुक गया था, क्योंकि उसका घर वहीं है, ना कि दिल्ली। इस वेबसाइट द्वारा जिस तरह से ये पूरा घटनाक्रम दिखाया जा रहा है उसका निचोड़ इसी रिपोर्ट के अन्त में लिखा भी गया है।

वास्तव में इस तरह के प्रोपेगेंडा को सिर्फ और सिर्फ हिन्दुओं की छवि को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है।

कोरोना वायरस के दौरान खुद को जबरन पीड़ित बताकर यह साबित करने का प्रयास किया जा रहा है कि जो उपद्रव देशभर में तबलीगी जमात और मुस्लिम समुदाय के ही अन्य लोगों ने किया है, शायद इस तरह के फर्जी नैरेटिव और कथानक तैयार कर उनकी भरपाई की जा सकेगी।

यह भी दिलचस्प बात है कि ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण मामले तब सामने आ रहे हैं, जब कुछ दिन पहले ही शेखर गुप्ता के ‘द प्रिंट’ ने एक लेख में लोगों को सलाह दी कि भारत में यदि सत्ता से लड़ना है तो प्रपंच और झूठ का सहारा लिया जाना चाहिए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ओडिशा में कॉलेज छात्रा के सुसाइड केस में NSUI पर उठी उँगली, दोस्त का दावा- ऑनलाइन बदनामी में जुटा था संगठन: क्राइम ब्रांच को...

ओडिशा में छात्रा की आत्मदाह करने के मामले में ये खुलासा हुआ है कि कॉन्ग्रेस के छात्र शाखा एनएसयूआई ने पीड़िता के खिलाफ ऑनलाइन इमेज खराब करने के लिए अभियान चलाया।

मजहबी कट्टरपंथ से किन्नर भी नहीं महफूज, इस्लाम कबूलने से इनकार करने पर HIV संक्रमित इंजेक्शन लगाया: हिंदू किन्नरों के जबरन धर्मांतरण के 10...

मध्य प्रदेश के इंदौर में हिंदू किन्नरों पर धर्मांतरण का दबाव बनाया जा रहा है। विरोध करने पर HIV संक्रमित इंजेक्शन लगाया गया। इससे अब तक 60 किन्नर HIV संक्रमित हो चुके हैं।
- विज्ञापन -