Friday, March 29, 2024
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फैक्ट चेक: क्या हॉन्गकॉन्ग ने चीन के कब्जे वाले अक्साई क्षेत्र और तिब्बत को बताया भारत का हिस्सा? जानिए सच

जिस सोशल मीडिया एकाउंट से इन तस्वीरों को शेयर किया गया था वो हॉन्गकॉन्ग की चीफ एग्जीक्यूटिव के कैरी लैम चेंग नाम के नाम पर बनाया गया एक फर्जी अकाउंट है। दरअसल हॉन्गकॉन्ग सीई का आधिकारिक ट्विटर एकाउंट नहीं है। 2014 में, इसी फर्जी अकाउंट से भारत से ट्वीट पोस्ट किए थे। हैंडल पर उपलब्ध पुराने सारे ट्वीट भारत से संबंधित हैं और भारत से ही किए गए हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में कुछ दिनों से कई तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही है। जिनमें यह दावा किया गया कि हॉन्गकॉन्ग की चीफ एग्जीक्यूटिव कैरी लैम चेंग ने एक ट्वीट के जरिए बताया कि ‘रिपब्लिक ऑफ हॉन्गकॉन्ग’ एक नए नक्शे को मंजूरी देने जा रहा है, जिसमें चीनी-अधिकृत अक्साई चिन, ठग ला रिज, खिनज़मान और तिब्बत ऑटोनोमस क्षेत्रों को केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के अंतर्गत भारत के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है।

अलग-अलग सोशल मीडिया यूज़र्स ने ट्विटर के जरिए इस फर्जी पोस्ट को शेयर करते हुए यह दावा किया कि रिपब्लिक ऑफ हॉन्गकॉन्ग ने अपने देश का एक नया नक्शा जारी किया है, जिसमें उसने भारत के हिस्से के रूप में चीनी-अधिकृत क्षेत्रों को मंजूरी दी है।

बता दें ये सारी पोस्ट ऐसे समय में वायरल हुए थे जब लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच गतिरोध चल रहा था, जिसके कारण दोनों देशों में 15 जून को हिंसक झड़प हुई थीं।

वहीं एक यूजर ने दावा किया कि ‘रिपब्लिक ऑफ हॉन्गकॉन्ग’ ने एक नए नक्शे को मंजूरी दे दी है। जहाँ अक्साई चिन, ठग ला रिज, खिनज़मान और तिब्बत ऑटोनोमस क्षेत्रों को भारत के रूप में लद्दाख के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। साथ ही यूजर ने यह भी कहा कि ऐसे समय में भारत चीन से हॉन्गकॉन्ग की स्वतंत्रता का समर्थन करता है।

एक सोशल मीडिया यूजर ने भी एक इसी तरह की खबर को शेयर किया, जिसमें यह दावा किया गया कि हॉन्गकॉन्ग की सरकार ने इस नए नक्शे को मंजूरी दे दी है जिनमें चीनी-अधिकृत क्षेत्र शामिल हैं।

फैक्ट चेक

बता दें हॉन्गकॉन्ग की तरफ से नए नक्शे जारी करने का दावा गलत है। हॉन्गकॉन्ग सरकार ने ऐसे किसी भी नए नक्शे को मंजूरी नहीं दी है, जिसमें चीन के कब्जे वाले क्षेत्र को भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया हो।

हॉन्गकॉन्ग की चीफ एग्जीक्यूटिव कैरी लैम चेंग द्वारा हस्ताक्षर किए गए अध्यादेश की तस्वीरें नए नक्शे से संबंधित नहीं हैं, बल्कि इस महीने की शुरुआत में हॉन्गकॉन्ग के विधान परिषद द्वारा पारित राष्ट्रीय गान अध्यादेश से संबंधित हैं। तस्वीरों में चीफ एग्जीक्यूटिव कैरी लैम चेंग राष्ट्रीय गान अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर रही है, न कि नए नक्शे पर।

सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही तस्वीरों के पड़ताल करने पर यह मालूम पड़ा कि यह इमेज हॉन्गकॉन्ग सरकार के द्वारा की गई एक प्रेस रिलीज से संबंधित थी। जो कि चीफ एग्जीक्यूटिव द्वारा साइन किया गया राष्ट्रीय गान अध्यादेश है। यह अध्यादेश हॉन्गकॉन्ग में चीन के राष्ट्रीय गान के प्रचार और संरक्षण के लिए पेश किया गया था।

गौरतलब है कि कई समाचार रिपोर्टों ने भी इसी तरह की तस्वीरों को राष्ट्रीय गान अध्यादेश से जोड़ते हुए साझा किया था।

जिस सोशल मीडिया एकाउंट से इन तस्वीरों को शेयर किया गया था वो हॉन्गकॉन्ग की चीफ एग्जीक्यूटिव के कैरी लैम चेंग नाम के नाम पर बनाया गया एक फर्जी अकाउंट है। दरअसल हॉन्गकॉन्ग सीई का आधिकारिक ट्विटर एकाउंट नहीं है। 2014 में, इसी फर्जी अकाउंट से भारत से ट्वीट पोस्ट किए थे। हैंडल पर उपलब्ध पुराने सारे ट्वीट भारत से संबंधित हैं और भारत से ही किए गए हैं।

इस प्रकार फैक्ट चैक में यह बात साबित होता है कि हॉन्गकॉन्ग के समाचारों में नए नक्शे को मंजूरी देने वाली खबर जिसमें केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के तहत भारत के हिस्से के रूप में चीन के कब्जे वाले क्षेत्र को शामिल किया है, सरासर गलत हैं।

इसके अलावा कोई ‘रिपब्लिक ऑफ हॉन्गकॉन्ग’ नहीं हैं। हॉन्गकॉन्ग एक विशेष मेट्रोपोलिटन क्षेत्र है जो वर्तमान में चीन के प्रशासन के अधीन है। इसकी एक विधान परिषद है जिसके चीफ एग्जीक्यूटिव कैरी लैम चेंग हैं। यह शहर 1997 तक ब्रिटेन के शासन में था, लेकिन चीन को उनके समझौते के अनुसार इसको सौंप दिया गया था। जिसके चलते अब हॉन्गकॉन्ग के लोग चीन से इसे पूर्ण लोकतंत्र की माँग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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