उत्तर प्रदेश में कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच प्रशासन को लेकर झूठी खबरें फैलाने का काम तेजी से हो रहा है। हाल में सोशल मीडिया पर कई जगह दावा किया गया कि यूपी में कोविड-19 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती होने के लिए संबंधित जिले के सीएमओ से अनुमति पत्र लेनी होगी।
इस दावे को भारत समाचार के एडिटर इन चीफ ब्रजेश मिश्रा समेत कई लोगों ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया।
ब्रजेश मिश्रा ने लिखा, “यूपी में कोरोना के किसी गंभीर मरीज को भर्ती होना है तो उसे सम्बंधित जिले के CMO से अनुमति पत्र लेना होगा। ऐसे लटकाने-अटकाने-भटकाने वाले आदेश जनता पर अत्याचार के समान है। कोरोना मरीज अस्पताल मे सीधे भर्ती नहीं हो सकते। सरकार को चाहिए की ऐसे आदेश वापस ले। पहले जीवन बचाना ज़रूरी है।”
यूपी में कोरोना के किसी गंभीर मरीज को भर्ती होना है तो उसे सम्बंधित जिले के CMO से अनुमति पत्र लेना होगा। ऐसे लटकाने-अटकाने-भटकाने वाले आदेश जनता पर अत्याचार के समान है। कोरोना मरीज अस्पताल मे सीधे भर्ती नहीं हो सकते। सरकार को चाहिए की ऐसे आदेश वापस ले। पहले जीवन बचाना ज़रूरी है।
— Brajesh Misra (@brajeshlive) April 14, 2021
वहीं वंशिका जनचेतना फाउंडेशन ने कहा, “ये अत्याचारी सीएम है जिसने शव के ढेर लगने के बाद अब यूपी में कोरोना के किसी गंभीर मरीज को भर्ती के लिए उत्पीड़न- करने वाले आदेश दिए, जिससे आम जनता इन्हें वोट दे पछता रही है। अत्याचारी योगी आदित्यनाथ राज में कोरोना मरीज सीधे भर्ती नहीं हो सकते, जिले के सीएमओ से अनुमति पत्र लेना होगा।”
ये अत्याचारी सीएम है जो शव के ढेर लगने के बाद अब यूपी में कोरोना के किसी गंभीर मरीज को भर्ती के लिए उत्पीड़न- करने वाले आदेश दिये जिससे आम जनता इन्हें वोट दे पछता रहीं अत्याचारी @myogiaditya राज में कोरोना मरीज सीधे भर्ती नहीं हो सकती जिले के सीएमओ से अनुमति पत्र लेना होगा। pic.twitter.com/GSf2RWoI4C
— वंशिका जनचेतना फाउंडेशन (@vanshikajanche1) April 14, 2021
एक अन्य यूजर ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “अच्छी बात है ,पर इस आदेश के बारे में क्या बोलोगे कि यूपी में कोरोना के किसी गंभीर मरीज को भर्ती होना है तो उसे सम्बंधित जिले के CMO से अनुमति पत्र लेना होगा। क्या योगी सरकार मेडिकल माफिया के आगे असहाय है या पतन की पहली सीढ़ी पर कदम रख चुकी है ?”
दावा: कोविड-19 पॉजिटिव मरीज को भर्ती होने के लिए सम्बंधित जिले के CMO से अनुमति पत्र लेना होगा।#InfoUPFactCheck: कोरोना संक्रमित मरीज को इंटीग्रेटेड कोविड एंड कमांड कंट्रोल रूम की मदद से एम्बुलेंस से लेकर टेस्ट और अस्पताल में भर्ती करने की व्यवस्था की जाती है। pic.twitter.com/LFQdJyZMVM
— Info Uttar Pradesh Fact Check (@InfoUPFactCheck) April 15, 2021
सोशल मीडिया में हो रहे दावों की हकीकत
महामारी के समय में ऐसे दावों की सच्चाई बताने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के आधिकारिक फैक्ट चेकिंग हैंडल ने स्वयं संज्ञान लिया। इन्फो यूपी फैक्ट चेक नाम के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से बताया गया है कि ये दावें फर्जी हैं। कोरोना संक्रमित मरीज को इंटिग्रेटेड कोविड एंड कमांड कंट्रोल रूम की मदद से एम्बुलेंस से लेकर टेस्ट और अस्पताल में भर्ती करने की व्यवस्था की जाती है। इसके लिए कहीं सीएमओ से अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 22 हजार 439 नए केस आए हैं। सिर्फ लखनऊ में 5183 केस आए हैं। प्रयागराज में 1888, वाराणसी में 1859 और कानपुर में 1263 मामले दर्ज हुए हैं। ऐसी स्थिति में महामारी को लेकर झूठी जानकारियाँ फैलाकर लोगों को भ्रम में रखना स्थिति को और चिंताजनक बना सकता है। ऐसे में कई सक्रिय यूजर्स सच्चाई को जानने के बाद, झूठ फैलाने वालों को फॉलो न करने की अपील कर रहे हैं।