सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर के दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिन्दू भीड़ ने एक मुस्लिम बुजुर्ग को मार डाला। न सिर्फ ALTNews चलाने वाले मोहम्मद जुबैर, बल्कि प्रोपेगंडा पत्रकार राना अय्यूब और AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी कभी इस झूठ को आगे बढ़ाया था। हालाँकि, इस संबंध में गाजियाबाद पुलिस की छानबीन के बाद सब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। ये आरोप झूठा निकला था।
Heartbreaking. A Hindutva mob in Uttar Pradesh lynched an elderly Muslim man & subjected him to a brutal attack, before cutting his beard off with scissors.
— Majid Freeman (@Majstar7) April 24, 2023
This everyday cowardly Hindutva extremism against Muslims & minorities needs to be stopped. #Indiapic.twitter.com/57iGtJSHQB
‘उम्माह’ के लिए काम करने वाले मजीद फ्रीमैन ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “ये दिल तोड़ने वाला है। हिंदुत्व भीड़ ने उत्तर प्रदेश में एक मुस्लिम बुजुर्ग को क्रूरता से मार डाला। इससे पहले उन पर हमला किया गया और उनकी दाढ़ी को कैंची से काट डाला गया। रोज-रोज हिन्दू कट्टरपंथियों द्वारा मुस्लिमों के खिलाफ होने वाली इस हिंसा को रोका जाना चाहिए।” हालाँकि, लोगों द्वारा आईना दिखाए जाने और सच्चाई बताए जाने के बावजूद उसने अब तक ट्वीट डिलीट नहीं किया है।
आगे बढ़ने से पहले बता दें कि एक तो ये मामला 2 साल पुराना है, ऊपर से ये वैसा नहीं है जैसा इसे बता कर पेश किया जा रहा है। जून 2021 में भी इस मामले को लेकर काफी हो-हंगामा हुआ था और तब भी इसका फैक्ट-चेक हुआ था तो ये आरोप झूठे निकले थे। मोहम्मद जुबैर को अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा था और उसने कबूला था कि ये मामला जैसा दिख रहा है वैसा नहीं है। उस समय कई इन्फ्लुएंसर्स ने इस झूठ को फैलाया था।
तब जिन लोगों ने इस झूठ को आगे बढ़ाया था, उनमें हिदायत करीम, ‘The Wire’, वारिस पठान, मोहम्मद शादाब, मोहम्मद शोएब पठान, फैजान सिद्दीकी, डॉ शमा मोहम्मद, साक्षी जोशी, सबा नकवी, हसीबा अमीन, सुचित्रा विजयन, सुजाता, अशरफ हुसैन, सुफियान खान, स्वरा भास्कर और अरफ़ा खानुम शेरवानी जैसे ट्विटर के जाने-पहचाने नाम शामिल हैं। जिस घटना के बारे में बात की जा रही है, वो कस्बा अनूपशहर के बुलंदशहर के मीरा मोहल्ला निवासी अब्दुल समद से जुड़ा है।
आगे बढ़ने से पहले ये भी बता दें कि मजीद फ्रीमैन ने लेस्टर और बर्मिंघम में हिन्दुओं के खिलाफ हुई हिंसा के दौरान भी जम कर झूठ फैलाया था। वो एक इस्लामी कट्टरवादी है। उसने लेस्टर में कुरान का अपमान होने की झूठी खबर फैलाई थी। हालाँकि, इसका कोई वीडियो या सबूत सामने नहीं आया। इसके बाद मुस्लिम भीड़ सड़कों पर निकली और जम कर हिंसा की गई। उसने ये झूठ भी फैलाया कि एक मुस्लिम लड़के को पकड़ कर हिन्दू भीड़ ने उसका मजहब पूछा और उसे पीटा।
‘हिंदुत्व भीड़ ने मुस्लिम बुजुर्ग को मार डाला’ – फैलाया जा रहा झूठ, अब जानिए सच्चाई
गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में सच्चाई बताई थी। पुलिस ने बताया था कि ये घटना जून 5, 2021 की है, जिसके बारे में पुलिस के समक्ष 2 दिन बाद रिपोर्ट दर्ज कराई गई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जब पुलिस ने जाँच की तो पाया कि पीड़ित अब्दुल समद बुलंदशहर से लोनी बॉर्डर स्थित बेहटा आया था। वो एक अन्य व्यक्ति के साथ मुख्य आरोपित परवेश गुज्जर के घर बंथना गया था। वहीं पर कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद आ गए।
वहाँ पर बुजुर्ग के साथ मारपीट शुरू कर दी गई। अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है। आरोपितों का कहना है उसके ताबीज से उनके परिवार पर बुरा असर पड़ा। अब्दुल समद गाँव में कई लोगों को ताबीज दे चुका था। आरोपित उसे पहले से ही जानते थे। पुलिस ने बताया था कि मुख्य आरोपित पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। कल्लू और आदिल भी गिरफ्तार कर लिए गए। अन्य अभियुक्तों की भी धर-पकड़ की गई थी।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित लोनी में मुस्लिम बुजुर्ग से मारपीट के मामले को सांप्रदायिक रंग देने के आरोपित सपा नेता उम्मेद पहलवान पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की गई थी। पूछताछ में पता चला था कि केस दर्ज होने के बाद खुद को फँसता देख उम्मेद पहलवान ने अब्दुल समद से हलफनामे पर यह लिखवाने की कोशिश की थी कि उससे जबरन ‘जय श्री राम’ बुलवाया गया था। इसके बाद आरोपित ने वीडियो को वायरल कर दिया।