डिजिटल इंडिया की ओर आगे बढ़ते हुए इस समय भारत के सामने कई चुनौतियाँ हैं। साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले इस डिजिटलाइजेशन का खूब फायदा उठा रहे हैं। ऑनलाइन फर्जीवाड़ा करने के लिए नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं। हाल का मामला देखें तो ऐसा प्रयास सरकारी नौकरी के नाम पर किया गया है।
दरअसल पिछले दिनों एक खबर सामने आई थी कि एसएससी, आईबीपीएस और आरबीआई में डायरेक्ट साक्षात्कार के जरिए भर्तियाँ होंगी, कोई परीक्षा नहीं ली जाएगी। इसमें आवेदन करने की अंतिम तारीख 31-12-2020 निर्धारित की गई थी। साथ ही कुल वैकेंसी संख्या भी 8,64,383 बताई गई थी। मतलब जो कोई भी सरकारी नौकरी के सपने देखने वाला इस पोस्ट को देखे, आवेदन करने के लिए तैयार हो जाए।
A website is claiming to be the official website of the National Recruitment Agency and is inviting applications for various posts.#PIBFactCheck: This website is #Fake. The NRA has not issued any advertisement/notice for recruitment against vacancies in the Government, as yet. pic.twitter.com/0Q0eq9fiuP
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 23, 2020
अब इसी झूठ का पर्दाफाश पीआईबी फैक्ट चेक द्वारा किया गया है। ट्विटर पर पीआईबी ने बताया, “जो वेबसाइट दावा कर रही है कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी ने विभिन्न पोस्टों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं, वह वेबसाइट फर्जी है। NRA ने कोई विज्ञापन और नोटिस इन वैकेंसियों की बाबत अभी तक जारी नहीं किए।”
गौरतलब है कि साइबर क्राइम को अंजाम देने के लिए ऐसे फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल अक्सर किया जाता रहा है। कई बार खबरों में हम ऑनलाइन फ्रॉड की खबरें पढ़ते हैं, बावजूद इसके नौकरी, डिस्काउंट आदि का लालच देख कर उनकी ओर आकर्षित हो जाते हैं। ऐसी वेबसाइट्स हमसे हमारी निजी डिटेल्स तो कलेक्ट करती ही हैं, साथ ही भुगतान राशि के नाम पर बैंक डिटेल्स की जानकारी भी ले लेती हैं।
अभी कुछ दिन पहले ही पीएम किसान योजना के नाम पर लोगों को 70000 रुपए का लालच देकर उनसे उनकी डिटेल्स माँगी जा रही थी। इस टेक्स्ट मैसेज का भंडा फोड़ते हुए पीआईबी फैक्ट चेक ने कहा था, “एक टेक्स्ट मैसेज में जो दावा किया जा रहा है कि पीएम पेंशन योजना 2020 के तहत योग्यता कन्फर्म हो गई है। वो पूरी तरह फेक है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसी कोई स्कीम नहीं चलाई जा रही।”