उत्तर-पूर्वी दिल्ली के चाँदबाग में दंगों के दौरान एक फर्नीचर के दुकान में भी आग लगा दी गई। ऑपइंडिया ने ‘अरोड़ा फर्नीचर’ के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों से संपर्क किया और वहाँ जाकर स्थिति का जायजा लिया। पता चला कि पूरे फ्लोर पर आग लगाई गई और समानों को लूट लिया गया। दुकान के मालिक ने बताया कि इस वारदात को कट्टरपंथियों ने अंजाम दिया है। उन्होंने जानकारी दी कि मजहबी भीड़ ने ‘अरोड़ा फर्नीचर’ वाली इमारत के सभी फ्लोर पर आग लगा दी और वहाँ रखे कुछ समानों को भी फूँक डाला। बाकी समान वो अपने साथ लूट कर ले गए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उसी गली में एक समुदाय विशेष के व्यक्ति की भी दुकान थी, जिसे जरा सा भी नुकसान नहीं पहुँचाया गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक़, दंगाई भीड़ ने दुकानों का बोर्ड पढ़-पढ़ कर ये तय किया कि किसे जलाना है और किसे छोड़ना है। यानी, हिन्दुओं की दुकानों को जलाया गया और दूसरे मजहब की दुकानों का छूआ भी नहीं। एक ‘गोयल मेडिकल स्टोर’ है, उसे भी लूट लिया गया। वैश्य समाज के लोगों की दुकानें थीं, जिन्हें या तो आग के हवाले कर दिया गया, या फिर लूट लिया गया।
इसका मतलब है कि सारे हिन्दुओं की दुकानों के बारे में जानकारी इकट्ठी कर ली गई थी। हिन्दुओं की गाड़ियों को भारी संख्या में जलाया गया। लोगों ने स्थानीय निगम पार्षद ताहिर हुसैन के बारे में बताया कि उसकी इमारत का परिसर बहुत बड़ा है, जिसमें एक तहख़ाना भी है। हुसैन आम आदमी पार्टी का नेता है और पार्टी भी उसके बचाव में उतर आई है। आईबी अधिकारी अंकित शर्मा सहित 4 लोगों की हत्या का आरोप भी उसके ही गुंडों पर है। चारों को मार कर उनकी लाशों को चाँदबाग़ की नाली में फेंक दिया गया था।
लोगों ने बताया कि ताहिर हुसैन के घर में क़रीब 3000 दंगाई जमा थे। कई संदिग्ध लोगों का आना-जाना लगा हुआ था, यानी काफ़ी पहले से इसकी साज़िश रची जा रही थी। अंकित शर्मा के बारे में लोगों ने बताया कि उन्हें घसीट कर ले जाया गया था। जब अंकित को पता चला कि ताहिर के गुंडे तीन लोगों को पकड़ के ले गए हैं, तब वो उन्हें छुड़ाने और लोगों को समझाने निकले थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि उसके थोड़ी देर बार ही अंकित की माँ अपने बेटे को ढूँढ़ते हुए चिंतित सी घूम रही थी। बाद में उनकी मौत की ख़बर आई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अंकित के मृत शरीर पर पत्थर बाँध कर नाले में फेंक दिया गया था। चाँदबाग़ में एक पुल है, जिसके दूसरी तरफ़ मुस्लिम बहुल क्षेत्र हैं। स्थानीय लोग इस पुलिया को ‘बॉर्डर’ भी कहते हैं। स्थानीय हिन्दू उस पुलिया को ‘बॉर्डर’ कह कर भी सम्बोधित करते हैं। दरअसल, ताहिर हुसैन का घर ही इस तरीके से बनाया गया है कि उससे चारों ओर का इलाक़ा कवर हो और अंदर जो भी लोग हों, वो एकदम सुरक्षित रहें। स्थानीय लोगों ने बताया कि उनलोगों ने ही उसे जिताया और वो अब उनके साथ ही ऐसा व्यवहार कर रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए अपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए स्थानीय लोगों ने नाराज़गी जताई। लोगों ने कहा कि वो हमेशा मीडिया में बयान देते रहते हैं और सुर्ख़ियों में बने रहते हैं, लेकिन उनके पार्षद की दंगों में भागीदारी सामने आई है तो उन्होंने मुँह पर टेप चिपका लिया है। कई ऐसे लोग भी सीएम से नाराज़ दिखे, जिन्होंने हालिया चुनावों में आम आदमी पार्टी को वोट दिया था।