अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान में लैंड करने के बाद चीन बौखलाया हुआ है। खबर है कि पहले चीन ने अमेरिका को धमकी दी थी कि वो नैंसी को ताइवान न भेंजे वरना ठीक नहीं होगा। लेकिन जब नैंसी ने मंगलवार (2 अगस्त 2022) को ताइवान में लैंड किया तो यह देख चीन और आग बबूला हो गया और अमेरिका को परिणाम भुगतने की धमकी दे दी । साथ ही ताइवान के नजदीक युद्धाभ्यास शुरू कर दिया।
इतना ही नहीं चीन ने ताइवान को टारगेटेड मिलिट्री ऑपरेशन की धमकी दी है। जिसके बाद हालातों को देखते हुए ताइवान में भी लेवल-2 का अलर्ट जारी हो चुका है। ये अलर्ट द्वीप पर 1996 के बाद पहली बार जारी हुआ है।
ताइवान के नजदीक चीन की सेना
खबरों के अनुसार, चीन की सेना ताइवान के नजदीक ड्रिल करने लगी है और उनके एंटी एयरक्राफ्ट गन आसमान में ताबड़तोड़ गोलियाँ बरसा रहे हैं। इसके अलावा ताइवान से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर चीन एम्फिबियस टैंक को तैनात कर चुका है। वहीं जंगी जहाज लायोनिंग और शैंनदोंग भी ताइवान की घेराबंदी के लिए रवाना किए जा चुके हैं।
चीन की स्थानीय मीडिया ने भी बताया है कि वहाँ की आर्मी ने ताइवान के बाद मिलिट्री ऑपरेशन को शुरू कर दिया है। चीन लगातार ताइवान को अपनी सैन्य ताकत दिखा रहा है। उसने अपने 20 से ज्यादा लड़ाकू विमानों को ताइवान की डिफेंस लाइन के पास भेजा और फिर उन्हें भेदते हुए एयर डिफेंस में घुस गए। इतना ही नहीं ताइवान सेना की मानें तो चीन ने KJ500 अवाक्स विमान और जेएफ16, जेएफ11, Y9 EW और Y8 ELINT विमान को तैनात किया हुआ था।
The Eastern Theater Command of the Chinese People’s Liberation Army (PLA) has begun a series of joint military operations around the Taiwan Island pic.twitter.com/9aoxTNZsgT
— China Xinhua News (@XHNews) August 2, 2022
चीन-ताइवान विवाद में अमेरिका घुसा
गौरतलब है कि अमेरिकी नेता के एक दौरे की वजह से ताइवान पर चीन का संकट गहरा गया है। दूसरी ओर खबर है कि रूस भी ताइवान मामले में चीन के साथ आ चुका है। उन्होंने भी पेलोसी के दौरे को उकसाने वाली कार्रवाई कहा है।
याद दिला दें कि अमेरिका ने यूक्रेन के समय में इसी तरह नाटो के नाम पर रूस को भड़काने का काम किया था और बाद में मदद को कितना आगे आए ये पूरी दुनिया ने देखा। अब ताइवान के समय भी यही हाल हो रहा है। एक ओर चीन है जो सालों से ताइवान को हड़पने की ताक में बैठा है और दूसरी ओर अमेरिका है जो दावा तो करता है कि वो चीन-ताइवान विवाद में ताइवान के साथ होंगे। लेकिन समय आने पर ये साथ किस तरह निभाएँगे ये नहीं बताते।